यशवंत सिंह-
इस बार नोएडा काफ़ी दिन रुक गया। घर शिफ्ट करना टास्क था जो पूरा हो गया। अब किराया नहीं देना है। कल पंद्रह अगस्त भी अपनी नई सोसायटी में मना लिया गया।
इस वक़्त ट्रेन में हूँ। आर्या न्यूज़ वाला फ्रॉड दुर्गेशवा एक फर्जी मुक़दमा जौनपुर में किया है। उसी केस के लिए वकालतनामा साइन करना है।
आपदा में अवसर का ही एक हिस्सा है मुक़दमों में मौक़ा। इसका इस्तेमाल घूमने टहलने के लिए करता हूँ। तो कल से जौनपुर पड़ाव रहेगा। जौनपुर घूमा जाएगा। ढूँढ ढूँढ कर लोगों से मिला जाएगा।
काश भड़ास पर मुक़दमा गोवा बैंकाक न्यूयार्क मास्को में भी होता तो वहाँ भी घूमने जाने का मौक़ा मिलता।
जीवन छोटा है। जो भी जीने के लिए मिल रहा है उसे इंजॉय करते हुए जियो!
तस्वीर कल पंद्रह अगस्त के कार्यक्रम की…
दो दिन पहले मुक़दमा लड़ने नोएडा के सूरजपुर कोर्ट गए थे यशवंत, देखें उनकी एफबी वॉल-
एफबी पर आईं कुछ प्रतिक्रियाएँ-
Ashok Kumar Sharma- फोटो देख कर बहुत अच्छा लगा आपके व्यक्तित्व की उर्जा और सहजता दोनों ही एक साथ उसमें नजर आती हैं। मैंने 40 साल के अपने सरकारी करियर में बहुत से मुकदमे देखें और उनमें से एक भी मुकदमा कभी नहीं हारा। सबसे खतरनाक दूर तो तब था जब मायावती सरकार ने 2008 में एक फर्जी और फ्रॉड पत्रकार की निराधार शिकायत को महत्व देते हुए मेरे विरुद्ध बहुत से मामले कायम कर दिए। अनुसूचित जाति के उत्पीड़न का मामला जिसमें बेनाम शिकायतकर्ता ही गायब था। मेरी दोनों बेटियों के स्विट्जरलैंड में पढ़ने का मामला जिनका जीवन में कभी पासपोर्ट ही नहीं बना था। मेरे पास भारत के बड़े-बड़े शहरों में मॉल्स में महंगी दुकानें विकास प्राधिकरण में महंगे प्लाट और मकान तथा बैंकों में अकूत संपत्ति होने का आरोप जिसकी गोपनीय विजिलेंस जांच चालू कर दी गई थी। सबसे बढ़कर शासन के तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह जो जांच हर बार पूरी हो जाने के बावजूद उसे असहमत होकर लौटा देते थे कि यह जांच नई टीम से दोबारा कराई जाय। वह जाट दो प्रमुख सचिव एक पुलिस महानिदेशक विजिलेंस के निदेशक और जिला प्रशासन के एक अपर जिलाधिकारी एक साथ कर रहे थे। एक बार तो लगा जीवन व्यर्थ है इसे बनाए रखना व्यर्थ है मगर “उसी पल” मुझे अपने छोटी बेटी संस्कृति का ध्यान आ गया जिसका विवाह नहीं हुआ था। इसलिए सल्फास की गोलियां गटर में फ्लश कर दीं और लड़ने का फैसला किया। कमाल की बात यह है कि जब मैंने लड़ने का फैसला किया था और इतनी मदद मिली जिसकी मुझे कल्पना भी नहीं थी। मैंने एक सबक सीखा जब आप कम करने की ठान लेते हैं तो भगवान भी आपकी मदद करते हैं और फिर चाहे संसार के सारे लोग आपके खिलाफ हो जाएं जीत आपकी ही होती है। मैं नहीं जानता कि सच क्या है? कितने लोग यशवंत सिंह को प्यार करते हैं? लेकिन पिछले लगभग 2.5 दशकों में मैंने जितना तुमको जाना है, मैं डंके की चोट पड़ी है कह सकता हूं कि लोगों की तकलीफों को कम करने और उनके लिए हर बार अपना गांडीव तरकस गधा तलवार उठाने वाले कलयुग की पत्रकारिता के इस भोलेनाथ को कोई हरा नहीं पाएगा। कभी नहीं हरा पाएगा। यह मेरा परम, निरंतर, अखंड, अनंत, आशीर्वाद भी है और शुभकामनाएं भी।
Adil Zaidi Kavish- दुर्गेश मुझसे मिलने जौनपुर आए थे और कई दफ़ा कॉल किया था मैंने रिसीव नही किया था। आपकी उस वाली पोस्ट पर कमेंट किया था तो मुझसे जौनपुर मिलने आए थे कि तुम जौनपुर के होकर जौनपुरी का साथ नही दे रहे किसी और का दे रहे। कई दफा कॉल किया मेरी मुलाक़ात उनसे नही हुई। लेकिन इंशाअल्लाह Yashwant Singh भईया कल आपसे मुलाक़ात करते हैं। नंबर है आपका हम आपको कल कॉल करेंगे।
Kuldeep Singh Gyani- आपकी जिंदादिली को लाखों सलाम…प्राइवेट एफ एम चैनल का एक ठो फ्राडिया हमको भी 2 लाख रुपये की चपत लगा के फरार है, मुकदमा जिला न्यायालय प्रयागराज में विचाराधीन है अब जैसे ही कुछ अपडेट होता है आपके माध्यम से भड़ास पर छपवाना है ताकि मीडिया के ऐसे धोखेबाज लुटेरों का पर्दाफाश किया जा सके और अपने अन्य तमाम मीडिया बंधुओं को लुटने से बचाया जा सके…सादर प्रणाम एवं जय हिन्द
Manoj Singh
August 17, 2023 at 3:58 pm
काश भड़ास पर मुक़दमा गोवा बैंकाक न्यूयार्क मास्को में भी होता तो वहाँ भी घूमने जाने का मौक़ा मिलता।
जीवन छोटा है। जो भी जीने के लिए मिल रहा है उसे इंजॉय करते हुए जियो!
Shiv shankar sarthi
August 17, 2023 at 7:44 pm
अशोक शर्मा जी के कमेंट्स से सहमत,पीड़ितों के लिए अकेले फरसा गांडीव उठा लेते हैं यशवंत जी।#सुनीलनामदेव #chhattisgarh