चार महा पूर्व बरेली ट्रांसफर होकर आए प्रसार प्रबंधक पंकज शर्मा नेअमर उजाला बरेली यूनिट में हिटलर शाही का खेल खेलना शुरू कर दिया। इस कारण दो कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी। एक कर्मचारी का मेरठ ट्रांसफर कर दिया गया।
पंकज शर्मा ने आते ही सिटी से लेकर देहात तक एजेंसी धारकों पर अखबार की प्रतियों का बेहिसाब बोझ बढ़ा दिया। यूनिट में जिले स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों पर ऐसी लगाम कसी जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया। इसके चलते ही सहायक प्रसार प्रबंधक अनुराग यादव ने इस्तीफा दे दिया। वरिष्ठ प्रसार अधिकारी अजय प्रकाश ने भी इस्तीफा दे दिया और घर बैठ गए। एक एक्सक्यूटिव दिलीप कुमार ने पंकज शर्मा का विरोध किया तो उनका ट्रांसफर मेरठ कर दिया गया।
हालांकि दिलीप ने अपने घर के बुजुर्ग माता-पिता को छोड़कर मेरठ जाने में असहमति जाहिर की तो उच्चाधिकारियों की दखल से अभी मामला रुका हुआ है। पंकज शर्मा की हिटलर शाही के कारण एक दर्जन से ज्यादा एजेंसी धारकों ने एजेंसियां बंद कर दी जिससे हजारों अखबार का नुकसान बरेली यूनिट को होने लगा।
लखीमपुर में 800 बदायूं में 1000 शाहजहांपुर में 700 पीलीभीत में 400 बरेली सिटी राजेंद्र नगर में 735 कुतुब खाना में 160 सदाना में 425 तिलहर में 420 नावेल्टी में 500 जंक्शन में 250 अमर उजाला अखबार की प्रतियां प्रतिदिन रद्दी हो रही है।शाहजहांपुर के कई स्टेशन बंद हो गए। बदायूं में 6 स्टेशन बंद हुए। इसी तरह पीलीभीत लखीमपुर में तमाम स्टेशन बंद हो गए।
बरेली यूनिट के लिए 10-15 सालों से काम कर रहे एजेंट और कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। यही हालत रहे तो अमर उजाला बरेली यूनिट को भारी पड़ सकती है एजेंटो कर्मचारियों की नाराजगी। प्रसार के तमाम लोग वर्षों से नौकरी करने के कारण विरोध नहीं कर पा रहे हैं लेकिन गुस्सा उनके अंदर भी है।
भड़ास को मिले एक पत्र पर आधारित.
पवन शर्मा
December 17, 2022 at 9:37 am
रामपुर में भी अमर उजाला खबार बंदी के कगार पर है। अमृत विचार ने पानी पिला दिया है। 1200 कापी रोज शहर में बच रही हैं। देहात सेंटर भी डूब गये हैं। हाल यह है, बची कापियां छिपाकर रखी जा रही हैं। एक दिन पूरा गट्ठठर नाले में गिर गया था, पोल खुल गई थी बची कापियों की। अखबार ने एजेंट हाकरों का 50 साल से उत्पीड़न किया। अब झेलोगे तुम ही…….।