आशीष मिश्रा इंडिया टुडे मैगजीन के यूपी ब्यूरो चीफ हैं। इन्होंने आज फेसबुक पर धमाका कर दिया है।
आशीष मिश्र ने लिखा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ लोग सरकार के खिलाफ लिखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
आशीष के इस पोस्ट पर ढेरों कमेंट्स आए हैं। पत्रकार राघवेंद्र लिखते हैं कि सरकार के खिलाफ लिखवाने को प्रेरित करने की मुहिम में एक नहीं बल्कि बहुतेरे शामिल हैं।
देखें आशीष का एफबी स्टेटस-
इस पोस्ट पर दिव्य प्रकाश त्रिपाठी की प्रतिक्रिया पढ़ें-
इसके जिम्मेदार भी महाराज जी खुद है आप गोरखपुर के विधायक राधामोहन दास अग्रवाल को देख ले जिनको योगी जी ने गोरखपुर शहर के भाजपा के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री शिवप्रताप शुक्ला जी को सरेआम 2002 के विधानसभा चुनाव मे हर चौराहे पे बहन बेटी की गाली देके और उनके खिलाफ पार्टी के आधिकृत प्रत्याशी ह़ोने के बाद भी चुनाव लडाया जिताये भी और राजनीति मे पैदा.किया कल उनका आडियो वायरल हुआ है उसको सुने योगी के खिलाफ इस समय भस्मासुर बने हुए है योगी की ईमानदारी उनके तमाम कमियो के आगे छिप जा रहा है और जो हो रहा है ये उसी का परिणाम है।
नवीन सिंह बघेल लिखते हैं-
अपने लोगों को पास नहीं फटकने देने से यह स्थिति बनी है।माननीय मुख्यमंत्री जी के निजी सहायक(घोषित नहीं)से वर्षों बहुत पुरानी जान पहचान है।बीमार सरकारी कर्मी के लिए जायज पैरवी की थी।महोदय अब फोन नहीं उठा रहे हैं।जबकि जिस स्थिति में हैं चुटकियों में वह काम हो सकता है।ऐसे ही लोग आम जनता से महाराज की दूरी और माहौल खराब करने में सहायक बन रहे हैं।दुर्भाग्य है कि मैं ऐसा लिख रहा हूं।
फखरूल हसन की टिप्पणी पढ़ें-
लेकिन सर , सरकार के खिलाफ लिखने पे मुकदमा दर्ज होता है। अघोषित एमरजेंसी है , भाजपा के 90% नेता कार्यकर्ता ही अपनी पार्टी की नीतियों से संतुष्ट नही है इसलिए लगातार एक के बाद एक कार्यकर्ता नेता विधायक पार्टी के खिलाफ खुलेआम लिख रहा है।
अर्शी रफीक कहिन-
कुछ पत्रकार भी ऐसे है जो चोर से बोलते है चोरी करो और शाह से जागते रहे।
सुशील अवस्थी राजन का कमेंट यूँ है-
मुख्यमंत्री जी निंदक नियरे रखे हैं, वह भी आंगन कुटी छवाय… कृपया उनकी प्रेरणा को ग्रहण करिये।