दैनिक जागरण प्रबंधन ने अपने सभी संपादको को भूमिगत होने का निर्देश दिया!

Share the news

खोज खोज कर जागरण सम्पादकों को पकड़ रही है पुलिस… चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में देश की सर्वोच्च चुनावी अथॉरिटी चुनाव आयोग द्वारा दैनिक जागरण के 15 जिलों के संपादकों सहित प्रधान संपादक और प्रबंध निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश का अनुपालन करते हुए यूपी पुलिस संपादकों को गिरफ्तार करने में जुट गई है. शेखर त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उन्हें जमानत मिल गई.

दैनिक जागरण में आज इस बात की भी चर्चा रही कि शेखर त्रिपाठी सिर्फ एक मोहरा मात्र हैं जिन्हें गाजियाबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार कराकर दैनिक जागरण के प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता अपने बचने का एक रास्ता खोज रहे हैं. सूत्रों का तो यहाँ तक कहना है कि सोमवार की रात जागरण कार्यालय में वकीलों की भारी भरकम एक टीम भी पहुंची थी तथा प्रबंधन द्वारा दैनिक जागरण के सभी संपादकों को भूमिगत होने का निर्देश दिया गया है.

पुलिस अब 15 जिलों के संपादकों / ब्यूरो चीफों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है. चुनाव आयोग के आदेश के बाद दैनिक जागरण के संपादकों और प्रबंध निदेशक की अकल ठिकाने आ गयी है. पुलिस ने लखनऊ और दिल्‍ली में दैनिक जागरण के कई संपादकों के ठिकानों पर छापेमारी की. पुलिस ने जागरण न्‍यू मीडिया की सीईओ सुकीर्ति गुप्‍ता, जागरण इंग्लिश ऑनलाइन के डिप्‍टी एडिटर वरुण शर्मा और डिजीटल हैड पूजा सेठी के घरों पर भी छापे मारे.

इससे पहले चुनाव आयोग के आदेश पर पुलिस ने शेखर त्रिपाठी, दैनिक जागरण के कार्यालय और सर्वे करने वाली संस्‍था आरडीआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इनके खिलाफ उत्‍तर प्रदेश के पहले चरण के चुनाव के बाद एग्जिट पोल प्रकाशित करने का आरोप है. बताते हैं कि चुनाव आयोग ने पहले चरण के 15 जिला निर्वाचन अधिकारियों को सर्वे करने वाली संस्‍था ‘रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और दैनिक जागरण के प्रबंध सम्पादक, संपादक या मुख्य संपादक  के खिलाफ तत्‍काल एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया था.

शशिकान्त सिंह

पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट

मुंबई

9322411335

संबंधित खबरें…

xxx

xxx

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें, नई खबरों से अपडेट रहें: Bhadas_Whatsapp_Channel

भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

Comments on “दैनिक जागरण प्रबंधन ने अपने सभी संपादको को भूमिगत होने का निर्देश दिया!

  • अरुण श्रीवास्तव says:

    आखिर दैनिक जागरण वाले (वैसे सभी अखबार/चैनल वाले) खुद को समझते क्या है ? ये नियम-कानून को मानते क्यों नहीं। ये मिनिमम वेज नहीं देते, श्रम कानूनों को नहीं मानते और तो और ये कोर्ट- कचहरी को भी ठेंगे पर रखते हैं क्यों। ये खुद को खुदा क्यों मानते हैं।
    इसके पहले भी जागरण बरेली या मुरादाबाद ने मतपत्र छाप दिया था कि वे कूड़े में पड़े थे। उसमें भी इन्हें अदालत के चक्कर काटने पड़े थे।

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *