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सुख-दुख

अपने दो बेशकीमती मित्रों अंजनि कुमार विशाल और अजय झा के असमय चले जाने से सदमे में हूं…

Abhiranjan Kumar : पिछले डेढ़ महीने में मैंने अपने दो सहृदय मित्रों / भाइयों को खो दिया। 15 सितंबर को अंजनि कुमार विशाल पटना में महज 60 साल की उम्र में चल बसे, तो 30 अक्टूबर को अजय झा ने बैंगलोर में सिर्फ़ 54 साल की उम्र में हमारा साथ छोड़ दिया। दोनों की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई। दोनों न सिर्फ़ जानदार और शानदार इंसान थे, बल्कि ज़बर्दस्त पत्रकार और साहित्यप्रेमी भी थे। अंजनि कुमार विशाल “पाटलिपुत्र टाइम्स” और “संध्या प्रहरी” के धुरंधर रिपोर्टर और संपादक रहे। नरमुंड कांड और अंखफोड़वा कांड पर अपनी खोजी रिपोर्ट के लिए एक ज़माने में बड़े चर्चित रहे।

<p>Abhiranjan Kumar : पिछले डेढ़ महीने में मैंने अपने दो सहृदय मित्रों / भाइयों को खो दिया। 15 सितंबर को अंजनि कुमार विशाल पटना में महज 60 साल की उम्र में चल बसे, तो 30 अक्टूबर को अजय झा ने बैंगलोर में सिर्फ़ 54 साल की उम्र में हमारा साथ छोड़ दिया। दोनों की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई। दोनों न सिर्फ़ जानदार और शानदार इंसान थे, बल्कि ज़बर्दस्त पत्रकार और साहित्यप्रेमी भी थे। अंजनि कुमार विशाल "पाटलिपुत्र टाइम्स" और "संध्या प्रहरी" के धुरंधर रिपोर्टर और संपादक रहे। नरमुंड कांड और अंखफोड़वा कांड पर अपनी खोजी रिपोर्ट के लिए एक ज़माने में बड़े चर्चित रहे।</p>

Abhiranjan Kumar : पिछले डेढ़ महीने में मैंने अपने दो सहृदय मित्रों / भाइयों को खो दिया। 15 सितंबर को अंजनि कुमार विशाल पटना में महज 60 साल की उम्र में चल बसे, तो 30 अक्टूबर को अजय झा ने बैंगलोर में सिर्फ़ 54 साल की उम्र में हमारा साथ छोड़ दिया। दोनों की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई। दोनों न सिर्फ़ जानदार और शानदार इंसान थे, बल्कि ज़बर्दस्त पत्रकार और साहित्यप्रेमी भी थे। अंजनि कुमार विशाल “पाटलिपुत्र टाइम्स” और “संध्या प्रहरी” के धुरंधर रिपोर्टर और संपादक रहे। नरमुंड कांड और अंखफोड़वा कांड पर अपनी खोजी रिपोर्ट के लिए एक ज़माने में बड़े चर्चित रहे।

बाद में पटना में जब मैं “आर्यन टीवी” को संभाल रहा था, तो वे सांध्य दैनिक “आर्यन संदेश” के संपादक बनकर आए थे। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। एक शानदार कवि और ईमानदार पत्रकार थे। मुझे यह कहते हुए बेहद अफ़सोस है कि ज़िंदगी के आख़िरी दिन उन्होंने गंभीर मुफलिसी में गुज़ारे।

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अजय झा मेरे प्यारे दोस्त, प्यारे भाई थे। पंद्रह साल पुराना याराना था। जब हम रजत जी की कंपनी आईएमपीएल के दिल्ली मुख्यालय में आउटपुट पर थे, तब वे बैंगलोर में संवाददाता थे। बाद में दिल्ली में एनडीटीवी में हम लोगों ने कई साल तक साथ काम किया। फिर वे लोकसभा टीवी के हेड बने और आजकल प्रसार भारती बोर्ड में थे। वे भी एक धुरंधर रिपोर्टर और सुधी साहित्यप्रेमी थे। श्रीलंका में एलटीटीई के गढ़ से उन्होंने कई बार रिपोर्टिंग की।

मेरे इन दोनों मित्रों, दोनों भाइयों का नाता बिहार के भागलपुर ज़िले से था। उनकी आकस्मिक मृत्यु से मैं घनघोर सदमे में हूं। दोनों को ही मैं कभी नहीं भुला पाऊंगा। ईश्वर उनकी आत्माओं को शांति दे। आप भी उनकी आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करें।

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पत्रकार अभिरंजन कुमार के फेसबुक वॉल से.

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