प्रिय मेरे छोटो-बड़े भाइयों, बहनों आज यहाँ मैं विप्रो कंपनी के दोगले चेहरे से अवगत करना चाहता हूं। जहाँ देश में बेरोजगारी फैली हुई है, वहीं विप्रो कंपनी द्वारा देश के बेकसूर नौजवानों के भविष्य के साथ एक भद्दा मजाक किया जा रहा है। पहले कंपनी बेरोजगारों से सिक्योरिटी मनी के रूप में कुछ पैसे मांगती है और कुछ प्रक्रिया दिखाती है, जिससे बेरोजगार उसके झांसे में आ जाए। फिर उस बेरोजगार के माध्यम से और बेरोजगारों को जोड़ने की बात करती है। जब तक बेरोजगार कंपनी को पैसों के लिए कुछ बेरोजगार देता रहता है, तब तक कंपनी उसे भ्रमित करती रहती है। जैसे ही बेरोजगार अन्य बेरोजगारों को मुहैया कराने से मन कर देता है, कंपनी ये कह कर कि सारी प्रक्रिया गलत है, भगा देती है।
विप्रो कंपनी के खिलाफ कोर्ट और पुलिस में प्रस्तुत किए गए कुछ दस्तावेजों की छाया प्रतियां –
अगर कोई बेरोजगार प्रमाण मांगता है तो उसे आगे भ्रमित किया जाता है, जैसा कि मुझे किया गया। अगर बेरोजगर जिद करता है तो कंपनी फर्जी तरीके से ये दिखा कर कि कुछ लोग सीबीआई द्वारा पकड़े गए हैं, मामला दबा देती है। हकीकत में वे सीबीआई वाले नहीं, कंपनी के कुछ कर्मचारियों की जाली टीम है।
मैंने जब इसकी शिकायत प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, साइबर क्राइम सेल और पुलिस से की तो कंपनी ने उन सबका ईमान खरीद लिया। अब मैं भी हार नहीं मानने वाला हूं। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर सोशल साइड में अपडेट किया तो कंपनी ने मेरा भी ईमान खरीदने की कोशिश की। इसकी भी शिकायत मैंने देश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से सबूत के साथ कर दी। मैंने सख्त चेतावनी दी कि अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं देश के सर्वोच्च न्यायालय जाऊंगा।
इस संबंध में मैंने देश के हर मीडिया हाउस से प्रार्थना की लेकिन न चैनल वाले इसे दिखा रहे हैं, न अखबार वाले छाप रहे हैं। मैं सोशल साइड्स पर इस मामले की जानकारी अपडेट करता जा रहा हूं। मैंने ट्विटर के माध्यम से कंपनी के चेयरमैन अज़िम प्रेमजी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, दिल्ली के सीपी भीम सेन बस्सी आदि से जवाब मांगने की कोशिश की, पर सब मौन हैं। कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है। ट्विटर का लिंक, जहां मैंने इस मामले की जानकारी सार्वजनिक की है- https://twitter.com/615Gupta/status/620903365954801664
एन के गुप्ता से संपर्क : 7771822877, [email protected]