Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

थाने भीतर फोन छिनैती के फायदे…

Yashwant Singh-

आईफोन गिफ्ट में मिला था. ये पहले ही कई जगह लिख और बता चुका हूं. उस फ्री में मिले हुए फोन की दिल्ली पुलिस ने छिनैती कर ली. कायदे से आज पुराना सिम ब्लाक कर नया सिम ले आता और एक नया फोन खरीदता फिर उसमें लगा देता. कारोबार पहले जैसा हो जाता. लेकिन मुझे इसमें एक प्रयोग का मौका दिख रहा है. बिन फोन रहा जाए कुछ दिन. लैपटाप में सब तामझाम है ही. जब लगे कि कनेक्ट होना है दुनिया से तो आन कर लो लैपटाप. अन्यथा आफलाइन जीवन जियो.

हम लोग जिस पीढ़ी के लोग हैं, उसने बिना फोन का जीवन जिया है और अब फोन का एडिक्शन भी झेल रही है. मैं हरिद्वार के बारे में सोचता रहता हूं. संन्यासी जीवन के बारे में सोचता रहता हूं. तो पाता हूं कि इस जीवन में फोन की जरूरत न्यूनतम होनी चाहिए. दो चार दिन पर एकाध बार. एक समय बाद हमको ये लगना महसूस करना बंद हो जाना चाहिए कि दुनिया में क्या कुछ चल रहा है. हमने बहुत जोर लगा लिया. बहुत क्रांति कर ली. दुनिया को जितना खिसकना था, उतना दाएँ बाएँ हो ली. अब छोड़ दो दुनिया को उसके हाल पर. खुद को दुनिया से न्यून करना शुरू कर दो.

Advertisement. Scroll to continue reading.

मैं अक्सर अपने साथ होने वाली घटनाओं में प्रकृति की मंशा तलाशता हूं. क्या संदेश छिपा है इसमें. क्यों हुआ ये मेरे साथ. धीरे धीरे जब परतें खुलती हैं तो बड़े गहरे अर्थ निकलते हैं. दिल्ली पुलिस के एसीपी संजीव कुमार और इंस्पेक्टर सूरज पाल ने मेरा फोन छीन कर एक बड़ा अच्छा काम कर दिया है मेरे लिए. बिना फोन के जीवन जीने का अभ्यास शुरू कर रहा हूं. एक दूसरा फोन है भड़ास वाला. वो आमतौर पर साइलेंट ही रहता है. उसे रख लिया है अपने पास. सोचिए, अब भी एक फोन रखा हूं अपने पास और कह रहा हूं कि बिना फोन जीवन जीने का अभ्यास कर रहा हूं. कितना गजब एडिक्शन है फोन का.

जो फोन है मेरे पास वो नंबर बहुत कम लोगों के पास है. गिने चुने बीस तीस लोग के पास. इसलिए उस फोन के होने न होने का बहुत मतलब नहीं है. पर क्या अच्छा हो कि ये फोन भी कहीं गिर जाए या खराब हो जाए. तो एकदम्मे कोई फोन नहीं रहेगा. पर ये होना मुश्किल है क्योंकि भड़ास चलाने के लिए, खबरों के साथ जीने के लिए फोन तो होना जरूरी है. पर ये खबरों वाला करियर भी बहुत लंबा चल गया. तीस साल से ये सब कर रहा हूं. इसे भी विराम देने का वक्त आ गया है. कोई किसी तरह इसे भी बंद करा दे तो मैं गाऊं…

Advertisement. Scroll to continue reading.

भला हुआ मोरी गगरी फूटी, पनिया भरन से छूटी रे….

जैजै

Advertisement. Scroll to continue reading.

पूरे प्रकरण को समझने के लिए ये भी पढ़ें-

https://www.bhadas4media.com/tag/acp-sanjeev-kumar-inspector-suraj-pal/

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement