अमर उजाला प्रबंधन ने बदायूं के ब्यूरो चीफ संजीव पाठक को रोहतक भेज दिया है। बदायूं में बलराम शर्मा को प्रभारी बनाया गया है। बदायूं के प्रभरी रहे संजीव पाठक ने राजेश मिश्रा को संपादक से सिफारिश कर अपने यहां ज्वाइन करवा लिया था। जबकि राजेश मिश्रा को सात आठ साल पहले अमर उजाला से निकाला गया था। बताया जा रहा है कि प्रबंधन को धोखे में रखने के कारण संजीव पर यह कार्रवाई की गई है।
राजेश मिश्रा लगातार विवादित रहे हैं। अमर उजाला के बाद हिन्दुस्तान बदायूं के साथ भी राजेश मिश्रा ने काम किया, लेकिन दो साल पहले अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करके राजेश को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। तब से राजेश बदायूं के लोकल अखबार में काम कर रहे थे। संजीव पाठक ने अमर उजाला प्रबंधन को धोखे में रखकर राजेश को फिर से अमर उजाला में इंट्री करा दी थी। राजेश के अमर उजाला ज्वाइन करते ही किसी ने इसकी शिकायत अमर उजाला के हेड ऑफिस नोएडा में कर दी थी। अमर उजाला प्रबंधन ने शिकायत की जांच कराई तो ममला सही पाए जाने पर संजीव पाठक को बदायूं से विदा करते हुए रोहतक भेज दिया गया।
दूसरी तरफ बदायूं में ब्यूरो की जिम्मेदारी बलराम शर्मा को दी गई है। बलराम शर्मा ने पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण, शाहजहांपुर से की थी। जागरण छोड़ कर बलराम ने अमर उजाला ज्वाइन कर लिया था। कई सालों तक शाहजहांपुर में रिपोर्टिग की। चार साल पहले बलराम शर्मा को पीलीभीत का अमर उजाला ब्यूरो चीफ बना कर भेज दिया गया। पीलीभीत में काम करते समय ही अमर उजाला के एक रिपोर्टर को देह व्यापर में लिप्त पाए जाने पर अमर उजाला ने पीलीभीत के पूरे स्टाफ को हटा दिया था। कुछ दिनों बाद ही बलराम ने अमर उजाला आगरा यूनिट ज्वाइन कर ली थी। बलराम शर्मा एक महीने पहले ही आगरा यूनिट से बरेली आए हैं।