Siddharth Kalhans : पहली बार किसी ने दस रुपये के नोट पर लिखा होगा, सोनम गुप्ता बेवफा है, तब क्या घटित हुआ होगा? क्या नियति से आशिक, मिज़ाज से अविष्कारक कोई लड़का ठुकराया गया होगा, उसने डंक से तिलमिलाते हुए सोनम गुप्ता को बदनाम करने की गरज से उसे सरेबाजार ला दिया होगा? या वह सिर्फ फरियाद करना चाहता था, किसी और से कर लेना लेकिन सोनम से दिल न लागाना।
अनिल यादव
क्या पता सोनम को कुछ खबर ही न हो, वह सड़क की पटरी पर मुंह फाड़कर गोलगप्पे खा रही हो, जिंदगी में तीसरी बार लिपिस्टिक लगाकर होठों को किसी गाने में सुने जैसा महसूस कर रही हो। यह भी तो हो सकता है कि किसी चिबिल्ली लड़की ने ही अपनी सहेली सोनम से कट्टी करने के बाद उसे नोट पर उतार कर राहत पाई हो…
(अंतिका प्रकाशन से बस अभी-अभी छपी हिन्दी के सबसे चहेते गद्यकार अनिल यादव की नई किताब ‘सोनम गुप्ता बेवफा नहीं है’ से)
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस की एफबी वॉल से.
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तभी सोनम गुप्ता प्रकट होती है…
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