समर अनार्या-
अग्निपथ का भारी विरोध होते देख सरकार का पालतू आनंद महिंद्रा तुरंत दौड़ा- बोला शानदार योजना है। 4 साल सेना से फेंक दिए गए इन अग्निवीरों को हम अपने यहाँ चौकीदार बनाएँगे।
तुरंत एक पूर्व नौसेना अध्यक्ष और एक पूर्व वायुसेना उपाध्यक्ष ने कॉलर पकड़ ली- चार साल बाद क्यों दोगे। सेना से हर साल हज़ारों सैनिक और अधिकारी रिटायर होते हैं- अभी कितने को दी है आँकड़ा दो।
दुनिया भर के तमाशे ट्वीट करने वाला पालतू तब से वापस दिखा तक नहीं है, किसी थार के नीचे छिप गया है!
हाँ तुरंत एक पूर्व नौसैनिक ने सबूत के साथ झपड़िया दिया- बताया पाँच साल से महिंद्रा में नौकरी की कोशिश कर रहा हूँ- जवाब तक नहीं मिले! फिर उसने खुद महिंद्रा को किए ट्वीट दिखाए- भाजपा के बूथ प्रमुख तक को जवाब देने वाला ये चमन तब भी नहीं उपराया है!
यही तुम्हारा भविष्य है अग्निवीरों!
सनद: महिंद्रा ने नोटबंदी को भी मास्टर स्ट्रोक बताया था!
समरेंद्र सिंह-
इस देश की ठस और सामंती मानसिकता से सबसे अधिक किसी ने मुनाफा कमाया है तो वो महिंद्रा ग्रुप के मालिक आनंद महिंद्रा हैं। उन्होंने स्कॉरपियो और बोलेरो जैसे मिनी ट्रकों को एसयूवी का टैग लगा कर लाखों “पहलवानों” को बेच दिया है।
इन दो टके की ऊंची गाड़ियों में बैठ कर लोगों में रैंबो जैसा भाव जगता है। कुछ ऐसा ही भाव ट्रक चालकों में होता है। जब वो सड़क पर अपने ट्रकों के साथ उतरते हैं तो बचने की जिम्मेदारी अगल-बगल चलने वाले लोगों की होती है।
मेरा बस चलता तो मैं महिंद्रा के इन मिनी ट्रकों पर प्रतिबंध लगा देता। किसी देश में इतनी बड़ी संख्या में लोगों का सौंदर्यबोध इतना ठस, भौंडा और चौपट कैसे हो सकता है!