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छत्तीसगढ़

सवर्ण मानसिकता वाले इस पुलिस अधीक्षक ने पोल खुलने पर बेबाक पत्रकार को जेल भिजवाया, सुनें टेप

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के पुलिस अधीक्षक जो शख्स हैं उनका नाम सदानंद है. इनकी सवर्ण मानसिकता के बारे में जान-सुन कर हैरान रह जाएंगे. इनके मन में दलितों के प्रति अथाह घृणा है जिसका प्रदर्शन उन्होंने उस पत्रकार के साथ बातचीत के जरिए किया जो अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए जाना जाता है. पुलिस के अत्याचार और कदाचार के खिलाफ लिखने वाले पत्रकार जितेंद्र जायसवाल को एसपी से बातचीत का आडियो यूट्यूब पर अपलोड करना और पुलिस की जनविरोधी कार्यशैली को उजागर करना काफी महंगा पड़ गया है. उन्हें पुलिस वालों ने फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेज दिया है.

डिजिटल जर्नलिस्ट जितेंद्र जायसवाल से बातचीत के दौरान एसपी सदानंद ने कहा कि किसी एससी-एसटी लड़के के साथ अगर तुम्हारी फैमिली की कोई महिला भाग जाए तो सोचो क्या होगा? मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का है जहां पर एक अनुसूचित जाति के लड़के ने एक सामान्य वर्ग की लड़की के साथ प्रेम विवाह कर लिया था.

लड़की के परिजनों की शिकायत के बाद अंबिकापुर की कोतवाली और क्राइम ब्रांच पुलिस ने लड़के को बिना कारण के 4 दिनों तक लॉकअप में बंद रखा। आरोप है कि उसकी पिटाई भी की। परिजनों को मिलने भी नहीं दिया जा रहा था। इस खबर को जितेंद्र जायसवाल ने अपने वेब पोर्टल भारत सम्मान पर छापने का फैसला किया और पुलिस अधीक्षक से बात कर उनका पक्ष जानना चाहा। पर एसपी सदानंद की बातें सुनकर पत्रकार जितेंद्र दंग रह गया।

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पत्रकार द्वारा यह पूछने पर कि एक लड़के को बेवजह 4 दिन तक लॉकअप में कैसे रखा गया है जबकि 24 घंटे के भीतर कोर्ट में चालान पेश करना होता है, तब एसपी सदानंद ने पत्रकार को ही नसीहत देना शुरू कर दिया और कहा कि भगवान ना करे किसी एसटी-एससी के साथ तुम्हारे घर की कोई महिला चली जाए… ऐसे में तुम क्या करोगे? पत्रकार ने यह जवाब सुनकर शालीनता से प्रणाम किया. लेकिन एसपी साहब यहीं नहीं रुके. उन्होंने खबर लिखने को लेकर भी नसीहत देते हुए कहा कि अच्छी खबर लिखा करो. यानि अगर एसपी साहब का बस चले तो वह पुलिस विभाग देखने के साथ साथ पूरी मीडिया भी अपने नियंत्रण में ले लें और अपने अनुकूल खबरें लिखवाएं-दिखवाएं.

एसपी सदानंद की सवर्ण मानसिकता को देखकर सवाल खड़ा होता है कि सरगुजा की पुलिस किस तरह से प्रेम विवाह के मामले में न्याय कर रही है? आरोप है कि रसूखदार फैमिली ने पुलिस को ओबलाइज कर दिया जिसके बाद पुलिस की स्पीड एकदम से बढ़ गई और लड़के खिलाफ बेवजह कार्रवाई कर दी गई। लड़के को अनुसूचित जाति का बताकर लड़की के परिजनों से पुलिस का सहानुभूति दिखाना वाक़ई गज़ब की पुलिसिंग है।

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सुनें पुलिस कप्तान और पत्रकार के बीच संवाद….

पूरे प्रकरण को समझने के लिए इसे भी पढ़ें….

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भ्रष्ट पुलिस की पोल खोलने वाले डिजिटल जर्नलिस्ट जितेंद्र जायसवाल फर्जी मुकदमों में हुए गिरफ्तार

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