Yashwant Singh : पुरस्कार थोड़ा बड़ा-सा हो तो क्या भाजपा और क्या कांग्रेस, किसी से भी ले लेने में कोई दिक्कत नहीं। बाद में कह दीजिएगा, अपने लिए नहीं, दूसरे बेचारे गरीब पत्रकारों के लिए ले लिया था। हिप्पोक्रेट कुमार गाल बहुत बजाते हैं और हम सबको उल्लू बनाते हैं। रविश ndtv में 300 की छंटनी के खिलाफ नहीं लिख बोल सकते, रामनाथ अवार्ड नहीं ठुकरा सकते, क्योंकि वो ndtv के गोदी पत्रकार हैं। इसलिए बेचारे दासता को क्रांति के नाम पर बेचने को मजबूर हैं।
भड़ास के एडिटर यशवंत के उपरोक्त एफबी स्टेटस पर आए ढेर सारे कमेंट्स में से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं….
Dinesh Mansera वेंकैय्या जी अब बीजेपी में नहीं रहे.. वे उप राष्ट्रपति हैं…
Yashwant Singh योगी जी cm हैं और मोदी जी pm हैं। भाजपा अब रही कहां। वो संवैधानिक पन्नों कुर्सियों में समा गई।
Nitin Thakur हां तो जब आप योगी से ले रहे थे तब हमने आपको हिप्पोक्रेट कतई नहीं कहा था.
Yashwant Singh हिप्पोक्रेट को ही हिप्पोक्रेट कहा जाता है।
Nitin Thakur यशवंत जी, मेरी नज़र में आप दोनों हिप्पोक्रेट नहीं हैं लेकिन जिस आधार पर आप रवीश को हिप्पोक्रेट ठहरा रहे हैं उस आधार पर आप उनसे पहले इस श्रेणी में बाज़ी मार चुके हैं.
Yashwant Singh गोदी मीडिया, फासिज़्म, आपातकाल, सेंसरशिप…. और फिर इन्हीं सबों के जनक लोगों से कलम हासिल करना.. और फिर कहना, दूसरे पत्रकारों के लिए लिया हूं। आप करें तो क्रांति, दूसरा करे तो गोदी मीडिया। 😀 मेरा अपना खुद का फंडा क्लीयर है। हर मंच का भड़ास हित मे इस्तेमाल करना है। जो भी गलत हुआ, उसके खिलाफ बोलना है, चाहें गोदी मीडिया वाले हों या कांगी-वामी मीडिया वाले। रविश ndtv में 300 की छंटनी के खिलाफ नहीं लिख बोल सकते, रामनाथ अवार्ड नहीं ठुकरा सकते, क्योंकि वो ndtv के गोदी पत्रकार हैं। इसलिए बेचारे दासता को क्रांति के नाम पर बेचने को मजबूर हैं।
Avinish Mishra वैंकेया जी का पिछले दिनों का बयान सब सुनिए फिर पता चल जाएगा कि वो अभी भी भाजपाई का ही बर्ताव कर रहे हैं… मेरा इसमें एक और सवाल है। रवीश कुमार में अगर इतनी ही नैतिकता है। तो उन्हें ये बताना चाहिए कि उन्होंने रेणु साहित्य सम्मान किस टैलेंट पर लिए है?
Ashutosh Pandey कुमार की पत्रकारिता को नमन…जो भी लोग कहें…दम है भाई…
Satyendra PS अच्छा ये बताइए कि गरियाया किसको किसको जा सकता है। कुछ लोग कहते हैं कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति वगैरा को नही गरियाना चाहिए, पीएम सीएम को गरिया सकते हैं?
Neeraj Rawat Yashwant ji personal mat hoiye aap m v kabiliyat h pr avi utani nahi …ye wahi baat h tu kare to saal. Mai karu to character dhila h…present seniors ravish is best
Ved Ratna Shukla यशवंत भैया अब चारसौबीसी न बतियावा।
पंकज शर्मा यही हाल है इनका और इन जैसे तथाकथित लोगो का। ओम थानवी भी कल्याण सिंह से पुरुस्कार लेने से गुरेज नहीं करते
Harsh Vardhan Tripathi आप गलत समझ रहे हैं, वे सरकार से हमारे-आपके लिए ही तो लड़ते रहते हैं। पुरस्कार रहता है तो, थोड़ा मजबूती से लड़ पाते हैं। हम जैसे गैर पुरस्कृत पत्रकारों को ये बात भला कहां समझ आने वाली..
