Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

‘आपबीती’ में ‘अपनी’ पहले से शामिल है, फिर अलग से लिखने की क्या ज़रूरत!

राजीव शर्मा-

आज (07.10.2022) सुबह एक वॉट्सऐप ग्रुप में किसी सदस्य ने ख़बर का लिंक पोस्ट किया था। मैंने उत्सुकतावश वह लिंक खोला और उसके बाद संबंधित वेबसाइट (आजतक डॉट इन) के होम पेज पर चला गया। वहाँ एक पंक्ति ने मुझे चौंकाया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वेबसाइट के ऊपरी हिस्से में मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा था – ‘अपनी आपबीती बताने के लिए हमें वॉट्सऐप करें।’ बीच में वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी की तस्वीर लगी थी। 

इससे पहले भी जहाँ कहीं ‘आपबीती’ के साथ ‘अपनी’ लिखा मिला, मुझे लगा कि यहाँ कुछ गड़बड़ ज़रूर है, क्योंकि ‘आपबीती’ में ‘अपनी’ पहले से शामिल है। फिर अलग से लिखने की क्या ज़रूरत है?

‘आपबीती’ का अर्थ है- अपने ऊपर बीतने या गुज़रने वाली घटना या बात; स्वयं पर गुज़रने वाली या स्वयं के जीवन में घटित होने वाली घटना या कहानी; अपने ऊपर गुज़रा हुआ; अपना अनुभव।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस तरह हम देखते हैं कि आपबीती का संबंध किसी व्यक्ति के अपने जीवन से है। जो कुछ स्वयं के साथ घटित होता है, वह आपबीती में आ जाता है। इसलिए ‘आपबीती’ के साथ अपनी लिखने की ज़रूरत नहीं होती। इससे वाक्य दोषपूर्ण हो जाता है। 

इसे समझने के लिए कुछ उदाहरण दे रहा हूँ।

1. मैं दीपावली की छुट्टियों में अपने स्वदेश जाऊँगा।

यहाँ ‘अपने’ की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि स्वदेश का अर्थ अपना देश होता है। इसमें ‘स्व’ के रूप में ‘अपना’ पहले से मौजूद है। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

2. मैंने हाथ से हस्ताक्षर कर दिए हैं।

हस्ताक्षर में हस्त के रूप में हाथ पहले से मौजूद है। 

3. अपने स्वकर्म से किसी को कष्ट न पहुँचाओ।

स्वकर्म का अर्थ अपना कर्म होता है, इसलिए वाक्य में ‘अपने’ लिखने से यह दोषपूर्ण हो जाता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

4. क्यों बेफ़ालतू बातें करते हो?

यहाँ ‘बेफ़ालतू’ शब्द ग़लत है। फ़ालतू का अर्थ होता है- बेकार। इसलिए जो पहले से बेकार है, उसके साथ ‘बे’ क्यों लगाएँ? 

इन उदाहरणों को यूँ समझिए कि जिस तरह कोई व्यक्ति सर्दियों में बढ़िया-सा, टोपीवाला कोट पहनता है तो उसे अलग से जेब, बटन, टोपी आदि पहनने की ज़रूरत नहीं होती, क्योंकि ये सब चीज़ें कोट में पहले से मौजूद होती हैं। उसी प्रकार इन शब्दों में ‘अपना/नी’, ‘हाथ’, ‘बेकार’ पहले से मौजूद हैं। इन्हें दोहराने की ज़रूरत नहीं है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

.. राजीव शर्मा ..

जयपुर

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement