मनु लक्ष्मी मिश्रा-
कभी कभी आप अखबार में विज्ञापन देखते हैं नक्कालों से सावधान। आजकल रोज टीवी, समाचारपत्रों में पढ़ते हैं कि साइबर क्राइम करने वाले, आतंकवादी गतिविधियां करने वाले, चोर उच्चके आपके दिमाग से आगे निकल गए हैं आप सावधान रहें। पर मैंने देखा है कि जब पड़ती है तो क्षण भर के लिए व्यक्ति संज्ञा शून्य हो जाता है। कल ऐसा ऐसा ही वाकया मेरे साथ हुआ। मैं लगभग दो बजे आफिस में बैठी थी कि एक वाट्सएप कॉल आई. मैंने उठाया तो उसमें डीपी एक पुलिस वाले की लगी थी, मैंने ध्यान नहीं दिया और हैलो कहते ही उधर से व्यक्ति बोला मैं दिल्ली पुलिस से बोल रहा हूं। मैंने कहा बताइए क्या काम है।
हमने एक लड़की से दुष्कर्म में तीन लड़के और एक लड़की को पकड़ा है, उसमें से एक लड़के ने आपका नंबर डायल किया।
मैंने कहा तो ये मुझे क्यों बता रहे हैं? और दुष्कर्म आरोपित में लड़की को भी पकड़ा है, बड़ा अजीब है।
उधर से आवाज आई कि मैं SHO बोल रहा हूं और इस केस का IO हूं और मेरे बेटे का नाम लेकर बोला कि वो आपका क्या लगता है। इतना सुनते ही मेरे होश उड़ गए,हाथ पैर कांपने लगे।
तब याद आया कि बड़े बेटे ने एक बार कहा था कि मम्मी यदि हम दोनों भाइयों के विषय में कोई कुछ कहे तो सबसे पहले स्पष्टीकरण हम दोनों से मांगना,एक नहीं फोन उठाएगा तो दूसरा उठाएगा।तब ही विश्वास करना। शुभम की बात याद आते ही मैंने कहा कि यदि उस लड़के ने नंबर डायल किया था तो मुझसे बात होती न। फिर झूठ ही कहा कि तू जिस बच्चे का नाम ले रहा है वो मेरे पास ही खड़ा है।
मेरे कहते ही फोन कट गया।
अब आगे मेरी बेवकूफी या मां का दिल देखिए। मैंने तुरंत छोटे बेटे को काल किया उसने फोन नहीं उठाया। मैं डर गई। बड़े बेटे को फोन लगाया तो उसने उठा लिया। मैंने थरथराती आवाज में कहा बेटा – उत्कर्ष.. उत्कर्ष कहां है, ठीक है।
मम्मी पहले ठीक से सांस तो लो, मैं बात कराता हूं वो यहीं है। घबड़ा क्यों रही हो, क्या बात है।
नहीं नहीं तुम उक्कू से बात कराओ न।
उधर से उत्कर्ष की आवाज आई कि हां मम्मी मैं बोल रहा हूं। मैं मैंगो शेक बना रहा था।
उक्कू बेटा तुम ठीक हो, मेरे पास एक काल आई थी,वो कह रहा था और मैं रोने लगी।
उत्कर्ष बोला मां आप कहां हो।
मैं आफिस में हूं। तुम आराम से बैठो,पानी पियो। देखो तुम्हारे पास दिल्ली पुलिस का फोन आया था न, जिसमें मैं दुष्कर्म का दोषी हूं।
तुम्हें कैसे पता… मम्मी हम दोनों भाई दिल्ली में रहते हैं, ऐसा ही फोन कल मेरे रूममेट के घर भी आया था। ये नंबर पाकिस्तान का है +92 से शुरू होता है। आप हम पर विश्वास करती हो, इसलिए आपने हम पर विश्वास किया नहीं तो ना जाने कितने लोग अपनी पूरे जीवन की कमाई लुटा देते हैं।
इसलिए मैंने पढ़ा है कि आजकल कॉल करके, मैसेज भेज कर और अब तो automated/pre – recorded call से धोखाधड़ी हो रही है। भेजे गए मैसेज में किसी भी प्रकार का नंबर या लिंक प्रेस करने से बचें। किसी भी परिस्थिति में किसी अनजान के कहने पर कोई app download नहीं करें। अनजान लोगों के द्वारा फेडेक्स कोरियर, ED, CBI, RBI, DoT, Court या पुलिस का नाम ले कर कॉल करने वालों के किसी दबाव या धमकी के कारण कोई जानकारी साझा नहीं करें।
कॉल करने वाले की DP में पुलिस वर्दी, उनके द्वारा अपने फर्जी आईडी कार्ड्स के झांसे में न आएं। ये केवल धोखा है जिससे आप जानकार और सतर्क रह कर ही बच सकते हैं। किसी सर्विस सेंटर के नंबर के लिए कभी भी गूगल से नंबर नहीं खोजें बल्कि उस कंपनी की वेबसाइट पर जा कर कस्टमर केयर नंबर निकाल कर सर्विस संबंधी शिकायत दर्ज कराएं। धोखा होने पर बिना समय गंवाए 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं जिससे आपका धोखे से ठगा गया पैसा होल्ड किया जा सके। इसमें कत्तई विलम्ब नहीं करें। मजेदार बात यह है कि इन बेइमानों की फोटो का स्क्रीनशॉट नहीं खींचा जा सकता।
लेखिका उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक सेवा में हैं।