हाथरस : पांच सौ तथा एक हज़ार रुपये के नोट बंद करने के मोदी सरकार के फैसले से यूपी के हाथरस जिले में ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण अपने पुराने नोट बदलने के लिए और उन्हें जमा करने के लिए छः-सात किलोमीटर चलकर बैंकों पर आ रहे है जहां पहले से ही लंबी लाइनें लगी है। इन लाइनों में धक्का मुक्की के बाद भी ग्रामीणों को अपने नोट बदलने तथा जमा करने में सफलता नहीं मिल पा रही है।
हाथरस का अहवरंपुर गांव यूँ तो आदर्श गांव है। बीजेपी के क्षेत्रीय सांसद राजेश दिवाकर ने इसे गोद लिया हुआ है पर गांव में न तो कोई बैंक है न एटीएम और न डाकघर इसलिए इस गांव के ग्रामीणों को भी अपने नोट जमा करने और बदलने के लिए छः-सात किलोमीटर दूर शहर को ही जाना पड़ता है। अलबत्ता ग्रामीणों की इस परेशानी को कुछ लोग भुनाने में भी लग गए है। ये लोग जरूरतमंद ग्रामीणों को पुराने एक हज़ार के नोट के बदले में 700 रुपया देते हैं। गांव के लोग ही यह बात बता रहे हैं। वह तो यह भी बताते हैं कि ये लोग बड़े तथा पैसे वाले लोग हैं और मज़बूरी में उन्हें ऐसा करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का दर्द सुनने जानने के लिए नीचे दिए गए वीडियो लिंक्स पर क्लिक करें :
हाथरस से विनय ओसवाल की रिपोर्ट. संपर्क : 9837061661