कहते हैं कि मीडिया हाउस शुरू करके कोई भी आदमी पावर और पैसा यानि सत्ता सिस्टम व कार्पोरेट का प्रियपात्र बन सकता है. लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी के मामले में यह जुमला फेल हो गया. एक अखबार के चक्कर में इन दोनों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू कर दी. जिस अखबार के चक्कर में ये दोनों फंसे हैं, उसका नाम है- ‘नेशनल हेराल्ड’. प्रवर्तन निदेशालय ने ‘नेशनल हेराल्ड केस’ में सोनिया और राहुल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस केस को सुर्खियों में लाने का श्रेय भाजपा नेता सुब्रह्मणयम स्वामी को जाता है. इन्होंने ही सोनिया और राहुल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी की जांच में अगर फेमा के उल्लंघन की शिकायत सही पाई गई तो मां-बेटे के खिलाफ रेगुलर केस दर्ज किया जाएगा. प्रवर्तन निदेशालय अभी जांच करके यह पता लगाएगा कि दोनों गांधी के खिलाफ केस बनता है या नहीं. नेशनल हेराल्ड केस में पटियाला हाउस कोर्ट ने सम्मन जारी कर राहुल गांधी और सोनिया गांधी को 7 अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए कहा था. जुलाई के शुरू में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मामले में जांच की अपील की थी. स्वामी ने दावा किया था कि नेशनल हेराल्ड के ऑफिस समेत अन्य मूल्यवान सम्पत्ति हड़पने के लिए दोनों ने मिलकर कानून का उल्लंघन किया.
स्वामी ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस ने यंग इंडियन नाम से कंपनी बनाकर फर्जीवाड़े के जरिए नेशनल हेराल्ड अखबार का स्वामित्व रखने वाली कंपनी द एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति पर कब्जा कर लिया। कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है. ज्ञात हो कि द एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (टीजेएल) नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है. इस अखबार की स्थापना आजादी से पहले जवाहरलाल नेहरू ने की थी. 2008 में सोनिया गांधी ने घाटे के बाद इसे बंद कर दिया. कांग्रेस ने 2011 को टीजेएल की 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने ऊपर ले लिया. इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी जबकि मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस की 24 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके बाद टीजेएल ने 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडियन को दे दिए. 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को टीजेएल के 99 प्रतिशत शेयर हासिल हो गए. इसके बाद कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया. स्वामी ने इस 90 करोड़ रुपये के मामले पर शक जताया है.