Aditya Pandey धमकाते रहो, चमकाते रहो और दुकान चलाते रहो…. जस्टिस लोया पर तीन प्राइम टाइम करो और हर बात झूठी साबित हो जाये तो मासूम सा चेहरा बना कर चुप बैठ जाओ… जिस समय ये महाशय अपनी ‘झूठ सच पत्रकारिता’ का इनाम ले रहे हैं तब अपने मैनेजमेंट के उस निर्णय की जानकारी है जिसमें इनके 300 साथियों को बेरोज़गार हो जाने वाले हैं…कहीं नज़र आ रहा है कोई अवसाद या दुःख? साल में करोड़ों की कमाई लेकिन गरीबों का नाम ले ले कर ग्लिसरीन आंसू बहाने वाले और हर बार अपने मालिक की कारगुज़ारियों पर चुप रह जाने वाले रविश बाबू को गोयनका इनाम की बधाई…
प्रयाग पाण्डे पुरस्कार लौटाने के लिए भी तो कुछ पुरस्कार होने चाहिए अपने पास ।हम यह सोच -सोच दुबलाए जा रहे हैं कि जब कभी पुरस्कार वापसी की मुहिम शुरू हुई तो हमारे पास लौटाने को कोई पुरस्कार है ही नहीं। दरअसल पुरस्कार प्राप्त करना और पुरस्कार वापसी दोनों इंसान के कद को बढ़ाते हैं।
Mangla Prasad Tiwari इस दौर के शानदार पत्रकार रवीश कुमार को एक बार फिर रामनाथ गोयनका अवार्ड मिला है . बधाई . यूँ ही अलख जगाए रखिए . सत्ता के लिए मुनादी तो कोई भी कर सकता है . झाल -मृदंग लेकर झूम रहे पादुका पूजकों के दौर में Ravish Kumar जी को तन कर खड़े रहने के लिए एक बार फिर बधाई
Harendra Moral भाईसाब ये पुरस्कार पत्रकारिता पर मिला है उसे लेने में क्या दिक्कत है। आखिर एक पत्रकार की यही तो असली कमाई और जमा पूंजी है। और वैसे भी ये पुरस्कार भाजपा नेता नहीं उप राष्ट्रपति ने दिया है।
Neeraj Rawat लहरों का सुकुन तो सभी को पसंद है मगर। तूफानों से कश्ती निकालने का मजा ही कुछ और है। बधाई रविश जी को…
Tahir Khan अवार्ड लेने में कोई बुराई नहीं है सर किसी से भी लिया जा सकता है सर कलकों अगर PM साहब आपको अवार्ड दें तो आप कौन सा मना कर देंगे!
Manmohan Sharma Award paney key liye awardee ko kimit deni hoti hey. Vasey patarkarta key liye award koi jari nahi hota
Faisal Rajput Indian mansikta. “Jalan” ya kisi ki kamiyabi par jalna is Very dangerous deseas…. This is part of Indian culture.. “Hamko Nahi Mila to usko Q Mila?”
Neeraj Rawat साँरी पर अपने को रविश के साथ तुलना करना थोडा बेमानी होगी। आप भी अच्छे है। पर रविश जैसे बिल्कुल भी नहीं।
O.p. Pandey यशवंत जी आपका हम फेन हूँ लेकिन इस बात पर बहस की पूरी गुंजाइस भी है कि दरसल सरकार की नीतियों के खिलाफ होना और सरकार को ही नकारना दो पहलू है शायद आप हम सभी किसी ना किसी तरह से उन्ही सरकारों के नुमाइंदों के साथ ही मंच शेयर करते हैं? पुरुस्कार लेना और देना दोनों ही बहस के इस दौर में अप्रासंगिक लग जरूर रहे हैं लेकिन अप्रसांगिक है नही । शायद उसी तरह जैसे पूजी के खिलाफ लिखने वाला पूजी के द्वारा पोषित मच और उस मंच पर दिए जाने वाले किसी भी व्यक्तिविशेष जोकि पूजी का समर्थक है से प्राप्त करता है और बिना पूजी वाला तो ना पुरुस्कार देने में सक्षम है और ना पूजी प्राप्त करने में । इस व्यवस्था में ही सब होना है इसलिए मेरी राय में यह ज्यादा बड़ा मुद्दा नहीं है।
