झालावाड़ (राजस्थान) : दैनिक भास्कर झालावाड़ के कर्मचारियों की गत 16 मार्च को झालावाड़ लेबर आफिस में समझौता वार्ता के दौरान अखबार के वकील ने मजीठिया को लेकर संघर्षरत कर्मचारियों को झूठा और कामचोर कहा। गाली की भाषा में वकील के आग बबूला होने पर लेबर इंस्पेक्टर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि – हमें पता है, आप लोगों की हकीकत क्या है। आप चुप रहें तो ही अच्छा होगा। अंतत: भास्कर प्रबंधन को सशर्त झुकना पड़ा। बताया गया है कि समझौते के बाद सभी कर्मचारियों ने काम करना शुरू कर दिया है।
समझौता वार्ता में प्रबंधन पक्ष की ओर से भास्कर कोटा के एडमिन हेड रामगोपाल सिंह चौहान और कोटा के एक वकील श्री अग्रवाल पेश हुए। बताया गया है कि इस दौरान अखबार कर्मियों पर दबाव बनाने के लिए मीटिंग में भास्कर झालावाड़ के कलस्टर हेड अक्षय सक्सेना और क्राइम रिपोर्टर इमरान खान भी मौजूद रहे।
लेबर इंस्पेक्टर कार्यालय में 16 मार्च को दोपहर के एक बजे कार्यवाही शुरू होते ही वकील श्री अग्रवाल अखबार कर्मियों पर गाली-गलौज की भाषा में बरस पड़े। उन्होंने कहा कि मजीठिया को लेकर संघर्षरत कर्मचारी झूठे और कामचोर हैं। इनको किसी ने भी बाहर नहीं निकाला है, न किसी ने इनको काम करने से मना किया है। ये सब नेतागिरी कर भास्कर के काम को प्रभावित कर रहे हैं।
वकील की असहनीय टिप्पणी सुनते ही लेबर इंस्पेक्टर ने कहा कि यहां कोई बहस नहीं, समझौता वार्ता हो रही है, जो आप झूठी दलीलें दे रहे हैं। हमारे पास 90 प्रतिशत मामले मौखिक रूप से हटाने के ही आते हैं और हमें पता है कि आप लोगों की हकीकत क्या है। आप चुप रहें तो ही अच्छा होगा।
इसके बाद रामगोपाल सिंह चौहान ने कहा कि आरोपी कर्मचारी खुद ही ड्यूटी छोड़कर चले गए थे। कर्मचारियों ने कहा कि हमें तो चौहान ने ड्यूटी से भगाते हुए कहा था कि ‘बाहर निकल, तेरे ऊपर चार नए केस और ठोकता हूं।’ इस पर चौहान घिग्घी बंध गई। वह तुरन्त झुकने को तैयार हो गए। चौहान ने लेबर इंस्पेक्टर से कहा- सर, हम सभी कर्मचारियों को वापस काम पर लेना चाहते हैं। कर्मचारियों ने कहा कि ये अवैधानिक कागज पर जबरन साइन कराना चाहते हैं तथा हम से हमारी सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
इस पर लेबर इंस्पेक्टर ने चौहान को कड़ाई से आगाह किया कि आप किसी से ऐसे किसी कागज पर साइन नहीं करवाएंगे, न इनमे से किसी कर्मी को परेशान करेंगे। प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि आज से वह इन कर्मचारियों का किसी भी तरह से उत्पीड़न न करते हुए इन सभी को अपनी ड्यूटी करने दे। अन्यथा यहां पर दुबारा केस लग जाएगा। अंतत: दैनिक भास्कर झालावाड़ झुका और सभी कर्मचारियों को बिना किसी शर्त के वापस काम पर लेने को तैयार हो गया। समझौता वार्ता के बाद सभी कर्मचारियों ने काम करना शुरू कर दिया है।