सुप्रीम कोर्ट के फैसले का साइड इफेक्ट : मज़ाकिया मूड में आ गए ‘झींगुर’!

Share the news

धर्मेंद्र प्रताप सिंह

मैं कुछ निजी कार्यों में उलझा हुआ हूँ. सो, अपनी इस व्यस्तता के कारण मजीठिया वेज बोर्ड पर आये माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मैंने कोई ‘धांसू’ प्रतिक्रिया क्या नहीं दी, कंपनी के कुछ चमचेनुमा ‘झींगुर’ मज़ाकिया मूड में आ गए लगते हैं! हालांकि इनमें से किसी का नंबर बढ़ने वाला नहीं है… अरे भाई, 21 साल की निर्विवादित नौकरी के बाद भी मुझे परेशान करने की नीयत से कंपनी जब मेरा ट्रांसफर राजस्थान कर सकती है तो लिफाफा पत्रकारिता करने वालों को क्या बख्शेगी? बस, कुछ दिनों तक इस्तेमाल करके पिछवाड़े लात जरूर मारेगी ! फिर भी, ये ‘वाटी पत्रकार’ हम पर हंस रहे हैं! इसलिए मैं फिर कहूंगा कि हंसी वही अच्छी, जो आखिर में हंसी जाए!

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का विश्लेषण किये बिना मैनेजमेंट की चाटुकारिता करने में व्यस्त दल्लों को यह बताना जरूरी है कि हमारा जो होगा, वही देखने के लिए तो हम अदालत पहुंचे हैं… तुम तो अपनी ‘आकी’ से यह पूछिए कि 10 साल से सेवा कर रहे जिस बेचारे को तुमने अचानक ठेका कर्मचारी बना दिया, अब वो भी तुम दलालों की छाती पर बैठकर मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक़ अपना वेतन और बकाया लेगा तो यह बताइये कि सही मायने में फैसला किसके हक़ में आया है?

इन सबसे इतर एक बात बता दूँ कि सोमवार के फैसले का साइड इफेक्ट अभी से दिखने लगा है। अब तक शुतुरमुर्ग बनकर हमारे फैसले पर नज़र गड़ाए शातिर सदस्यों को एक बात समझ में आ गई है कि हमारे केस पर आने वाले सकारात्मक फैसले का फायदा उन्हें क़तई नहीं होगा… मतलब साफ़ है कि मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ चाहिए तो उन्हें भी जल्दी से जल्दी ‘गद्दार’ बनकर क्लेम ठोंकना पड़ेगा!

मित्रों, “दैनिक भास्कर” के मुंबई दफ्तर में जब मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर मैंने शंखनाद किया था तो मुझे आभास तक नहीं था कि मेरा ‘अकेलापन’ इतनी जल्दी दूर हो जाएगा… चंद महीने बाद मुझे साथ देने की शुरुआत दो लड़कियों ने की थी (मैं इनके प्रति आभार व्यक्त करता हूँ!), जबकि अब हमारे नक्शेकदम पर चार पुरुष चल पड़े हैं तो कई अन्य हमारे संपर्क में हैं कि ‘मैं अपने बकाए व वेतन का हिसाब कैसे और किससे निकलवाऊँ?’! बहरहाल, आशा है कि देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद संख्या वृद्धि में और तेजी आएगी… वैसे भी एक ‘आकी’ तो हैं ही, जो मुंबई के (डी बी कॉर्प लि.) दफ्तर के लिए किसी पनौती से कम नहीं!

आज के लिए बस इतना ही…

धर्मेन्द्र प्रताप सिंह
मजीठिया क्रांतिकारी @ मुंबई
मोबाइल: 9920371264
dpsingh@journalist.com

इसे भी पढ़ सकते हैं….

भास्कर पर भारी पड़े पत्रकार धर्मेंद्र : कामगार आयुक्त ने भास्कर प्रबंधन को बकाया एरियर देने का निर्देश दिया

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें, नई खबरों से अपडेट रहें: Bhadas_Whatsapp_Channel

भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *