Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

अगस्ता वेस्टलैंड घूस कांड : अंग्रेजी के पत्रकारों ने 45 करोड़ की रिश्वत खाई, पेड न्यूज का घिनौना चेहरा सामने आया

Padampati Sharma : मीडिया की संलिप्तता से झुक गया पत्रकार बिरादरी का सिर… अगस्ता वेस्टलैंड घूस कांड में नेता, नौकरशाह और सैन्य अधिकारियों के साथ मीडिया की भी संलिप्तता ने पत्रकार बिरादरी का सिर शर्म से झुका दिया. पेड न्यूज का घिनौना चेहरा खुल कर सामने आया. मुख्य अभियुक्त ब्रिटिश दलाल मिशेल को 60 मिलियन यूरो दिए गए थे 22 महीने तक इस मामलों में मीडिया की जुबान बंद रखने के लिए. दो राय नहीं कि मीडिया में कई बदनाम चेहरे हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि सैकड़ों करोड़ की संपत्ति उनके पास है. उनमें भी कुछ पूछने लगें हैं कि वे कौन हैं जो इस लूट के हिस्सेदार बने?

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <!-- black ad unit --> <ins class="adsbygoogle" style="display:block" data-ad-client="ca-pub-7095147807319647" data-ad-slot="9016579019" data-ad-format="auto"></ins> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script><p>Padampati Sharma : मीडिया की संलिप्तता से झुक गया पत्रकार बिरादरी का सिर... अगस्ता वेस्टलैंड घूस कांड में नेता, नौकरशाह और सैन्य अधिकारियों के साथ मीडिया की भी संलिप्तता ने पत्रकार बिरादरी का सिर शर्म से झुका दिया. पेड न्यूज का घिनौना चेहरा खुल कर सामने आया. मुख्य अभियुक्त ब्रिटिश दलाल मिशेल को 60 मिलियन यूरो दिए गए थे 22 महीने तक इस मामलों में मीडिया की जुबान बंद रखने के लिए. दो राय नहीं कि मीडिया में कई बदनाम चेहरे हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि सैकड़ों करोड़ की संपत्ति उनके पास है. उनमें भी कुछ पूछने लगें हैं कि वे कौन हैं जो इस लूट के हिस्सेदार बने?</p>

Padampati Sharma : मीडिया की संलिप्तता से झुक गया पत्रकार बिरादरी का सिर… अगस्ता वेस्टलैंड घूस कांड में नेता, नौकरशाह और सैन्य अधिकारियों के साथ मीडिया की भी संलिप्तता ने पत्रकार बिरादरी का सिर शर्म से झुका दिया. पेड न्यूज का घिनौना चेहरा खुल कर सामने आया. मुख्य अभियुक्त ब्रिटिश दलाल मिशेल को 60 मिलियन यूरो दिए गए थे 22 महीने तक इस मामलों में मीडिया की जुबान बंद रखने के लिए. दो राय नहीं कि मीडिया में कई बदनाम चेहरे हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि सैकड़ों करोड़ की संपत्ति उनके पास है. उनमें भी कुछ पूछने लगें हैं कि वे कौन हैं जो इस लूट के हिस्सेदार बने?

Advertisement. Scroll to continue reading.

स्टिंग के नाम पर ब्लैकमेल से करोड़ों ऐंठने वालों पर आज तक कोई कार्रवाई पुलिस ने नहीं की जबकि केंद्र में मोदी सरकार है. लोग हेलीकाप्टर खरीद घोटाले के हिस्सेदार मीडिया घरानों और पत्रकारों के बारे में पूछ रहे हैं कि ये लोग कौन हैं? लेकिन नहीं लगता कि उनके नाम जल्दी सामने आएंगे. हालांकि यह सच है कि पिछले चार साल के दौरान 360 करोड़ की दी गयी घूस के समाचारों से मीडिया ने दूरी बना कर रखी. इससे अब यह पूरी तरह से साबित हो चुका है कि दाल में काला था. बहुत ताकतवर हो चुके हैं ये मीडिया घराने और आज तक किसी भी सरकार ने इनसे सीधे पंगा लेने की कोशिश नहीं की है. यदि कोशिश की होती तो पत्रकारों व गैर पत्रकारों के लिए गठित वेतन आयोगों की रिपोर्टों पर पूरी तरह से अमल होता और मीडियाकर्मी मुफलिसी में जीने पर मजबूर न होते.

