पायनियर के प्रबंध संपादक संजय शेखर ने संस्थान को अलविदा कहकर एकबार फिर से इंडिया न्यूज़ के साथ अपनी नई पारी की शुरूआत की है। इंडिया न्यूज़ ने उन्हें बतौर राजनीतिक संपादक छत्तीसगढ़ में तैनात किया है। इससे पहले भी संजय शेखर करीब चार साल तक इंडिया न्यूज़ को छत्तीसगढ़ में हेड कर चुके थे लेकिन पिछले साल सितंबर में ही उन्होंने इंडिया न्यूज़ को छोड़कर पायनियर अखबार के प्रबंध संपादक की जिम्मेदारी संभाली थी। 11 सितंंबर को पायनियर प्रबंधन ने संजय शेखर को अपने संस्थान में एक बैठक कर विदाई दी।
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई करनेवाले संजय शेखर पत्रकारिता में स्नातकोत्तर और पीएच.डी भी है। संजय शेखर छत्तीसगढ़ के तेज तर्रार पत्रकार के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें एडिटोरियल के साथ-साथ मैनेजमेंट का भी बेहतरीन अनुभव है और यही वजह है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में कई मीडिया संस्थानों को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कई राजनीतिक खबरों को ब्रेक किया है।
संजय शेखर की पहचान नक्सल मुद्दों पर बारीक पकड़ रखने वाले पत्रकारों में होती है और संजय शेखर ने एक पत्रकार के रूप में ‘दण्डकारण्य’ में काम करने वाले सभी बड़े नेताओं के इंटरव्यू किए है, जिसमें माओवादी सेन्ट्रल कमेटी के मेंबर भूपति, कोसा, कुख्यात नक्सली पापा राव, नक्सलियों के प्रवक्ता गुड्सा उसेंडी और कई अन्य बड़े नक्सली नेता शामिल है।
उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री रहे माओवादी नेता पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड का भी इंटरव्यू किया है। संजय शेखर पत्र-पत्रिकाओं के लिए भी लगातार लिखते रहे हैं। संजय शेखर ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संप्रेषण (कम्युनिकेशन) विषय पर अपना पीएचडी किया है।
संजय शेखर ने छत्तीसगढ़ में ईटीवी के ब्यूरो चीफ के रूप में पांच साल (2002-2007), साधना न्यूज के स्टेट हेड के रूप में पांच साल (2007-2013), जिया न्यूज में रायपुर के स्टेट हेड के तौर पर मात्र 6 महीने (अगस्त, 2013 से जनवरी, 2014), इंडिया न्यूज छत्तीसगढ़ प्रमुख के रूप में करीब 4 साल (जनवरी, 2014 से सितंबर, 2017 तक) और पायनियर के प्रबंध संपादक के रूप में ( सितंबर 201 से अगस्त 2018 तक) की शानदार पारी खेली है।
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