यशवंत सिंह-
बाबा रामदेव के भारतीय शिक्षा बोर्ड के प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए कई बातें साफ हुईं. एक तो समझ ये आया कि इस कदम से बहुत सारे लोगों को रोजगार मिलेगा. नए स्कूल कालेज खुलेंगे. नए मास्टर भर्ती होंगे. वहीं पतंजलि में संन्यास आश्रम को लेकर जानकारी मिली कि पचास पार गृहस्थ भी संन्यासी बन सकते हैं… यहां महिलाएं भी संन्यास की दीक्षा लेती हैं…
स्वामी रामदेव का शिक्षा क्रांति प्रोजेक्ट मूर्त रूप लेते ही लाखों युवाओं के नौकरी के सपने को पंख लग जाएंगे. भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन और इसका विस्तार शिक्षा के भारतीयकरण की दिशा में बहुत बड़ा कदम है. इस बोर्ड के लिए सिलेबस और टीचर तैयार किए जा रहे हैं. बोर्ड के तहत सैकड़ों स्कूल कालेज खुलेंगे. इसमें लाखों युवाओं को नौकरी मिलेगी.
सबसे अच्छी बात ये है कि बोर्ड की कमान एक ऐसे शख्स के हाथों हैं जिस पर लेफ्ट राइट जैसा कोई आरोप नहीं है. एनपी सिंह बेहद पढ़े लिखे और सुलझे शख्स हैं. कई जिलों में डीएम रहे. रिटायरमेंट के बाद पतंजलि योगपीठ से ऐसा जुड़े कि बाबा रामदेव ने उन्हें भारतीय शिक्षा बोर्ड की पूरी कमान सौंप दी.

स्वामी रामदेव एनपी सिंह को कितना सम्मान देते हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब कभी एनपी सिंह बाबा रामदेव के साथ मंच पर होते हैं तो स्वामीजी पूरे पांच सात मिनट तो सिर्फ एनपी सिंह की तारीफ पर खर्च करते हैं.
हरिद्वार के पतंजलि आश्रम में एनपी सिंह का बेहद सम्मान है. उन्हें बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के बाद नंबर तीन की हैसियत प्राप्त है, ऐसा लोगों का कहना है. एनपी सिंह के कंधों पर शिक्षा के भारतीयकरण का एक बड़ा प्रोजेक्ट है जो तलवार की धार पर चलने जैसा है. आलोचकों के तीर उन्हें बेधने के लिए तैयार हैं. पर सादगी, ईमानदारी और ज्ञान को अपना जीवन मंत्र मानने वाले एनपी सिंह को उम्मीद है कि वे सबके सहयोग से इस चुनौती से भी पार पा जाएंगे.
भारतीय शिक्षा बोर्ड के दिशा निर्देशों के तहत खुलने वाले स्कूल कालेजों के क्या मॉडल होंगे, क्या खुद पतंजलि समूह इसे चलाएगा या दूसरों को फ्रेंचाइजी या निवेश मॉडल के तहत जोड़ा जाएगा…. पतंजलि योगपीठ में जो संन्यास आश्रम है क्या उसमें पचास पार के लोग भी भर्ती किए जाते हैं… महिलाएं संन्यासिन दीक्षा लेने के बाद करती क्या हैं.. ऐसे बहुत से सवालों का भारतीय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व आईएएस एनपी सिंह ने बेबाकी से जवाब दिया.
देखें इंटरव्यू का तीसरा पार्ट….
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