Connect with us

Hi, what are you looking for?

आयोजन

विश्व पुस्तक मेले में स्वयं प्रकाश की पुस्तक लोकार्पित

नई दिल्ली। भारतीय सामाजिक यथार्थ को स्वयं प्रकाश ने अपनी कहानियों में जिस सूक्ष्मता से चित्रित किया है वह किसी साधारण लेखक के लिए संभव नहीं है। स्वयं प्रकाश समाज के यथार्थ को श्वेत श्याम में देखने के बजाय उसके तमाम रंगों के साथ देखते हैं। लेखक और पत्रकार श्याम सुशील ने विश्व पुस्तक मेले में ‘नयी किताब प्रकाशन’ के स्टाल पर ‘स्वयं प्रकाश की चुनी हुई कहानियाँ’ पुस्तक का लोकार्पण करते हुए कहा कि उनका लेखन बहुरंगी है और उसमें व्यापकता के साथ गहराई भी है।

सुशील ने स्वयं प्रकाश के साथ गोवा में हुई अपनी भेंट को भी याद किया और कहा कि वे जितने बड़े कहानीकार थे उतने ही बड़े मनुष्य भी थे। युवा कथाकार उमाशंकर चौधरी ने कहा कि विचारधारा के लिए समर्पित रहने वाले दुर्लभ लेखकों में स्वयं प्रकाश का नाम अग्रणी है और अपनी वैचारिक निष्ठाओं को पूरा करते हुए भी वे कला की कसौटी पर कहीं समझौता नहीं करते। चौधरी ने स्वयं प्रकाश की चर्चित कहानी पार्टीशन का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान परिदृश्य में यह कहानी मूल्यवान कृति के रूप में नज़र आती है। कवि ज्योति चावला ने स्वयं प्रकाश के सम्पादन को याद करते हुए कहा कि प्रगतिशील वसुधा के अनेक महत्त्वपूर्ण अंक उनके समय में आए। चावला ने बच्चों की पत्रिका ‘चकमक’ के संपादन के लिए स्वयं प्रकाश को याद किया।

युवा आलोचक पल्लव ने कहा कि स्वयं प्रकाश उन दुर्लभ कहानीकारों में थे जिनके पास श्रेष्ठ कहानियों की संख्या अच्छी खासी है। साम्प्रदायिकता के असल कारणों की व्याख्या उनकी कहानियों का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष है तो वे भारत के विशाल मध्य वर्ग को भी अपना विषय बनाते हैं। इस मध्य वर्ग से उन्हें शिकायतें तो हैं लेकिन वे इसे खारिज नहीं करते बल्कि इसके भीतर मौजूद विरल सद्गुणों की तलाश उनकी कहानियों को यादगार बनाती है। उन्होंने प्रेमचंद की तरह पर्याप्त बड़ी संख्या में कहानियाँ लिखीं और दूसरा लेखन भी किया। उपन्यास, नाटक, निबंध, रेखाचित्र, बाल साहित्य और अनुवाद में उनकी कुल पुस्तकें पचास तक पहुँचती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

लोकार्पण में पाखी के सम्पादक पंकज शर्मा भी उपस्थित थे। प्रकाशक अतुल महेश्वरी ने बताया कि यह पुस्तक अंगरेजी के अध्येता प्रो आशुतोष मोहन के सम्पादन में आई है। उन्होंने अपने प्रकाशन से आई इस शृंखला की अन्य पुस्तकों की भी जानकारी दी।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास तक खबर सूचनाएं जानकारियां मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group_one

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement