प्रिंट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया पर अपनी सिफारिशें देने के बाद भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ब्रॉडबैंड पर एक परामर्श पत्र लेकर आएगा। नई दिल्ली में आयोजित एसोचैम के सम्मेलन ‘ब्रॉडबैंड हाइवे ड्राइविंग इंडियाज़ ग्रोथ स्टोरी’ में बोलते हुए ट्राई के चेयरमैन डॉ. राहुल खुल्लर ने सितम्बर के अंत तक परामर्श पत्र लाने की बात कही।
डॉ. खुल्लर ने कहा कि ट्राई ब्रॉडबैंड संबंधि मामलों पर काम कर रहा है। उन्होनें ने स्वीकार किया कि भारत में ब्रॉडबैंड की प्रगति बहुत ही सीमित और निराशाजनक रही है। हालात ये हैं कि 1.8 लाख किलोमीटर के केबल के ऑर्डर में से केवल 15000 ही दिया जा सका है जो सिर्फ 8 प्रतिशत है, छह लाख किलोमीटर की डक्टिंग में सिर्फ 2000 किमी का ही काम हुआ है जो 0.3 प्रतिशत है और 250 किमी का ऑप्टिकल फाइबर केबल ही दिया जा सका है जो लक्ष्य का सिर्फ 0.05 प्रतिशत है।
सिर्फ इतना ही करने में 2 साल लग गए। जबकि सरकार का लक्ष्य साल 2017 तक तेज़ गति ब्रॉडबैंड से 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने का है। उन्होने कहा कि ब्रॉडबैंड नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लक्षित दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है।
सम्मेलन के बाद खुल्लर ने ये भी बताया कि ट्राई मुफ्त कॉल और संदेश सेवाएं देने वाले वॉट्सएप्प, स्काइप, वाइबर और वीचैट जैसे ओवर-द-टॉप(ओटीटी) सेवा प्रदाताओं पर भी एक परामर्श पत्र जारी करेगा। ट्राई ने हाल ही में ‘ओटीटी सेवाओं के लिए विनियामक ढांचे’ पर संगोष्ठी का आयोजन ओटीटी में नए विकास, टीएसपी पर ओटीटी के प्रभाव और उसके उपाय, ओटीटी के लिए कानूनी और विनियामक ढांचा इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था।