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सुख-दुख

अडानी की कंपनियों में पैसा कौन लगा रहा है?

विक्रम सिंह चौहान-

संसद में सरकार खुलेआम झूठ बोल रही है.उनकी झूठ पकड़ने और जनता को सच बताने की जगह पेगासस का झुनझुना लेकर विपक्ष और पत्रकार ट्वीट- ट्वीट खेल रहे हैं.टीएमसी की तेजतर्रार सांसद महुआ मोइत्रा ने जून माह में अडानी की कंपनियों में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए माँग की थी कि इनकम टैक्स विभाग, सेबी और ईडी को इस मामले की जाँच करनी चाहिए.

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महुआ मोइत्रा ने अडाणी की कंपनियों के शेयरों में आए असाधारण उछाल, उनमें विदेश से आई रकम, इस रकम को लाने वाले विदेशी निवेशकों और इस रकम के मूल स्रोत पर सवाल उठाई थीं.उन्होंने बाकायदा वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन, राजस्व सचिव तरुण बजाज, सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी और प्रवर्तन निदेशालय यानी एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट के निदेशक को भी चिट्ठी भेजी थीं.

जब महुआ को इसका जवाब नहीं मिला तो उन्होंने कहा कि हमें अभी तक ये नहीं पता कि अडानी की कंपनियों में पैसा लगाने वाला कौन था.होम मिनिस्ट्री को पक्का पता है कि कौन शेयरधारक है.सारा देश जानना चाहता है कि अडानी की कंपनियों में कौन पैसा लगा रहा है.

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उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद भारत सरकार संसद में ही इन सवालों का जवाब देगी.और इसके बाद महुआ मोइत्रा ने यही सवाल संसद में लगा दिया.अब कल महुआ मोइत्रा के सवाल पर संसद में लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया है कि बाजार नियामक सेबी (SEBI) और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) अडानी समूह की कुछ कंपनियों की जांच कर रहे हैं. इन कंपनियों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है.

उन्होंने यह नहीं बताया कि अडानी समूह की किन-किन कंपनियों की जांच हो रही है.अब मामले की दिलचस्प मोड़ देखिए अडानी ग्रुप ने इस बात से इंकार किया है कि उसे सेबी से कोई नोटिस मिला है.डीआरआई जांच पर अडानी ग्रुप ने कहा है कि डीआरआई को 5 साल पहले जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है.और अडानी पॉवर के लिए उन्हें शो काज नोटिस 5 साल पहले मिली थी.अभी उनके किसी भी कंपनी को किसी भी जांच के लिए कोई नोटिस नहीं मिली है.

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मतलब संसद में लिखित में साफ झूठ बोल गई मोदी सरकार. लेकिन यही पर महुआ मोइत्रा अपना काम कर गईं.संसद पर उनके सवाल पर अर्थजगत में भयंकर प्रतिक्रिया हुई और अडानी समूह की 5 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में सोमवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली.मोदी सरकार अडानी के मसले पर फंस गई है.अब उन्हें उन कंपनियों के नाम बताने होंगे जिनकी जांच चल रही है.या नहीं चल रही है तो अब जांच के आदेश देने होंगे.

एक जागरूक और पढ़ी लिखी सांसद का पॉवर देखिये.असली विपक्ष बनने के लिए आपको ट्वीटर से बाहर भी बहुत कुछ करना होता है.महुआ मोइत्रा एक मौका नहीं छोड़ती मोदी गैंग को कमजोर करने के लिए.

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