Yashwant Singh अपना फंडा क्लीयर है। हर मंच का भड़ास हित मे इस्तेमाल करना है। जो भी गलत हुआ, उसके खिलाफ बोलना है, चाहें गोदी मीडिया वाले हों या कांगी-वामी मीडिया वाले। रविश ndtv में 300 की छंटनी के खिलाफ नहीं लिख बोल सकते, रामनाथ अवार्ड नहीं ठुकरा सकते, क्योंकि वो ndtv के गोदी पत्रकार हैं। इसलिए बेचारे दासता को क्रांति के नाम पर बेचने को मजबूर हैं।
Sarvesh Singh हिप्पोक्रेट कुमार अपने मालिक के सबसे ईमानदार नौकर हैं। रॉय साहेब का इतना महंगा नमक खा रहे हैं तो अदा भी वही करेंगे। हिप्पोक्रेट कुमार जो क्रांतिकारी पत्रकारिता करते हैं असल में वह नमक अदायगी मात्र है। भक्ति काल के पहले वाले युग में हिप्पोक्रेट कुमार की इतनी प्रखर और मुखर पत्रकारिता मैंने तो नहीं देखी। मुझे लगता है कि आज लुभावने और क्रांतिकारी भाव पैदा करने वाले बोल बोलने का भी युग चल रहा है जो जितना लोगों की भावनाओं से खेलेगा वह उतना ही अच्छा पत्रकार और नेता कहलाएगा।
Pawan Singh वाह क्या “कतरन” पोस्ट की है…वाह यशवंत ….
Care Naman पुरुस्कार लेंगे तभी तो पुरुस्कार वापसी वाले गैंग में शामिल होंगे कस्बा आखिर कस्बा ही तो है ?
Devendra Kumar Nauhwar You are right sir…
Manish Singh अब तक की सबसे सही विवेचना ।शानदार
Abhishek Singh लेंगे तभी तो वापसी कर पाएँगे॥
Arun Sathi बात में दम है
Vishwakarma Harimohan काश! इनका कोई जमीर होता।
Dharmpal Yadav सही कहा आपने। बाहर से जो दिखता है वह अंदर नहीं होता।
Ankur Verma उपराष्ट्रपति पुरस्कार दे रहे हैं, न कि कोई bjp नेता। फिर अच्छे काम के लिये अगर रिवॉर्ड मिल रहा है तो उसको बेवजह ठुकराने का कोई तर्क नहीं दिखता।
Yashwant Singh इसीलिए मैंने भी cm योगी के हाथों अवार्ड लिया था 🙂 😀
Sishupal Khatri सर्वश्रेष्ट हमेशा सर्वश्रेष्ट ही रहता है चाहे कितनी भी कठिनाईया क्यों न हो , रवीश ने दिखाया है कि पत्रकारिता कैसे की जाती है , , चाहे कितनी गालिया ओर धमकियां र तरह तरह के आरोप लगे हो , पर चाटुकारिता पर पत्रकारिता भारी पड़ी है ,, जय हिंद
Ankur Verma काम को लेकर आलोचना करना अलग विषय है, लेकिन होता तो cm भी संवैधानिक रूप से राज्य कार्यपालिका प्रमुख ही है। उससे अवार्ड लेने में कोई बुराई नहीं है।
Rahul Sharma CM yogi bhajapa ka neta he aur deputy president BJP neta nahi
Pawan Kumar Pandey एक झटके में सब को गोदी मीडिया भी ठहरा जाते हैं.हथेली पे लिखते है और खुद ही मिटा देते हैं.ऐसा करते वक्त भूल जाते हैं देश के दूर दराज और दुर्गम जगहों पर लोग कैसे पत्रकारिता के पेशे का निर्वहन कर रहे हैं
Sunil Kumar Singh जो रहीम उत्तम प्रकृति , का करि सकल कुसंग। चंदन विष व्यापत नही लिपटे रहत भुजंग।।
Bijender Rai इनसे लेने का अपना ही मजा है
S.K. Misra यह पुरुस्कार रवीश को तीसरी बार मिल रहा है… क्या यह साधारण बात है? और कितने ऐसे लोग होंगे।
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sunil kumar
December 23, 2017 at 1:10 pm
RAVISH PARDARSHI PATRAKAR HAIN.DARSHAKO KO PATA CHAL JATA HAI KI RAVISH KISKE SATH HAI. UNKE EK EK SHABDA SE PTAA CHALATA HAI KI RAVISH HATH DHO KAR MODI KE PICHHE PARE HAIN , CHINAV KA RESULT KE SAMAY TO UNKA GALA SUKHTA RAHTA HAI.