देश मे कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अधिकांश मीडिया हाऊसों में भी इसका असर देखा जा रहा है। कई लोगों को देखा हूँ कि कोरोना का नाम सुनते ही डर जाते है।इस डर के कारण कई साथी बुखार खांसी या सर्दी जुकाम होने या सांस का प्रॉब्लम होते ही घर पर इलाज करते हैं या अपने फेमिली डॉक्टर को दिखाते हैं। मैं साफ कर दूं कि कोरोना सबको होना है। कुछ लोगों को होगा या हुआ होगा। उन्हें पता भी नही चलेगा या पता भी नहीं चला होगा। कुछ घर पर ठीक होंगे और कुछ अस्पताल में ठीक होंगे। चंद कुछ लोग भगवान को प्यारे होंगे। यही भगवान को प्यारे होने वाले शब्द से लोग डर जाते है मगर इतना जान लीजिए कि डरना बिल्कुल नही है। मेरी 84 साल की माताजी और 48 साल की मेरी श्रीमती जी को कोरोना हुआ था। क्या हुआ था जानिए कैसे सास बहू ने मिलकर कोरोना को हराया।
मुझे याद है मेरे घर में माताजी और श्रीमती जी को 21 या 22 जून को बुखार आना शुरू हुआ।माताजी को ज्यादात्तर रात को बुखार आता था। वह भी ठंड लगकर। मैंने बुखार नापा तो 101 था। मैंने उन्हें पैरासिटामॉल दिया। बुखार उतर गया। अगले दिन उन्हें बुखार दिन में नहीं आया। रात को फिर ठंडा लगकर बुखार आया। बुखार आने से पहले सबको काढ़ा और तुलसी अर्क लगातार दिया जाता रहा। मैंने बुखार आने पर डॉक्टर की दवा शुरू कराया। बुखार नहीं उतरा। इसके बाद फैमिली डॉक्टर रमाकांत गावड़े ने माताजी का ब्लड टेस्ट कराने को कहा क्योकि उन्हें टाइफाइड होने का संदेह था।ब्लड टेस्ट कराया तो उसमें प्लेटलेट कम था। माताजी का प्लेटलेट्स 90 हजार था। साथ ही ब्लड में कुछ इंफेक्शन नजर आया। उन्होंने कहा माताजी का सीने का एक्सरे करा लीजिये और एक बड़े डॉक्टर के पास रिपोर्ट भेजने को कहा। प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए मैंने पपीते का पत्ता का जूस, कीवी और ड्रेगन फ्रूट उन्हें देना शुरू किया।
इसी बीच एक्सरे कराया तो उसमें निमोनिया के लक्षण दिखे। माताजी को अपने परिचित डॉक्टर महाबली सिंह जी के लाइफकेयर अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार के साथ उनकी कोरोना की जांच कराई गई। कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें 3 जुलाई को स्टार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। माता जी को निमोनिया भी हो गया था और और पिछले 8-10 दिनों से वीकनेस भी थी। जबकि उनकी बहु यानी मेरी धर्मपत्नी को पहले बुखार आया फिर अचानक आक्सीजन लेबल डाउन हो गया था।वे एक कदम चलने की स्थिति में नहीं थीं। उन्हें भी लाइफकेयर अस्पताल में भर्ती कराया और कोविड जांच कराई तो उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी।इस दौरान मेरी माताजी को कोविड अस्पताल में बेड मिलने में दिक्कत आयी। उन्हें तीस घंटे तक बेड के वेटिंग में रखा गया। मेरा बेटा और उसके दोस्त बारिश में भीग भीग कर हर अस्पताल में बेड का पता लगाते रहे। खैर सास बहू को डॉक्टर महाबली सिंह के ही स्टार हॉस्पिटल में ही बेड मिल गया।
इस दौरान मेरी कंपनी जिसमे मैं जॉब करता हूँ उस कंपनी श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के मालिक प्रवीण मुरलीधर सिंगोटे जी और कार्मिक प्रबंधक गणेश डोमसे जी को जैसे ही इस बारे में पता चला उन्होंने तुरंत मुझे आर्थिक मदद की और हमेशा हालचाल लेते रहे। मित्र, परिवार रिश्तेदार सब परेशान। कॉल सेंटर बना रहा लेकिन सबका फोन उठाया। सबका धन्यवाद। इस दौरान अखण्ड राजपुताना सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर पी सिंह जी भी हर पल अपडेट लेते रहे।
भड़ास 4 मीडिया के मालिक यशवंत सिंह सर, सीरियल डायरेक्टर रंजन सिंहजी, मेरे ऑफिस के मित्र, अन्य मित्र और अमेरिका से लौटे पटना के भोलू जी, फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलॉइज के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी जी और अन्य लोग भी बराबर संपर्क में थे। मगर डॉक्टर महाबली जी से मेरे अच्छे संबंध थे इसलिए मैं निश्चिंत था। मेरे साथ अच्छी चीजें ये थी कि आर्थिक और मानसिक रूप से मेरा मनोबल बढ़ाने वालों की लाइन लग गयी थी। मगर मुझे आर्थिक जरूरत नहीं पड़ी। सबका धन्यवाद। हां अच्छी चीजें ये हुई कि मैंने अगले दिन ही पूरे परिवार का पांच लाख का मेडिक्लेम पॉलिसी ले लिया। मेरा दोनों अस्पताल का मिलाकर एक लाख 70 हजार का बिल आया।
अच्छे उपचार के बाद माताजी और उनकी बहु को स्टार अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। वे कोरोना को हरा चुकीं थीं। मेरी माता जी और धर्मपत्नी जब बिल्डिंग में पहुंचीं तो रश्मि ध्रुविता पॉर्क जिस बिल्डिंग में रहता हूं वहां के लोगों ने दोनों लोगों का थाली और ताली बजाकर जोरदार स्वागत किया। सबका धन्यवाद।
84 वर्षीय मेरी माताजी ने कहा, ‘इस बीमारी से लड़ने में मुझे जिसने सबसे ज्यादा ताकत दी, वह विश्वास और आतंरिक शक्ति थी। इस दौरान मेरी मदद करने वाले लाइफकेयर अस्पताल और स्टार अस्पताल के मुखिया डॉक्टर महाबली सिंह, ज्योति सिंह, डॉक्टर रमाकांत गावड़े डॉक्टरों की टीम, नर्स और सपोर्ट स्टाफ तथा अन्य सभी लोगो का शुक्रिया करती हूं।’
स्टार अस्पताल और लाइफकेयर अस्पताल के निदेशक डॉ. महाबली सिंह ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि उनकी कहानी अन्य रोगियों को कुछ उम्मीद देगी।’
कोरोना से डरें बिल्कुल नहीं।
आपको बतादूँ कि मैंने भी अपना कोविड टेस्ट कराया जो निगेटिव निकला। 15 दिन माता जी, धर्मपत्नी और मैं होम क्वारन्टीन रहे। पुनः आप सबसे कहूंगा कोरोना से बिल्कुल डरें नहीं बल्कि चिकित्सक से सलाह लें। हो सके तो पूरे परिवार का मेडिक्लेम पॉलिसी जरूर कम से कम पांच लाख की निकालकर रख लें जो ऐसे समय मे काम आती है। और हां, कोई लक्षण नजर आए तो कोविड की जांच जरूर कराएं।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता
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