Vijay Shanker Singh : ज़ी न्यूज ने खबर चलाई, दिल्ली में तबलीगी जमात की बैठक का सच देखिए, अरुणांचल प्रदेश में कोरोना से संक्रमित 11 जमाती मरीज।
कहने की जरूरत नहीं है कि खबर सिर्फ यह थी कि अरुणाचल प्रदेश में कोरोना के संक्रमितों की संख्या 11 है। इसमें तबलीगी जमात की बैठक का सच देखिए वैसे भी बेजरूरत है। सच होता तो यह मामला संपादकीय विवेक का जरूर है। लेकिन उस पर फिर कभी।
अभी तो सच यह है कि अरुणाचल प्रदेश में कोविड का एक ही मामला पाया गया है। दूसरे की कोई खबर कहीं नहीं है। आप चाहें तो गूगल कर लीजिए। और यह अरुणाचल सूचना विभाग का खंडन भी है।
यह सही है कि हैंडल ब्लू टिक वाला नहीं है। पर कोरोना मामलों का वर्ल्ड मीटर अभी भी अरुणाचल प्रदेश में एक ही मामले की पुष्टि की बात कर रहा है। गलत खबर के कितने ही मामलों में किसी कार्रवाई की कोई खबर नहीं है।
यूपी के रिटायर पुलिस अफसर विजय शंकर सिंह की एफबी वॉल से.
कुछ कमेंट्स-
Girish Malviya : मीडिया ने पिछले कुछ दिनों से जिस तरह की खबरे चलाई हैं उसने सदियों से सुदृढ़ सामजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न कर दिया है. हर गाँव-कस्बे-शहर आदि में हिन्दू-मुस्लिम साथ में रहते आए हैं. पहले भी बहुत से आपसी सदभाव, सहयोग की भावना को तोड़ने के प्रयास हुए हैं लेकिन आपस में संदेह की कभी भी इतनी खाइयाँ महसूस नहीं की गयी थी जितनी इन 1012 दिनों में महसूस की गई है. कोरोना तो आज है कल नहीं भी होगा. लेकिन यह खाईंया यह संदेह की भावना इस देश में स्थायी रह जाएगी। हम तो इतना भी नहीं कह पाएंगे कि हे ईश्वर इन्हें क्षमा कर देना क्योंकि, ये लोग नहीं जानते की यह क्या कर रहे हैं क्योंकि ये लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि ये क्या कर रहे हैं.
Shashi Bhushan : फेक खबर फैलाकर मुस्लिमों के प्रति नफरत पैदा करना, जिसकी परिणति मॉब लिंचिंग में हो रही है। ये मीडिया नहीं सुपारी किलर्स हैं। फिर भी इस नफरती जॉम्बी दल्ली मीडिया को खुलेआम ऐसा अपराध करने की छूट मिली हुई है…! यह किसकी शह पर ऐसा कर रहे हैं..? जनता के टैक्स के पैसे को सरकारी विज्ञापन के बहाने पाने वाले और उसपर पलने वाले इन गिद्धों का कोई इलाज नहीं है क्या..? देश के मीलॉर्ड का स्वतः संज्ञान तो कब का मर चुका.. क्या ‘भारत’ के जमीर को भी मरा हुआ मान लिया जाय..?
Rohit Kumar Paswan : ये मीडिया वाले देश में आग लगा कर ही मानेंगे..