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कई आरोपों के चलते tv9 भारतवर्ष ने अपने रिपोर्टर को हटाया!

गोरखपुर बेलघाट थाना क्षेत्र के मेहडा गांव के निवासी आशीष शाही TV9 भारतवर्ष गोरखपुर में कार्यरत हैं। आरोप है कि इन्होंने भर्ती के नाम पर और विवादित जमीन का कब्जा दिलाने के नाम पर कई लोगों से पैसे लिए।

जब पीड़ित लोगों ने इनसे पैसा मांगा तो वे टालमटोल करते रहे। ना तो पैसे दिए ना ही नौकरी लगवाई। ना ही किसी को जमीन पर कब्जा दिलवा पाए।

गोरखपुर बेलघाट गांव की रहने वाली राधिका देवी पत्नी स्वर्गी बालेंद्र दुबे अपनी बहू को नौकरी दिलाने के लिए एक लाख पचास हजार रुपए की राशि दी। राधिका देवी ने बताया कि आशीष शाही हमारे घर पर आए। कहने लगे कि मेडिकल कॉलेज में बहुत भर्ती आई हुई है। आप अपने बहू को करवा दीजिए। मेरा बहुत बढ़िया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संबंध है। उन्होंने योगी जी के साथ में अपना फोटो दिखाए जिसमें दोनों लोग साथ ही में थे।

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जिले के अधिकारियों के साथ में भी अपना फोटो दिखाए। कहे कि आप डेढ़ लाख रुपया दे दीजिए हम आपकी बहू को नौकरी दिलवा देंगे। लेकिन आशीष ने अभी तक हमारी बहू को ना ही नौकरी दिलाए और ना ही हमारा पैसा वापस किए और पैसा मांगने पर मुझे धमकी देते रहते हैं।

प्रभु नाथ प्रजापति ने बताया हमारी जमीन विवादित थी जिसमें आशीष शाही ने कहा कि आप ₹100000 दे दीजिए हम आप की जमीन पर कब्जा करवा देंगे। प्रभु नाथ प्रजापति ने बताया कि मुझसे भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिले के अन्य अधिकारियों के साथ में अपनी फोटो दिखाई जिससे प्रभुनाथ को लगा कि पैसा देने से मेरी जमीन मुझे मिल जाएगी। लेकिन उनको भी जमीन पर कब्जा नहीं मिला और न ही पैसा मिला। कुछ बातें फोन पर की हैं जिसकी audio रिकार्डिंग है। इसमें यह सिद्ध हो रहा है कि आशीष शाही ने जमीन के निर्माण के लिए ₹100000 लिया है।

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बेलघाट थाना क्षेत्र के रहने वाले रंजय गुप्ता से उनकी पत्नी को मेडिकल कॉलेज मैं नौकरी दिलाने के नाम पर ₹210000 लिए। इन लोगों ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर मैसेज के माध्यम से बात किए तो आशीष शाही ने लिखा कि हम सीएम ऑफिस लखनऊ में हूं, तुम्हारे काम के लिए आया हूं। अंत में यह लोग जब अपना पैसा मांगने लगे तो उन्होंने धमकी देने लगे।

ये सारी बातें आरोप सुबूत टीवी9 भारतवर्ष प्रबंधन के पास पहुँचा तो प्रथम दृष्टया आरोप सही दिखने पर रिपोर्टर आशीष साही को कार्यमुक्त कर दिया गया।

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