नमस्कार सर
मैं अपना नाम पहचान छिपा कर यह पत्र लिख रहा हूं. मैं रोहतक हरियाणा का रहने वाला हूं. मैंने कई महीनों से अमर उजाला रोहतक का सर्वे ज्वाइन कर रखा था लेकिन पिछले तीन महीनों से सर्वे बंद है. वजह है कि अमर उजाला ने आखिरी दो महीनों का हमारा आधा आधा वेतन नहीं दिया. दरअसल अमर उजाला में सर्वेयर की सैलरी 7500 है, बिना किसी छुट्टी के. लेकिन अचानक से सितंबर महीने में हमारी सैलरी ये कहकर पूरी नहीं दी गई कि बाद में देंगे.
जब हमें बाद में भी वेतन नहीं मिला तो आखिर हमने 22 अक्टूबर को सर्वे का काम छोड़ दिया. उस समय सर्वे में लगभग सात लड़के थे. सबके छोड़ने के कारण ही अमर उजाला का सर्वे भी बंद हो गया. अब हमारी पूरी सर्वे की टीम जब भी अमर उजाला में सैलरी के लिए जाती है तो कभी कह दिया जाता है आज सर नहीं है. कभी कोई दूसरे किस्म का बहाना / आश्वासन मिलता है.
जब हमने पता लगाने की कोशिश की तो पता चल रहा है कि हमारी सैलरी आगे से आ चुकी है, कुछ छोटे पद के लोगों ने जानबूझ कर रोक रखी है. इस समय दूसरे अखबारों की वजह से अमर उजाला की कापियां लगातार कम होती जा रही हैं. ऐसे में अब अमर उजाला को अखबार में विज्ञापन निकालने के बाद भी सर्वेयर नहीं मिल रहे तो हमसे कहा जा रहा है कि तुम फिर से सर्वे चालू करो, पिछला हिसाब भी कर देंगे. लेकिन हम पहले हिसाब मांगते हैं तो उनका गोलमोल जवाब शुरू हो जाता है. फिलहाल एक बार फिर सर्वेयरों ने जीएम से मिलने की तैयारी की है. अगर बात नहीं बनी तो तो सभी सर्वेयर लेबर कोर्ट जाने की योजना बनाए हैं. यदि इसमें आप हमारी कुछ मदद कर सकें तो हम सभी आपके आभारी रहेंगे.
एक सर्वेयर द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.