पीएम मोदी ने सीएम रहते सहारा समूह और बिड़ला ग्रुप से रिश्वत लिया! (देखें दस्तावेज)

सहारा और बिड़ला द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को 55 करोड़ रिश्वत देने की संपूर्ण कथा

प्रधानमंत्री मोदी जब 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने की देश को सूचना दे रहे थे, उससे बहुत पहले सु्प्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण देश की प्रमुख आधा दर्जन से अधिक सरकारी जांच एजेंसियों को लिखकर बता चुके थे कि न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ने ​बल्कि देश के अन्य तीन और मुख्यमंत्रियों ने करोड़ों का कैश उद्योगपतियों से वसूला है… प्रशांत भूषण ने जिन एजेंसियों को डाक्यूमेंट्स भेजे हैं, उनमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा कालेधन को लेकर बनाई गई दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम, निदेशक सीबीआई, निदेशक ईडी, निदेशक सीबीडीटी और निदेशक सीवीसी शामिल हैं…

मिशेल के 6 मिलियन यूरो के कमाल से भारतीय पत्रकारों का कलम और कैमरा दोनों बंद रहा!

भारतीय पत्रकारों को मैनेज करने पर अगस्‍ता ने खर्च किए 45 करोड़ रुपए!

वीवीआईपी हेलीकॉप्‍टर घोटाले में दुबई में बैठे जिस बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल का नाम बार-बार आ रहा है, उसे AgustaWestland की मूल कंपनी Finmeccanica ने भारतीय पत्रकारों को मैनेज करने के लिए साल 2010 से 2012 के बीच करीब 6 मिलियन यूरो (करीब 45 करोड़) रुपए दिए! दस्‍तावेजों से यह जाहिर होता है कि Finmeccanica ने मिशेल की दुबई स्थित कंपनी Global Services FZE के साथ करार किया। आपको ज्ञात होना चाहिए कि अगस्‍ता वेस्‍टलैंड का डील वर्ष 2009 में फाइनल हुआ था और डील के फाइनल होते ही इसमें ली गई घूस आदि की खबर को दबाए रखने के अर्थात मीडिया मैनेजमेंट के लिए सन् 2010 में Finmeccanica ने मिशेल की कंपनी Global Services FZE से करार किया।

अगस्ता वेस्टलैंड घूस कांड : अंग्रेजी के पत्रकारों ने 45 करोड़ की रिश्वत खाई, पेड न्यूज का घिनौना चेहरा सामने आया

Padampati Sharma : मीडिया की संलिप्तता से झुक गया पत्रकार बिरादरी का सिर… अगस्ता वेस्टलैंड घूस कांड में नेता, नौकरशाह और सैन्य अधिकारियों के साथ मीडिया की भी संलिप्तता ने पत्रकार बिरादरी का सिर शर्म से झुका दिया. पेड न्यूज का घिनौना चेहरा खुल कर सामने आया. मुख्य अभियुक्त ब्रिटिश दलाल मिशेल को 60 मिलियन यूरो दिए गए थे 22 महीने तक इस मामलों में मीडिया की जुबान बंद रखने के लिए. दो राय नहीं कि मीडिया में कई बदनाम चेहरे हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि सैकड़ों करोड़ की संपत्ति उनके पास है. उनमें भी कुछ पूछने लगें हैं कि वे कौन हैं जो इस लूट के हिस्सेदार बने?

सेंसर बोर्ड के पूर्व मुखिया ने काटछांट का भय दिखा ‘सिंघम रिटर्न्स’ के निर्माता रोहित शेट्टी से दो लाख रुपये झटके थे

केंद्रीय जांच ब्यूरो की मुंबई शाखा ने सिंघम रिटर्न्स के निर्माताओं के खिलाफ घूसखोरी का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है। इन पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के पूर्व मुखिया राकेश कुमार को रिश्वत देने का आरोप है। जांच शाखा ने यह सिफारिश इस साल जनवरी में सीबीआइ मुख्यालय दिल्ली को भेजी थी। इस बारे में संपर्क करने पर सीबीआइ के एक प्रवक्ता ने बताया कि हम मामले की पड़ताल कर रहे हैं और जांच जारी है। फिल्म के निर्माता रोहित शेट्टी और उनके प्रवक्ता को इस बाबत विस्तृत प्रश्नावली भेजी गई, लेकिन उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। फोन का भी जवाब नहीं दिया गया।

संत रामपाल का आरोप- जेल सुपरिंटेंडेंट 50 लाख रुपये मांग रहा है

सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल ने मीडिया के सामने सीधे जेल सुपरिंटेंडेंट पर 50 लाख रुपये की फिरौती मांगने का आरोप लगाया है। रामपाल ने कहा कि उसे तकलीफ है कि जिस अधीक्षक ने उससे फिरौती मांगी थी, उसे ही उस जेल का अधीक्षक बना दिया गया है। उसने कहा कि पुलिस ने जो चालान पेश किया है, वह बनावटी और झूठा है। चालान में जो लिखा गया है, सब पुलिस का मनघड़ंत है।

जी न्यूज व जी बिजनेस के आरोपी संपादकों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने का अनुरोध

पूर्व कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल ने बुधवार को आइटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी से मुलाकात की। शाम 5.30 बजे पुलिस मुख्यालय पहुंचे जिंदल ने बस्सी से मुलाकात कर जी न्यूज व जी बिजनेस के आरोपी संपादकों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने का अनुरोध किया। साथ ही उन्हें शीर्ष न्यायालय के आदेश की प्रति भी सौंपी, जिसमें न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से जांच आगे बढ़ाने की बात कही है।

एसपी की पोस्टिंग के लिए 15 लाख देने वाले आईपीएस अधिकारी की जांच हो

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने मलाईदार तैनाती की चाहत रखने वाले एक आईपीएस अफसर को ठगों द्वारा 15 लाख रुपये का चूना लगाने पर पैसा वापस कराने के लिए हजरतगंज पुलिस द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जांच कराये जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि एक समाचारपत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार कुछ महीने पहले इस अफसर की मुलाकात एक कद्दावर नेता के बंगले में एक बिचौलिए से हुई जिनसे उनकी मनचाहे जिले में तैनाती दिलवाने के लिए 25 लाख रुपये में सौदा हुआ और अफसर ने 15 लाख रुपये एडवांस दे दिए.

सांसद ने पत्रकारों की कीमत लगाई मात्र दो-दो सौ रुपये!

पहले नेता भ्रष्ट हुए. फिर नेताओं ने भ्रष्ट अफसरों को करीब रखकर उन्हें प्रमोट करना और उनके जरिए कमाना शुरू किया. इसके बाद भ्रष्ट नेता और भ्रष्ट अफसर ने मीडिया को भ्रष्ट कर अपने भ्रष्टाचार की पोल को खुलने से रोका, साथ ही भ्रष्टाचार के गठजोड़ को बड़ा किया. ये साबित तथ्य हैं. इसीलिए कहा जाता है कि मीडिया कोई अलग थलग भ्रष्ट नहीं है बल्कि इसे दो भ्रष्ट स्तंभों ने भ्रष्ट करने में अहम भूमिका निभाई है. देश में जब तक राजनीति अच्छी नहीं होगी, राजनीति नहीं सुधरेगी तब तक मीडिया का सुधरना मुश्किल है. इसी का ताजा उदाहरण है एक नेता द्वारा मीडिया वालों को रिश्वत देने का.