वरिष्ठ पत्रकार श्री सत्येंद्र आर शुक्ल (92) नहीं रहे

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Sarvesh Kumar Singh : दुखद समाचार। वरिष्ठ पत्रकार श्री सत्येंद्र आर शुक्ल (92) नहीं रहे। 13 अक्टूबर को शाम 5 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। मेरे मित्र राजीव शुक्ला के पिता NUJI और UPJA के संस्थापक सदस्य थे। भगवान उनकी आत्मा को सद्गति प्रदान करे। विनम्र श्रद्धांजलि। शनिवार की अपरान्ह भैंसाकुण्ड श्मसान घाट पर उनकी अन्त्येष्टि की गई। उनके ज्येष्ठ पुत्र राजीव शुक्ल ने मुखाग्नि दी। इस दौरान राजधानी के अनेक पत्रकार और उनके परिवारीजन मौजूद थे।

स्व. शुक्ल राजधानी के वरिष्ठतम पत्रकार थे। उन्होंने लखनऊ के अलावा जयपुर, चण्डीगढ़, आगरा और कानपुर में भी पत्रकारिता की। वह पत्रकार संगठन नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स इण्डिया और उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य थे। स्व शुक्ल की जन्म इटावा जिला के अजीतमल में 22 जुलाई 1927 को हुआ था। आपकी स्कूली शिक्षा गांव में ही हुई। तत्पश्चात आपने आगरा, कानपुर में शिक्षा ग्रहण की। आपने पढाई के दौरान छात्र कांग्रेस का भी नेतृत्व किया तथा आप आजादी के आन्दोलन में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फोज को भी सहयोग प्रदान करते थे।

शुक्ल ने आगरा के उजाला, कानपुर में दैनिक जागरण, लखनऊ, जयपुर, चण्डीगढ़ और शिमला मेंं हिन्दुस्तान टाइम्स के लिए पत्रकारिता की। इसके अलावा आप हिन्दुस्थान स्टैंडर्ड से भी लम्बे समय तक जुड़े रहे। आपने लखनऊ से हिन्द आब्जर्वर नामक समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया शुक्ल ने स्कूली शिक्षा के साथ ही पत्रकारिता की शुरुआत कर दी थी। आपने 1945 में आगरा से प्रकाशित उजाला हिन्दी दैनिक समाचार पत्र मे उप सम्पादक के रूप में कार्य आरम्भ किया। तदुपरान्त आप 1947 में कानपुर में दैनिक जागरण के उप सम्पादक नियुक्त हुए। आपने हिन्दुस्थान स्टैंडर्ड, हिन्दुस्तान टाइम्स में विशेष संवाददाता और ब्यूरो प्रमुख के रूप में कानपुर, चण्डीगढ़, शिमला, जयपुर और लखनऊ में पत्रकारिता के लिए अतुलनीय योगदान दिया। आपने राजधानी लखनऊ से हिन्द आब्जर्वर नामक समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया।

स्व. शुक्ल प्रेस कर्मचारियों और श्रमजीवी पत्रकारों के अधिकारों के लिए भी सदैव तत्पर और संघर्षरत रहे। आपने कानपुर में पत्रकारिता के दौरान कानपुर पत्रकार संघ की सदस्यता ग्रहण की। कानपुर पत्रकार संघ के सदस्य के रूप में आप भारतीय श्रमजीवी पत्रकार महासंघ (आईएफडब्लजे) के सदस्य रहे। तदुपरान्त वैचारिक मतभेद होने के कारण आपने 1965 में उ.प्र.जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन की नींव डाली। उपजा की स्थापना के लिए आयोजित औपचारिक बैठक आपने अपने निवास पर ही आयोजित करायी। तदुपरान्त 16 मार्च 1966 को ट्रेड यूनियन एक्ट के अन्तर्गत उपजा का पंजीकरण कराया गया। आप उपजा के संस्थापक सदस्य होने के साथ-साथ पत्रकारों की राष्ट्रीय संस्था नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (इण्डिया) के भी संस्थापक सदस्य हैं। 23 जनवरी सन् 1972 को एनयूजे की दिल्ली में हुई स्थापना के समय गठित पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आपको उपाध्यक्ष चुना गया था।

पत्रकार सर्वेश कुमार सिंह की एफबी वॉल से.



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Comments on “वरिष्ठ पत्रकार श्री सत्येंद्र आर शुक्ल (92) नहीं रहे

  • Kamta Prasad says:

    घंटा दुःखद समाचार। बुढ़ऊ 92 साल तो जी लिए अउर का अमर होना चाहते थे। गाजे-बाजे के साथ अंतिम संस्कार कीजिए। जै-जै

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