वर्तमान एनडीए सरकार का तेजाबी परीक्षण आगामी दिनों में होने जा रहा है. फिलहाल तो चाल सुस्त है. वाड्रा महाशय जमीन घोटाले के बावजूद आजाद घूम रहे हैं. नेशनल हेराल्ड मामला, जिसमें मां- बेटे जमानत पर हैं, कछुआ चाल चलता रहेगा. अब यह ताजा घूसकांड जिसके बारे में कहा जाता है कि दलाली से मिले दस प्रतिशत हिस्से का आधे से ज्यादा यानी 52 प्रतिशत सत्तारूढ़ दल के नेतृवर्ग और उसके सलाहकार नेताओं को मिला है. शेष रकम का 28 नौकरशाहों और 22 प्रतिशत सैन्य अधिकारियों में बंटा.कोई लाख सफाई दे मगर यह तय है कि इटली की कंपनी को फायदा दिलाने के लिये हेलीकाप्टर की उड़ान सीमा छह हजार से घटा कर साढ़े चार हजार मीटर किया जाना देश की सुरक्षा के साथ भी भयावह खिलवाड़ था. जबकि यह कंपनी 2002 में ट्रायल के दौरान इसी वजह से अयोग्य करार दे दी गयी थी ? राजनेताओं से जुड़े आपराधिक मामलों की फास्ट ट्रैक के तहत रोज सुनवाई और त्वरित फैसला क्या समय की मांग नहीं? फिलहाल करोड़ टके का सवाल यही है कि क्या मोदी सरकार ऐसा कुछ करेगी और देश को लूटने वाले लंबे समय के लिए जेल की सलाखों के पीछे होंगे?

Advertisement. Scroll to continue reading.

Vishnu Gupt : आगस्ता में अंग्रेजी के पत्रकारों ने 45 करोड़ की रिश्वत खाई… आगस्ता हेलीकाप्टर रिश्वत कांड की आंच अंग्रेजी पत्रकारों की दामन को कंलकित कर जला रही है, अंग्रेजी पत्रकारों को बईमान, रिश्वतखोर, अनैतिक और कांग्रेस के चमचे साबित कर रही है। कोई एक दो करोड़ नहीं बल्कि पूरे 45 करोड़ की रिश्वत अंग्रेजी के पत्रकारों ने खायी है। द हिन्दू के पत्रकार राजू संथानन का नाम सामने आया है, जांच एजेंसियां राजू संथानन से पूछताछ कर चुकी है, अभी कई अंग्रेजी के पत्रकारों के नाम सामने आने वाले हैं। यह रिश्वत आगस्ता हेलीकाप्टर डील में हुई धांधली और रिश्वतखोरी को दबाने व खबर नहीं छापने के एवज में ली गयी थी। चार सालों तक अंग्रेजी के अखबारों और अंग्रेजी के चैनलों ने आगस्ता डील रिश्चतकांड की खबरें तक नहीं छापी थी। अंग्रेजी के अखबार अब अपने दामन बचाने के लिए सोनिया गांधी को संरक्षण दे रहे हैं, झूठी और मनगंढत खबर छापी जा रही है कि इटली से एक डील के तहत सोनिया गांधी का नाम घसेटा जा रहा है। अंग्रेजी के अखबार और पत्रकार न केवल रिश्वत लेने के लिए खबर छापते हैं, रिश्वत लेकर खबर दबाते हैं बल्कि देशद्रोही जेहाद में भी शामिल रहते हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रिश्वत लेने वाले पत्रकार भी तिहाड़ जायें। आप अपनी राय प्रमुखता के साथ दीजिये।

वरिष्ठ पत्रकार पदमपति शर्मा और विष्णु गुप्त के फेसबुक वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. SS Rawat

    May 1, 2016 at 4:00 pm

    सिर्फ एक कलम या माइक्रोफोन के सहारे करोड़ों के वारे-न्यारे? धन्य हैं मेरे प्रैस वाले प्यारे!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement