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‘इंडिया न्यूज’ ने अवधेश कुमार को इतना धन दे दिया है कि उनसे अपने अनुसार बातें बुलवाता है!

Awadhesh Kumar : मेरे खिलाफ व्यापक षडयंत्र अभियान… कृपया, इससे भ्रमित न हों… आज मैं जो कुछ लिख रहा हूं वह निश्चित रुप से मेरे से संबंधित है पर इसकी परिधि मेरे तक सीमित नहीं है। मेरे बारे में नए पत्रकारों या सामाजिक जीवन में रहने वालों को लगता रहा है कि मेरा जीवन बिना किसी बाधा के चल रहा है और चारों ओर से मुझे केवल सहयोग मिलता है। मैं कभी इसका उत्तर भी नहीं देता, क्योंकि अगर मैं सच बताने लगूं तो देश भर में वो सारे नवजवान जो मेरे जैसे लोगों से प्रेरित होकर कुछ करने की कोशिश करते हैं उनके अंदर भी निराशा घर कर सकती है। तो यह मेरी सामाजिक जिम्मेवारी थी कि अपने सामने की बाधाओं, प्रतिकूल परिस्थितियों को मैं अपने तक सीमित रखूं और पूरे उत्साह से काम करता दिखूं।

Awadhesh Kumar : मेरे खिलाफ व्यापक षडयंत्र अभियान… कृपया, इससे भ्रमित न हों… आज मैं जो कुछ लिख रहा हूं वह निश्चित रुप से मेरे से संबंधित है पर इसकी परिधि मेरे तक सीमित नहीं है। मेरे बारे में नए पत्रकारों या सामाजिक जीवन में रहने वालों को लगता रहा है कि मेरा जीवन बिना किसी बाधा के चल रहा है और चारों ओर से मुझे केवल सहयोग मिलता है। मैं कभी इसका उत्तर भी नहीं देता, क्योंकि अगर मैं सच बताने लगूं तो देश भर में वो सारे नवजवान जो मेरे जैसे लोगों से प्रेरित होकर कुछ करने की कोशिश करते हैं उनके अंदर भी निराशा घर कर सकती है। तो यह मेरी सामाजिक जिम्मेवारी थी कि अपने सामने की बाधाओं, प्रतिकूल परिस्थितियों को मैं अपने तक सीमित रखूं और पूरे उत्साह से काम करता दिखूं।

लेकिन पिछले कुछ दिनों में ऐसी स्थितियां पैदा की जाने की कोशिश हो रही है जिसकी अब चर्चा सार्वजनिक रूप से आवश्यक है। मैं जीवन में कभी किसी विरोध, साजिश, अपने खिलाफ अभियान से न घबराता हूं, न उसके सामने आत्मसमर्पण करता हूं। इसके परिणाम हमेशा भुगता हूं, लेकिन अगर मुझे अपना मार्ग सही लगा अपनी सोच उपयुक्त लगी तो उस पर अंतिम समय तक अड़ता हूं और आगे भी यही होगा। मुझे कुछ समय से लग रहा था कि अलग-अलग स्तरों से मेरे विरुद्ध कई प्रकार के अभियान चल रहे हैं। पहले एक अभियान यह चला कि इंडिया न्यूज ने मुझे इतना धन दे दिया है कि मैं वो जैसे चाहता है बोलता हूं……। यह झूठ काफी फैलाया गया। कई लोगों ने मुझसे सीधे पूछा भी।

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हालांकि इससे मैं कभी विचलित न हुआ और अपना काम करता रहा। इधर इसमें कई आयाम और जुड़ गए है। जैसे, अखबारों को मेरे विरुद्ध पत्र लिखना, जिसमें मुझे निचा दिखाने, छोटा साबित करने, स्तरहीन साबित करने, बेईमान साबित करने, या मेरे लेख पर कोई प्रश्न उठा देने या ऐसी कई नीच स्तर के आरोप आदि। कई बार अखबारों से हमारे कई मित्रों ने इसकी सूचना भी दी कि आपके खिलाफ कुछ लोग लगे हैं। अपने स्वभाव के अनुरुप मैंने कभी इसका संज्ञान ही नहीं लिया। उदाहरण के लिए राष्ट्रीय सहारा के तब के संपदाकीय पृष्ठ एवं हस्तक्षेप प्रभारी डॉ. दिलीप चौबे ने ऐसे कई पत्रों की कुछ पंक्तियां सुनाई।

इधर यह अभियान काफी तेज हुआ है। एक दिन पहले नवभारत टाइम्स को एक महिला के नाम से ऐसा ही ओछा पत्र भेजा गया है जिसमें केवल लिखने वाली की कुंठा झलकती है। दूसरी जगहों से ऐसी सूचनाएं आ रहीं हैं। जिस टीवी चैनल पर मैं ज्यादा जाता था वहां भी कुछ गलत सूचनाएं अपने तरीके से पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। कुछ दूसरी जगहों से भी ऐसी ही सूचनाएं हैं। तो एक कोशिश कुछ लोगों की मुझे पत्रकारिता के मुख्यधारा से बाहर करने की है। यह जब मेरी साफ समझ में आ गई तब मैंने इसे लिखने का निश्चय किया है। आज मैंने वरिष्ठ पत्रकार और मेरे बड़े भाई समान श्री रामबहादूर राय एवं अपने अनन्य मित्र श्री अरविन्द कुमार सिंह से इस पर चर्चा की। उन्हें भी यह आभास हुआ कि वाकई ऐसा कुछ चल रहा है।

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हालांकि मैं नहीं मानता कि ये मेरा कुछ बिगाड़ पाएंगे, क्योंकि जब जीवन में अपना कुछ निजी लक्ष्य ही नहीं तो फिर बिगाड़ क्या सकते हैं। अगर निजी जीवन में कुछ पाने का लक्ष्य होता तो संभव था बिगाड़ देते। नाम, धन, पद, श्रेय… आदि की एषणा से परे होकर काम करता हूं तो आप मेरा बिगाड़ क्या सकते हो? इस देश में सेवा और संघर्ष का ही इतना काम है कि उसी को करते करते जीवन बीत जाएगा और मेरी आकांक्षा भी वही समीभूत होती है।

एक घटिया कोशिश और हो रही है मेरे चरित्रहनन की, मेरी छवि कलंकित करने की। वह कई तरीकों से हो रही है। एक पार्टी के प्रवक्ता ने पिछले दिनों मुझे बताया कि आपकी निष्पक्षता को कुछ बड़े पत्रकारों ने चारों ओर चर्चा करके एकदम डेंट कर दिया है। उदाहरण के लिए अवधेश कुमार को किसी नेता ने मोटी रकम दे दी…या पद का लालच दिया है या राज्य सभा में लाने का आश्वासन दिया है…….। हालांकि इनमें ऐसे लोग हैं जो कि इससे छोटे लोभ या लालच मंें अपना पूरा ईमान गिरवी रख दें। खैर, इसका उद्देश्य एक ही होता है कि मैं जो कुछ लिखूं या बोलूं उसकी विश्वसनीयता खत्म करने की। लेकिन एक पत्रकार और सार्वजनिक कार्यकर्ता की विश्वसनीयता उसके पाठक, श्रोता, या जिनके बीच काम करते हैं उनसे होती है और इन जगहों पर मेरी लोकप्रियता और विश्वसनीयत या साख इतनी सुदृढ़ है कि ये वहां तक जा भी नहीं सकते।

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मैं इस पर पिछले कई दिनों से गहराई से विचार कर रहा हूं कि इतने घटिया स्तर पर उतरने वाले ये लोग कौन हो सकते हैं। मैंने देश के बेईमान एनजीओ के विरुद्ध अपना दायित्व समझते हुए आक्रामक तेवर लगातार दिखाया है। ऐसे कई पत्रकार हैं जिनके गलत तथ्यों और विचारों को सही तथ्यों और विचारों से पूरी तरह काटा है। हालांकि यह बहस में सामान्य बात है। कई बार मेरे विचारों को भी लोग काटते हैं और मैं उसे सामान्य तरीके से लेता हूं। किंतु मानसिक समस्या वालों के लिए तो यही प्रतिष्ठा का प्रश्न बन जाता है। एकाध पत्रकारीय संस्थानों के विरुद्ध लिखा है और बोला है। कुछ नेताओं के खिलाफ बोला और लिखा हूं। आम आदमी पार्टी को देश के अनुपयुक्त एवं हानिकर मानते हुए उसकी तथ्यवार आक्रामक आलोचना की है। क्या ये लोग इनमें से ही हैं? मुझे नहीं लगता कि सब कुछ संगठित होगा, लेकिन अलग-अलग व्यक्तियों और समूहों द्वारा ऐसा किया जा रहा है। इनमें कुछ लोग जलन, ईर्ष्या वाले भी हो सकते हैं। यह भी साफ है कि कुछ लोग छद्म रुप से मेरे कुछ निकट के लोगों को भी प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि मीडिया से मुझे गायब कर दिया जाए। हालांकि यह नामुमकिन है और इसमें वे सफल नहीं होंगे।

