भास्कर के दो प्रतिनिधियों ने अपने ही प्रिंसिपल करेस्पांडेंट को डराया-धमकाया

डी. बी. कॉर्प लिमिटेड में मजीठिया वेज बोर्ड मामले को लेकर हताशा साफ देखी जा सकती है। यह वह मीडिया समूह है, जो हिंदी में ‘दैनिक भास्कर’ सहित गुजराती में ‘दिव्य भास्कर’ और मराठी में ‘दिव्य मराठी’ नामक अखबारों का प्रकाशन करता है।  पता चला है कि मुंबई स्थित बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में ‘दैनिक भास्कर’ के दो प्रतिनिधियों द्वारा अपने ही संस्थान के एक प्रिंसिपल संवाददाता को डराने-धमकाने का बेहूदा प्रयास किया गया। इसके उपरांत कंपनी के प्रतिनिधियों ने प्रताड़ित करने के वास्ते संवाददाता के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है। कहते हैं न, जबरा मारे और रोवे भी न दे। प्रिंसिपल संवाददाता ने कंपनी के इन प्रतिनिधियों की हरकत के खिलाफ स्थानीय पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का साइड इफेक्ट : मज़ाकिया मूड में आ गए ‘झींगुर’!

धर्मेंद्र प्रताप सिंह मैं कुछ निजी कार्यों में उलझा हुआ हूँ. सो, अपनी इस व्यस्तता के कारण मजीठिया वेज बोर्ड पर आये माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मैंने कोई ‘धांसू’ प्रतिक्रिया क्या नहीं दी, कंपनी के कुछ चमचेनुमा ‘झींगुर’ मज़ाकिया मूड में आ गए लगते हैं! हालांकि इनमें से किसी का नंबर बढ़ने …

भास्कर पर भारी पड़े पत्रकार धर्मेंद्र : कामगार आयुक्त ने भास्कर प्रबंधन को बकाया एरियर देने का निर्देश दिया

मजीठिया के अनुसार बकाया नहीं देने पर हो सकती है कुर्की…

(दैनिक भास्कर मुंबई के जुझारू पत्रकार धर्मेंद्र प्रताप सिंह)

मुंबई के दैनिक भास्कर अखबार से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां पत्रकार धर्मेंद्र प्रताप सिंह सहित दो महिला कर्मचारियों के मामले में पहली बार कामगार आयुक्त महाराष्ट्र के कार्यालय ने लंबी सुनवाई के बाद डीबी कॉर्प को साफ़ निर्देश देते हुए नोटिस भेजा है कि पत्रकार धर्मेंद्र प्रताप सिंह, कर्मचारी लतिका आत्माराम चव्हाण और आलिया शेख का जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाये का दावा सही है और आपको निर्देश दिया जाता है कि आप इन तीनों कर्मचारियों का बकाया राशि का जल्द भुगतान करें अन्यथा आपके खिलाफ वसूली आदेश जिलाधिकारी को निर्गत कर दिया जाएगा।

आदर्श पेलने वाले अखबार मालिकों की असलियत

कुछ भी हो, मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों ने अच्छे-अच्छों की पोल खोल कर रख दी है… दुनिया भर का आदर्श पेलने वाले अखबार मालिकों की असलियत देखनी हो तो बस, एक बार मजीठिया वेज बोर्ड के मुताबिक़ अपनी सैलरी एवं बकाया की मांग कर के देख लीजिये!