श्याम मीरा सिंह-
आज IPS Sanjiv Bhatt और उनके परिवार से मिलने के लिए गुजरात पहुँचा। बनासकांठा ज़िले के पालनपुर में उन पर लगाए एक केस की सुनवाई चल रही है। आसपास के पुलिसकर्मी उनसे कितना प्यार करते हैं बता नहीं सकता।
इतने साल जेल में रहने के बाद भी संजीव भट्ट की बातों से लगा नहीं कि वे पीछे हटेंगे.. सुखद बात ये है कि संजीव भट्ट शारीरिक रूप से भी 59 साल की उम्र में जेल में व्यायाम करते हैं, 5 किमी दौड़ते हैं। ढेरों किताबें पढ़ते हैं।
मैंने जब उनसे पूछा कि सर 4 साल हो गए मन नहीं करता बाहर आने का। वे बोले-मुझे कोई तकलीफ़ नहीं है, मैं खुश हूँ। मैंने उनसे कहा आप दोनों(पति और पत्नी) का पागलपन ही मुझे यहाँ खींच लाया। जितने दीवाने संजीव भट्ट हैं, उतनी ही हिम्मती और प्यारी उनकी पत्नी श्वेता भट्ट…
संजीव भट्ट ने उमर ख़ालिद के बारे में भी पूछा, मैंने जब कहा कि उमर भी आपकी तरह ही मजबूत हैं, तो दुःख और आश्चर्य करते हुए बोले कि क्या उमर अभी भी रिहा नहीं हुआ?
संजीव भट्ट, उमर ख़ालिद, तीस्ता सीतलवाड़ और हिमांशु कुमार जैसे लोग हमारे असली हीरो हैं।



इस 5 सितंबर के दिन संजीव भट्ट को जेल में 4 साल हो जाएँगे। यानी 1462 दिन जेल में। जितने भी पत्रकार हैं, या नागरिक हैं, जो कभी लिखते-बोलते हैं, या अगर बोलते भी नहीं हैं, तब भी आपसे उम्मीद है कि संजीव आपकी आवाज़ बने, अदालत में सरकार के ख़िलाफ़ खड़े हुए, आप भी संजीव की आवाज़ बनेंगे।
संजीव कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से हैं. जो इधर उधर से होते हुए गुजरात आए। नीचे की तीन तस्वीरें संजीव भट्ट के घर पहुँचने पर मैंने खींची। संजीव की पत्नी अकेली रहती हैं। अकेले ही कोर्ट की लड़ाई लड़ रही हैं। उनके दो बेटे और बेटी हैं। दोनों को सुरक्षा कारणों से बाहर भेज दिया। 30 साल की बेटी आकाशी इतनी टैलंटेड है कि क्या बताऊँ। आक्स्फ़र्ड में पढ़ती है। रोबोटिक सर्जरी की पढ़ाई कर रही है जिसे पढ़ने का मौक़ा दुनिया में सिर्फ़ कुछ ही विरले लोगों को मिलता है। ऊपर से ऑक्स्फ़र्ड यूनिवर्सिटी।
उनका बेटा शान्तनु भी विदेश में ही पढ़ रहा है आर्किटेक्चर काम है। लंदन एयरपोर्ट की डिज़ाइन का काम कर रहे हैं। दोनों बच्चे अपने दम पर स्कॉलरशिप लेकर बाहर पढ़ने का मौक़ा पाए हैं। ऐसे ही संजीव भी देश की पुलिस सेवा में सबसे Talented पुलिस अधिकारियों में से एक हैं। IPS में टोप रैंक ली। IIT से पढ़े। ज़िंदगी भर ईमानदारी से काम किया।
साबरमती जेल के क़ैदियों ने उनके ट्रांसफ़र के समय भूख हड़ताल की थी। इससे अंदाज़ा लगा लीजिए उनका मानवीय व्यवहार कैसा रहा होगा। गुजरात दंगों के बाद जब कोर्ट में गवाही देने की बात आई तो बाक़ी अधिकारी पलट गए, लेकिन संजीव भट्ट खड़े रहे। वो भी ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ जिनका अतीत और भविष्य वे जानते थे। संजीव भट्ट के बेटे शान्तनु ने जो अभी ब्रिटेन में है, उसने फ़ोन पर बताया कि पापा की गवाही के तुरंत बाद, साल 2011 में जब पहली बार गुजरात पुलिस ने पापा को अरेस्ट किया था तभी जज ने कहा था कि समझौता कर लो, मैं अभी ज़मानत दे दूँगा। लेकिन पापा ने कहा कि मैं इन लोगों से समझौता नहीं करूँगा।
संजीव भट्ट जैसे लोग इतनी बड़ी ताक़तों से लड़ जाते हैं ये सोचकर कि अगर उनपर ज़्यादतियाँ हुईं, तो आप उनका साथ देंगे। पाँच सितंबर को उनके चार साल पूरे होने जा रहे हैं। मुझे लगता है आपको उनका साथ देना चाहिए। कम से कम एक लाइन अपनी Facebook, ट्विटर, WhatsApp.. कहीं तो लिखना चाहिए। संजीव की पत्नी श्वेता आप सबका प्यार पढ़ती हैं, खुश होती हैं, उन्हें आपके लगाव से बहुत मोहब्बत है। इन दिनों आपके प्यार की थोड़ी और ज़रूरत है, ये उनके लिए इमोशनल करने वाले दिन हैं।
हिमांशु कुमार-
साहसी पत्रकार श्याम मीरा सिंह गुजरात जाकर पूर्व पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट से जेल में मिलकर आए हैं। वह फोन पर बता रहे थे कि संजीव भट्ट ने उनसे मेरे बारे में भी पूछा और बताया कि हिमांशु भाई हमारे दोस्त हैं।
उनकी बात सुनने के बाद से मैं बहुत बेचैन हूं कि हमारा दोस्त जेल में है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
संजीव भट्ट निर्दोष हैं वह अपने साहस और जमीर की वजह से जेल में बंद हैं। बेचैनी इस बात की भी है कि सत्ता पर अपराधी लोग काबिज़ हैं वे देश के आवाम और मुल्क की हालत दिन पर दिन खराब करते जा रहे हैं।
Comments on “चार साल से जेल में बंद आईपीएस संजीव भट्ट से मिलने गुजरात पहुँचे युवा पत्रकार श्याम मीरा सिंह, देखें तस्वीरें”
Real hero and my fevrate ideal person,sanjeev bhat sr, salute sr ko but bjp party are very bad and big Robber, dedacteor, criminal )saty pareshan ho sakta h but har nahi sakta h
Allah salamat rakhe ye wo log h , jinhe aaj bhagat Singh kaha jaye, sir, apko or apke parivar ko meri subh kamnaye, inshallah , jald rihai hogi ( aap jese logo se hum bahar walo ko bahut taqviyat milti. Allah ki hifazat me.
Real Hero of Indian IPS officer who fighting with the power of Political power Godi Media and all odds of today’s power house God gave him a brave heart to fight for truth till his life