मृणाल पांडेय को बढ़ती उम्र के साथ असंवेदनशीलता की रतौंधी ने घेर लिया लगता है. वे महिला होकर भी एक महिला के लिए किस किस्म की टिप्णियां कर रही हैं, ये जानकर सब लोग दंग हैं. कंगना रनौत को हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा टिकट मिलने के बाद पहले कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पहले घटिया टिप्पणी की, फिर मृणाल पांडेय ने उसी घटियापन को आगे बढ़ाया. देखें-
वरिष्ठ पत्रकार उपमिता वाजपेयी की टिप्पणी-
मृणाल पांडे बेहद घमंडी, दंभी और एरोगेंट किस्म की महिला हैं। लेकिन वो इस तरह की घटिया सोच रखती है ये बेहद अफसोसजनक है।
वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक उपाध्याय की टिप्पणी-
मृणाल पाण्डे कभी अपनी स्वतंत्र पहचान नहीं बना सकीं। कांग्रेस राज में प्रसार भारती की मुखिया समेत तमाम उपलब्धियों को हासिल कर चुकने के बावजूद उनकी बस एक ही पहचान रही है कि वे शिवानी की बेटी हैं। शिवानी एक महान साहित्यकार थीं। उनकी लेखनी में सरस्वती का वास था। हम सब उनके मुरीद हैं। आज मृणाल पाण्डे ने वो पहचान भी खो दी है। इस ट्वीट में भरी विकृत सोच को जीने वाली महिला कुछ भी हो, शिवानी की बेटी नहीं हो सकती!!
बेहद निचला और छिछला है ये सब. राहुल और प्रियंका गांधी इस पर कुछ बोलेंगे? क्या ये स्त्री अस्मिता पर हमला नहीं है? कहाँ हैं सारे सो कॉल्ड सिक्युलरिस्ट और बुद्धिजीवी? उनके भीतर की स्त्री चेतना क्या मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर छुट्टियों मनाने मालदीव चली गई है?