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जी राजस्थान चैनल : नए आउटपुट हेड रमेश चंद्रा के आने के बाद कइयों की नौकरी गई

जी राजस्थान चैनल में एक के बाद एक तुगलकी फैसले लिए जा रहे हैं… मसलन बिना किसी कारण के दस लोगों को चैनलबदर कर दिया गया… नए आउटपुट हेड रमेश चंद्रा ने सबका जीना मुहाल कर दिया है… रमेशचंद्रा बिना बात के कुछ भी चैनल पर अधकचरा चला देते हैं और तर्क ये देते हैं कि बॉस ऐसा कह रहे हैं… जब एमपी जी न्यूज से चंद्रा को निकाला गया तो जी राजस्थान के चैनल हेड ने बिना जाने बूझे रमेश चंद्रा को रख लिया…

<p>जी राजस्थान चैनल में एक के बाद एक तुगलकी फैसले लिए जा रहे हैं... मसलन बिना किसी कारण के दस लोगों को चैनलबदर कर दिया गया... नए आउटपुट हेड रमेश चंद्रा ने सबका जीना मुहाल कर दिया है... रमेशचंद्रा बिना बात के कुछ भी चैनल पर अधकचरा चला देते हैं और तर्क ये देते हैं कि बॉस ऐसा कह रहे हैं... जब एमपी जी न्यूज से चंद्रा को निकाला गया तो जी राजस्थान के चैनल हेड ने बिना जाने बूझे रमेश चंद्रा को रख लिया...</p>

जी राजस्थान चैनल में एक के बाद एक तुगलकी फैसले लिए जा रहे हैं… मसलन बिना किसी कारण के दस लोगों को चैनलबदर कर दिया गया… नए आउटपुट हेड रमेश चंद्रा ने सबका जीना मुहाल कर दिया है… रमेशचंद्रा बिना बात के कुछ भी चैनल पर अधकचरा चला देते हैं और तर्क ये देते हैं कि बॉस ऐसा कह रहे हैं… जब एमपी जी न्यूज से चंद्रा को निकाला गया तो जी राजस्थान के चैनल हेड ने बिना जाने बूझे रमेश चंद्रा को रख लिया…

रमेश चंद्रा ने पहला शिकार प्रभात पांडे का किया…फिर विनीता, पारूल, राहुल, अनुश्रूति, खुशबु, हेमंत कटारा, रुपक, चित्रा, अदिती शर्मा को बाहर का रास्ता दिखा दिया… हालांकि शम्भू को बिहारी और आईआईएमसी से होने का फायदा मिला और उसे बचा लिया गया…  अतुल सिंहा जैसे काबिल आदमी चुपचाप रिजाइन देकर चलते बने…

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एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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0 Comments

  1. patrakar

    September 29, 2015 at 10:51 am

    ज़ी मीड़िया में वो होने लगा जो आजतक कभी ज़ी के बारे में लोगों ने सुना नहीं था । ज़ी मी़डिया के एचआर वालों ने कुछ दिन पहले ज़ी के रिजनल चैनल्स के कर्मचारियों को बुला बुला कर जबरदस्ती उनसे इस्तीफे लिए । कर्मचारियों को एक कैबिन में
    बुलाकर उनसे ये कहा गया कि आपको इस्तीफा देना होगा वर्ना टर्मीनेट कर देंगे । एचआर वालों ने लोगों को नौकरी से निकालने का कोई ठोस कारण ना बताते हुए बस इतना कहा कि कंपनी रिस्ट्रक्चरिंग कर रही है और लोगों को निकाला जा रहा है । जिन लोगों ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया उन लोगों को एचआर वाले कैबिन से ही बाहर नहीं जाने दे रहे थे । एचआर में एक शख्स कर्मचारियों पर रौब दिखाए जा रहा था । अपनी बड़ी बड़ी आंखे दिखाकर लोगों को डरा धमकाकर नौकरी से टर्मीनेट करने की धमकी दे रहा था ।ज़ी राजस्थान न्यूज़ चैनल से निकाला भी उनको गया है जो लोग मात्र 15, 20 या फिर 25 हज़ार की नौकरी कर रहे थे ।जो लोग 70 80 हज़ार की मोटी सैलेरी लेते हुए भी बेकारी काट रहे हैं वो लोग अब भी चैनल में मस्त हैं । ज़ी के एचआर वालों ने लोगों को निकाला भी उस वक्त जब सभी रिजनल चैनल्स के हेड घूमने के लिए विदेश गए हुए थे । बहुत खूब चाल चली एचआर वालों ने ।लेकिन इस पूरे मामले में गौर करने वाली बात ये है कि लोगों को निकालते वक्त ज़ी के एचआर वालों का जो रैवेया रहा वो बहुत ही निराशाजनक था….ज़ी के एचआर वाले ये भी भूल गए कि ज़ी में काम करने वाले लोग उनके बाप के नौकर नहीं है जो वो कर्मचारियों से बदतमीज़ी करते रहे । डराना,धमकाना और बदतमीजी करना ये एचआर वालों को शोभा नहीं देता । शायद ज़ी में कार्यरत कुछ एचआर के लोग जुगाड़ थेरेपी से ही कंपनी में पहुंचे हैं तभी उन्हें एचआर का बेसिक रूल भी याद नहीं रहा ।

