बृहस्पति कुमार पांडेय-
बस्ती जिले में नेटवर्क 10 के पत्रकार रत्नेश्वर मिश्र पर जनपद के लालगंज थाना अंतर्गत भ्रष्टाचार का आरोप झेल रही एक ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के गुर्गों ने हमला कर मारा पीटा। इस संदर्भ में जब पत्रकार रत्नेश्वर मिश्र ने स्थानीय थाने पर तहरीर दी तो कोई कार्यवाही नहीं हुई।
यही नहीं, जिले में अपने आप को स्वयंभू मानने पत्रकार इस मामले में विरोध करने या पत्रकार के पक्ष में खड़ा होने तो नहीं आए। यह जरूर हुआ की पत्रकार रत्नेश्वर मिश्र को बदनाम करने में लग गए। इसमें से तो कुछ ऐसे पत्रकार भी थे आरोपी प्रधान और उसके गुर्गों का बेहद करीबी माना जाता है। ऐसे लोग खुद के गिरेबान में झांक कर देखे की वह खुद कितना ईमानदार हैं।
रही पत्रकार रत्नेश्वर मिश्र के भ्रष्ट होने की तो अगर ऐसे महान स्वयंभू पत्रकारों के पास इस संदर्भ में कोई साक्ष्य था या है तो उसे सार्वजनिक करते हुए आरोप प्रत्यारोप लगाना चाहिए था। जबकि रत्नेश्वर मिश्र भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे उक्त ग्राम पंचायत की खबर कवर रहे थे और उसे चला भी रहे थे।
जो स्वयंभू पत्रकार दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे हैं उन्हीं पर आरोप लगाते हुए पत्रकार रत्नेश्वर मिश्र ने अपने फेसबुक पेज पर अप्रत्क्ष रूप गुहार लगाते हुए अपने जान को खतरा बताते हुए माननीय मुख्यमंत्री महोदय से आपने जान माल के सुरक्षा की गुहार लगाई है। पत्रकार रत्नेश्वर मिश्र को दौड़ा दौड़ा कर मारा गया। जिले के किसी भी पत्रकार के कान पर जूं तक न रेंगी, न कोई पत्रकार संगठन आगे आया।
यह जरूर हुआ की प्रधानों, भ्रष्टाचारियों की दलाली करने वाले पत्रकार रत्नेश्वर मिश्र को दोषी ठहराने लगे। सौ–दो सौ की दलाली करने वाले ऐसे पत्रकारों में जरा भी शर्म बची है तो पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें।