अर्णब का टीआरपी काल और सेंसेशन!
जहर पर जमीन पर दिखने लगा है…। टीवी स्क्रीन पर, सोशल मीडिया पर वो एक दूसरे पर गालियों की शक्ल में आ चुका है…। जो एजेंडा था उसे अंतिम रूम मिल चुका है..।
अर्णब गोस्वामी जैसे लोग जो चाहते थे ठीक वही हो रहा है…। तर्क भी दिए जा रहे हैं कि ”तुम हमारे मालिक को हत्यारा बोला तो कुछ नहीं हम उसे इटालियन बोल दें तो गाली” ऐसी पोस्ट पत्रकार शेयर कर रहे हैं…।
यानी ये साफ है कि पत्रकारों का एक बड़ा तबका बीजेपी का प्रवक्ता बन चुका है..। चलिये ये भी मान लिया जाए कि मोदी को कांग्रेस ने गालियां दी…लेकिन इसे पत्रकार बीजेपी की लाइन लेकर अपने आपको बीजेपी का कार्यकर्ता घोषित कर दें…।
ऐसी सामूहिक मूर्खता पहली बार देखी गई…अब बात अर्णब की, सोनिया गांधी को अर्णब ने किस लहजे में संबोधित किया यह हर किसी ने देखा है..। उसके बाद अगले दिन अर्णब ने वीडियो के ज़रिये हमले की सूचना एएनआई समेत तमाम लोगों को शेयर किया…।
संबित पात्रा और रिपब्लिक नेटवर्क एक ट्वीट भी खूब वायरल हुआ..। जिसमें एक मिनट के समयांतराल के फर्क को अंडरलाइन किया गया…सवाल उठे कि चैनल से पहले बीजेपी के पास कैसे जानकारी पहुंची…सुबह से ही पूरा दिन स्क्रीन पर रिपब्लिक भारत पत्रकारिता की कब्र खोदता रहा…।
पूरा दिन ब्रेकिंग, टिकर, एंकर और गेस्ट की भाषा का विश्लेषण करेंगे तो पता चलेगा कि ये चैनल पत्रकतारिता की भाषाई परिभाषा का बलात्कार करता रहा…। कई बड़े लोगों से ट्विटर से लेकर फेसबुक पर पोस्ट कराए जाते रहे…। ट्विटर पर बीजेपी आईटी सेल से गाली गलौच वाले हैशटैग चलाती रही…। दोनों तरफ की ट्रोल आर्मी ने ट्विटर कई तरह से हैशटैग चलाए…। वही हैशटैग मीडिया की हेडलाइन बने…। चर्चा का विषय बना रहा…।
अब बात उस समय की जब पालघर मामले को रिपब्लिक टीवी ने तूल देना शुरू किया…संतों की हत्या पर ज्यादातर चैनल हिंदू मुसलमान एंगल खोजने में जब नाकामयाब साबित हो गए तब अर्णब चर्च और पादरी और इटली वाला एंगल लेकर स्क्रीन पर चिल्लाते हुए प्रकट हुए..।
जो मुद्दा करीब करीब खत्म हो चुका था उसे रिपब्लिक नेटवर्क ने सोनिया की पैदाइश, कांग्रेस सरकार और इसाइयों से जोड़कर एक बार फिर से चर्चा में ले आए…। इससे फायदा ये हुआ कि R.भारत और RUPUBLIC TV जो टीआरपी की टैली में गायब होता जा रहा था उसे फिर संजीवनी मिल गई…।
मंगलवार को ”पूछता है भारत” में ऐंठते हुए अर्णब प्रकट हुए और कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम को बैठाकर लगातार भाषाई मर्यादा लांघते रहे..। धार्मिक कट्टरता की चासनी में लाकर पालघर की घटना पर वैमनस्य फैलाते रहे…। फिर कांग्रेस नेताओं ने कई राज्यों और जिलों में अर्णब पर FIR दर्ज करानी शुरू कर दी…। इसके बाद अर्णब को चैनल की टीआरपी दिखी और बुधवार की रात हमले का आरोप लगाते हुए फिर से सनसनीखेज बना दिया…।
यहां ध्यान रहे कि टीआरपी की रेटिंग गुरुवार से गुरुवार तक सप्ताहवार काउंट की जाती है..। बाकी हैशटैग, चर्चा, सोशल मीडिया और गाली गलौच से सब भी TRP के बेहतरीन रास्ते हैं…। यानि पूरे प्रपंच को अर्णब ने अंजाम तक पहुंचा दिया..।
बहुत संभव है कि रिपब्लिक नेटवर्क को आने वाली रेटिंग में बड़ा फायदा हो और अगर नहीं भी होता है तो जिस TRP की भूख अर्णब को थी वो तो पूरी हो चुकी है..। लोग एक दूसरे को गालियां दे रहे हैं…पत्रकार भी बीजेपी के भक्त और कांग्रेस के चमचों में बंट चुके हैं..।
इन सब में ट्रोल को मुद्दा मिला, कोरोना-कोरोना रटते रटते बीजेपी-कांग्रेस को सियासत का मौका मिला, अर्णब की TRPकी भूख शांत हुई, व्हाट्सऐप विश्विविद्याल के खलिहरों को नेहरू, गांधी, देशद्रोह और राष्ट्रवाद की छिछली बहस और तर्क को दर्दनाक मौत…!
प्रशांत शुक्ल, टीवी जर्नलिस्ट (लखनऊ)
Manoj Kumar
April 24, 2020 at 6:40 pm
प्रशांत शुक्ल के अंतिम शब्द हैं – तर्क को दर्दनाक मौत, अब प्रशांत शुक्ल के तर्क को देखिए – यानी पूरे प्रपनच को अर्नब गोस्वामी ने अंजाम तक पंहुचा दिया । यानि अर्नब ने खुद ही अपने ऊपर हमला कराया, खुद ही अपने खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवा दी , क्या ये तर्क हजम होने वाला है? ये हाल है खुद को जर्नलिस्ट कहलाने वालों का , शुक्ल जी लिखते हैं कि राष्ट्रवाद की छिछली बहस, अब भैया ज्यादा ज्ञानी हो तो आप ही स्तरीय बहस करके दिखाओ, करवा के दिखाओ ।मतलब हम पत्रकार हैं तो ऊल जलूल कैसी भी आलोचना करना ही हमारा काम है ।
Payal Chakravarty
April 24, 2020 at 11:53 pm
Dalal hai sala chutiya. Kuch bhi bolta hai aur apne ofc ke karamchariyo ko kaam pe laga diya hai ki social media pe iski tarafdari karein.
mkumalaxmi
May 1, 2020 at 2:10 pm
sahi hai galat kya hai ye news lkhnewala khud secular ya chatukar nahi lagta congress ka bjp ;bharat ki culture ki raksha karti hai dusra bharat me hai kon jo aisa karta hai sab ke sab muslim church ka hi favour lete hai ;;;2 santo ki hatya bhi unko jayaj lagti hai ;;to kya antonio maino ko sawal puchhna bhi gunah ho jata hai ;;ye to gunda gardi hai desh dekh raha hai ;;in logo ki halat ruus ke jar jaisi hogi ek din