हिंदी दैनिक अखबार “प्रभात खबर” को संचालित करने वाली कंपनी उषा मार्टिन के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी है।सीबीआई ने उषा मार्टिन के प्रवर्तकों, कंपनी और झारखण्ड सरकार के तत्कालीन खान सचिव आई डी पासवान के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
मामला दर्ज होने के बाद उषा मार्टिन के कोलकाता स्थित मुख्यालय समेत कई अन्य वाणिज्यिक ठिकानों पर छापेमारी भी की गयी। ज्ञात हो कि यूपीए के शासन काल में झारखण्ड राज्य अवस्थित पश्चिम सिंहभूम जिले के घाटकुरी गांव में लौह अयस्क खनन पट्टे के मामले में अन्य आवेदकों को दरकिनार करते हुए उषा मार्टिन को लाभ पहुंचाये जाने का आरोप था। मामला साल 2005 का था। तब के खान सचिव पासवान पर इस बात का आरोप है कि उन्होंने जान बूझकर झारखण्ड सरकार को नुकसान पहुंचाया और उषा मार्टिन को गलत तरीके से मदद पहुंचायी।
मजेदार बात यह कि झारखण्ड के प्रमुख अखबारों ने इस खबर पर रहस्यमयी चुप्पी बनाये रखी या हल्के में इस खबर को निपटा दिया। भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन का दावा करने वाले अख़बार प्रभात खबर की पत्रकारिता अब सवालों के घेरे में है। पिछले कई महीने से प्रभात खबर गलत कारणों से सुर्खियों में रहा है। कभी अपने कर्मचारियों को मजीठिया का लाभ नहीं देने के कारण तो कभी अख़बार पर झारखण्ड के एक जिले में मामला दर्ज होने की वजह से तो कभी प्रभात खबर के प्रधान संपादक एवं जदयू से राज्यसभा सांसद हरिवंश द्वारा अख़बार से नाता पूरी तरह तोड़ लेने की वजह से। अख़बार की आंतरिक स्थिति पहले से कमजोर हो चुकी है। वहीँ अब प्रभात खबर के मालिकों पर सीबीआई द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद प्रभात खबर के भविष्य पर संशय के बादल छाये नज़र आ रहे हैं।