प्रवीण बाग़ी-
मेरे सहयोगी और मित्र अरुण कुमार श्रीवास्तव वेंटिलेटर पर हैं। स्थिति गंभीर है। आज तीसरा दिन है। 26 मार्च को गॉलब्लाडर में पथरी का आपरेशन कराने गए थे। ऑपरेशन सफल रहा। लेकिन उसके बाद बेहोश हो गए।

कुछ क्षण के लिए हृदय की धड़कन भी रुक गई लेकिन डॉक्टर सहजानंद की सजगता के कारण जान बच गई। सीपीआर से बंद ह्रदय को चालू किया गया। इसके बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉ. सहजानंद खुद अरुण जी को लेकर साईं हॉस्पिटल में जाकर भर्ती कराया। कंकड़बाग थाना के पास स्थित इस अस्पताल के आईसीयू में बेड नंबर 11 पर अरुण जी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
वे जागरण, प्रभात खबर, कशिश न्यूज आदि संस्थानों में लम्बे समय तक काम कर चुके हैं। फिलहाल देशप्राण अखबार में कार्यरत हैं। परिवार के अकेले कमानेवाले हैं।
अरुण जी जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे हैं। इस वक्त उन्हें सभी के दुआओं की जरुरत है। उनकी प्राण रक्षा जरुरी है। देशप्राण संस्थान की तरफ से उन्हें मदद भी दी गई है। सभी मित्रों से आग्रह है कि वे भगवान से प्रार्थना करें कि अरुण जी सुरक्षित घर लौटें।