  2. patrakar

    September 29, 2015 at 10:52 am

    जहां तक बात रही ज़ी राजस्थान चैनल के नए आउटपुट हेड की तो हां रमेश चंद्रा के आने के बाद चैनल में काफी बदलाव हुए हैं। चैनल के लोग रमेश चंद्रा के जाने के बाद उनकी बुराईयों का पिटारा लेकर बैठ जाते हैं । रमेश चंद्रा दिन रात लोगों पर सवार रहते हैं कि प्रोमो डाला, एमयूसी चला,कमिंग अप चला । बस चंद्रा जी इन तीन चीज़ों को लेकर हाय तौबा मचाए रहते हैं ।बाकी चाहे बुलेटिन में कुछ कन्टेंट हो या ना हो प्रोमो और कमिंग अप चलना ज़रूरी है ।हां लेकिन एक बात ज़रूर है रमेश चंद्रा ने अमित छाबड़ा की अकल ज़रूर ठिकाने लगा दी है । अतुल सिन्हा के समय अमित छाबड़ा अपने को दबंग का सलमान खान से कम नहीं समझते थे ।अतुल सिन्हा के समय अमित छाबड़ा के अच्छे दिन चल रहे थे ।लोगों को छुट्टी ना देना, बदतमीज़ी करना,ये सब अमित छाबड़ा की पुरानी आदत रही है । अतुल सिन्हा के जाने के बाद छाबड़ा अब सिर्फ शिफ्ट इंचार्ज बनकर रह गया है । पहले तो अमित छाबड़ा ज्यादातर इवनिंग शिफ्ट में रहते थे और जब मन किया ऑफिस आते जब मन किया निकल जाते । लेकिन अब छाबड़ा को रमेश चंद्रा ने मॉर्निंग शिफ्ट में डाल रखा है । चैनल में ये बातें ज़ोरों पर है कि रमेश चंद्रा ने अमित छाबड़ा की तो अच्छे से मतलब बहुत ही ज्यादा अच्छे से ले ली । खैर जो भी हो बढ़िया ही है छाबड़ा ने अपने समय में लोगों को बहुत तंग किया अब उसकी बारी है । अमित छाबड़ा की जगह अब धीरे धीरे अमरेश झा लेते जा रहे हैं और अमित छाबड़ा बस देखे जा रहा है देखे जा रहा है और देखे जा रहा है । अमित छाबड़ा कोशिश तो बहुत कर रहा है कि उसके पहले जैसे अच्छे दिन आ जाएं पर बेटा छाबड़ा अब तुमसे ना हो पाएगा । चैनल का कोई भी कर्मचारी छाबड़ा के पक्ष में नहीं है सब बोलते हैं कि छाबड़ा ने किसी का साथ नहीं दिया अब उसका साथ भी कोई नहीं देगा

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