महाराष्ट्र में खासी पैठ करने वाले मीडिया संस्थान लोकमत की हिंदी हिंदी वेबसाइट में संपादक के पद पर नये-नये आये प्रशांत झा ने ज्वाइन करने के साथ ही ब्रूट वाले रंगढंग दिखाने शुरू कर दिये। प्रशांत झा लोकमत से पहले ब्रूट हिंदी के संपादक थे। प्रशांत झा और उनके द्वारा भर्ती की गई ब्रूट की टीम ने इतनी मेहनत की कि ब्रूट हिंदी में ताला लग गया और एक झटके में कंपनी ने झा सहित सभी हिंदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
इसके बाद ब्रूट हिंदी के पूर्व संपादक प्रशांत झा ने लोकमत हिंदी में संपादकत्व की नौकरी पाते ही ब्रूट हिंदी के अपने चहेतों को लोकमत में भर्ती करना शुरू कर दिया है।
प्रशांत झा ने ताजा-ताजा लोकमत हिदी के लिए वीडियो प्रोड्यूसर की भर्ती निकाली है, जिसे पढ़कर साफ पता चलता है कि भर्ती ब्रूट हिंदी के बेरोजगारों के लिए निकाली गयी है।
प्रशांत झा ने वीडियो प्रोड्यूसर की भर्ती के लिए 10-13 साल का अनुभव मांगा है यानि 10 से कम और 13 से ज्यादा होते ही उम्मीदवार नाकाबिल हो जाएगा। वर्क एक्स का ऐसा नैरो ब्रैकेट शायद ही किसी ने देखा हो। झा ने भर्ती विज्ञापन में बेहद चतुराई से अनुभव के दूसरे शर्त में ‘पोलिटिकल नेटवर्क’ रखा है। मीडिया में ‘पोलिटिकल नेटवर्क’ का मतलब किसी से छिपा नहीं है। झा के ‘पोलिटिकल नेटवर्क’ का एक और मतलब है कि वो ब्रूट हिंदी के अपने एक चहेते की भर्ती लोकमत में करा सकें। झा के उस चहेते ने एक-दो विधायकों का इंटरव्यू किया है। झा उसे सेलेक्ट करने के लिए उन इंटरव्यू को आधार बनाकर उसका सेलेक्शन करेंगे और सबसे कहेंगे कि वैकेंसी की जरूरत ही ऐसी ही थी।
इसके पहले झा लोकमत हिंदी के सोशलमीडिया में ब्रूट हिंदी से निकाली गयी अपनी एक चहेते/चहेती को सेट कर चुके हैं। उसका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड यही रहा है कि उसको संपादक जी अपने साथ साथ ढोते हैं, वो खुद दूसरी नौकरी पाने में असफल है।
प्रेषक- ब्रूट हिंदी का एक पूर्व कर्मचारी