Madan Tiwary : सतीश उपाध्याय पर अरविन्द केजरीवाल ने आरोप लगाये है बिजली के मीटर को लेकर सतीश उपाध्याय बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष हैं। उन्होंने मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी है और आरोपों से इंकार किया है। सतीश जी, शायद केजरीवाल के हाथ बहुत छोटी सी जानकारी लगी है। आप जेल चले जायेंगे सतीश जी। आपके ऊपर करीब चार सौ करोड़ बिजली कंपनी से लेने का मुद्दा बहुत पहले से गरमाया हुआ है और आपके भाई उमेश उपाध्याय की सहभागिता का भी आरोप है। यह दीगर बात है कि पत्रकार बिरादरी भी यह सबकुछ जानते हुए खुलकर नहीं बोल रही है। दिल्ली की जनता को दुह कर दिल्ली की सत्ता को दूध पिलाने का काम करती आ रही हैं बिजली कंपनियां। खैर मुद्दा चाहे जो हो लेकिन एक साल के अंदर बिजली की दर 2:80 प्रति यूनिट से 4:00 प्रति यूनिट करने की दोषी तो भाजपा है ही। देश है, सब मिलकर बेच खाइये। जनता है, किसी न किसी को वोट देगी ही। काश! देश की जनता सही लोगों को चुन पाती या चुनाव बहिष्कार कर पाती। अपने नेताओं से सवाल कर पाती। काश।
Awadhesh Kumar : तो अरविन्द केजरीवाल ने पहला आरोप बम पटका… दीजिए जवाब… तो अरविंद केजरीवाल ने यह आरोप लगा दिया है कि दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वालीं कंपनियों और भाजपा के प्रदेश नेताओं के बीच कारोबारी रिश्ते व सांठगांठ के आरोपों का बम पटक दिया है। अरविन्द का आरोप देखिए, ‘ जिस कंपनी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय और उनकी पत्नी की हिस्सेदारी है, वह बिजली कंपनी बीएसईएस के लिए मीटर लगाने और बदलने का काम करती है। दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष आशीष सूद भी इस कंपनी में डायरेक्टर रह चुके हैं।’ जरा सोचिए, यह कितना बड़ा आरोप है। अरविन्द ने सतीश उपाध्याय की जिन छह कंपनियांे के नाम लिए उनमें से एक एनसीएनएल इंफो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड बीएसईएस के लिए मीटर लगाने और बदलने का काम करती है। दिल्ली में बिजली के मीटर हर व्यक्ति के लिए आज भी खलनायक है। लोगों ने मजबूरी में आत्मसमर्पण किया है, पर मेरे सहित तमाम दिल्लीवासी मानते हैं कि ये मीटर बिजली शुल्क के नाम पर जबरन लूटने के वैधानिक मशीन है। अभी मेरे पास विस्तृत जानकारी नहीं है। जानने की कोशिश कर रहा हूं। हालांकि व्यवसाय करना कोई अपराध नहीं है। सतीश उपाध्याय या आशीष सूद स्वयं मीटर उत्पादन नहीं करते हैं। केवल इसे लगाने और बदलने का काम करते हैं। यानी यह एक ठेका है जो किसी न किसी कंपनी को तो मिलना ही था। पर चुनाव के लिए यह तो एक मुद्दा है ही। हमें भी भाजपा के जवाब की प्रतीक्षा है।
तो सतीश उपाध्याय का जवाब भी आ गया… केजरीवाल पर एक और मुकदमा तय…
तो केजरीवाल के आरोप बम का जवाब मिल गया। अगर सतीश उपाध्याय और आशीष सूद की बातें मानें तो उन पर लगा पूरा आरोप ही झूठा है, बेबुनियाद है। सतीश उपाध्याय ने साफ कह दिया है कि उनने जो आरोप लगाया है उसे साबित कर दें अन्यथा राजनीति छोड़ दें। अगर उनने साबित कर दिया तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूुगा। उन्होंने कहा कि जिन दो कंपनियों का उनने नाम लिया उनके बारे में मुझे कुछ पता ही नहीं है। सतीश उपाध्याय की बात मानें तो अरविन्द केजरीवाल पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर होना निश्चित है। उपाध्याय एवं आशीष सूद दोनों की बातों को मानें तो उनकी कंपनी है, जिसके माध्यम से वे मिलकर ठेकेदारी का काम करते थे। केबल डालने का मीटर लगाने का, पर उनने कभी कोई मीटर खरीदकर नहीं लगाया। सतीश के अनुसार उनकी मीडिया कंपनी है जो 1996 की है जिसमें किसी कंपनी से कोई लेनदेन नहीं हुआ। उन्होंने यह भी साफ किया जब मैं राजनीति में आ गया तो सभी कंपनियों से त्यागपत्र दे दिया। दोनों का कहना है कि मैं परिवार को पालने के लिए व्यवसाय करता हूं, लेकिन साफ सुथरा करता हूं। उनके अनुसार राजनीति में इतना स्तर नीचे नहीं गिरना चाहिए कि हम व्यक्तिगत स्तर पर उतरकर हमला करें।
Dayanand Pandey : दिल्ली विधानसभा चुनाव में मौलाना लोग बहुत तेज़ी से लामबंद हो रहे हैं । इन के पास ज़रा भी अकल नहीं है । अगर खुदा न खास्ता भाजपा के खिलाफ मुसलामानों से आम आदमी पार्टी को वोट देने का फतवा जारी कर दिया इन मौलाना लोगों ने तो जो अरविंद केजरीवाल अभी तक बढ़त बनाए दिख रहे हैं , औंधे मुंह गिरेंगे। यह मौलाना लोग कहीं हिंदू वोटों को पोलराइज करने के लिए नरेंद्र मोदी के ट्रैप में तो नहीं फंस गए हैं ? इस लिए भी कि भाजपा दिल्ली में पांच से अधिक मुसलमानों को उम्मीदवार बनाने जा रही है । इन में से कुछ पूर्व आपिये भी हैं। नरेंद्र मोदी जैसा बहेलिया अभी तक भारतीय राजनीति में तो नहीं देखा गया। मुसलमानों की खिलाफत ने ही इस बहेलिये को इतना ताकतवर बनाया है यह मौलाना लोग अभी तक नहीं समझ पाए , यह तो हद्द है!
पत्रकार मदन तिवारी, अवधेश कुमार और दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से.