फिर भी मैं अपने सभी मित्रों, साथियों, चाहने वालों, प्रेम करने वालों, मेेरा शुभ चाहने वालों…..से अपील करता हूं कि आप ऐसे अभियान से भ्रमित न हों….मुझ पर अपना विश्वास बनाए रखें……संभव हो तो मेरा साथ दीजिए। मैं अपना यह निश्चय दुहराता हूं कि ईमानदारी, नैतिकता, निष्पक्षता….अपने जीवन मूल्यों ……से न कभी समझौता किया हूं, न करुंगा, इसके लिए मुझे मिट जाना पड़े तो भी अफसोस नहीं होगा।

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आपका स्नेही

अवधेश कुमार

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वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. alok 12

    June 25, 2014 at 2:21 am

    इ इंडिया टी वी पर सब “शर्मा” ही काम करते हैं क्या ??????

  2. r bharat

    June 26, 2014 at 8:25 am

    awadhesh kumar to aajkal aasharam ke samarthako ke beech me narayan swami ke uper aur aasharam ke beech ke paydan per tike hai

  3. Kumar Sanjeev

    June 27, 2014 at 1:50 am

    भाई ए. के. और आलोक जी कहीं कॉमेंट कर रहे हो तो छद्म नाम से नहीं बल्कि अपने वास्तविक नाम से कॉमेंट करो। दूसरी बात अवधेश कुमार पत्रकारीय आकाश के वैसे ध्रुवतारे हैं जो हमेशा चमकते रहेंगे। आप जैसे लोग उनका कुछ बिगाड़ नहीं पाओगे।

  4. surender kaushik

    June 27, 2014 at 3:24 am

    pata nahi log kyon faltu bakvaas kar raheyn hai /
    mr, AK aap jo bhi ho aap bahut hi kunthit kism ke ho
    aap apni kuntha ka vidhivat ilaz karaiye , varna ho sakta hai kal ko aap ke pita ya bhai kabhi jo sanatan dharam ki baat karne lageyn to aap unheyn bhi dalal na kah do
    aur mr , shayad aap janmjaat be-imaan hi ho jo imandar vyakti bhi aapko be-iman deekhta hai , aaj mujhe to ye lag raha hai ki awdhesh kumar ji ki lokpriyta aap jaise tucchchey be-iman ,chatukaro ko hazam nahi ho rahi hai

  5. Hanuman Mishra

    June 27, 2014 at 5:30 am

    खबर का टाइटल ऐसा दिया गया है जिसका पूरी खबर से कोई विशेष लेना देना नहीं है। एक वाक्य को उठाकर जबरन शीर्षक बना दिया गया है। खैर ये भी एक कला है, पाठकों को अपनी ओर खीचने की। लेकिन अवधेश कुमार जी पर होशियार या बेवकूफ़ वाला कमेन्ट बहुत जरूरी नहीं था लेकिन क्या करें भड़ास पर तो लोग भड़ास निकालने ही आते हैं। निकालिए !! लेकिन यथार्थ ये है कि निरर्थक टिप्पणियां से बचना अधिक उचित होता है।

  6. dheera mishra

    June 27, 2014 at 6:49 am

    Comment Likhna Acchi Baat hai lekin thoda hisab se likhna chahiye kyonki social media par comment uske charitra aur gyan ko darshata hai

  7. Shashi Ranjan Singh

    June 27, 2014 at 7:24 am

    जो लोग अवधेश जी को खराब मान रहे वे अपने आदर्श का तो नाम बताएं

  8. rakesh upadhyay

    June 27, 2014 at 7:28 am

    अवधेश जी आप हमेशा से प्रेरणा के स्रोत रहे है हम लोगो के लिए इन टुच्चो के अभियान चलने से कुछ नही होगा आप मार्गदर्शन करते रहिये हमारा और ये भड़ास वाले सूरज पर धुल फेंकने से अँधेरा नही होता… साँच को आंच नही होता अवधेश जी हमारे दिलों में रहते हैं….. और तुम लोग कुंठा से ग्रस्त हो

    ये कौन कमेंट में दलाल बोल रहा है… सुन लो सच्चाई हमेशा आग लगाती इसलिए तुम्हे दलाल दीखते हैं… सच सुनने की आदत डालो

  9. Anshusaptturang

    June 27, 2014 at 8:56 am

    Kisi ke kiye gaye acche karyon ke liye Itihas unnhe Yaad karta hai , Khag hi jane Khag ki bhasha !! Hum unhe bhi jante hai Aap aise arop un per nahi laga sakte. Lekin is prakar afvah failane se aise asamajik tatvo ka pata hi chalata hai. Nishchaye hi Dharm ka itana nash hoga to Parivartan ka Mahabharat jaldi hi hoga .

  10. S k suman

    June 28, 2014 at 2:01 am

    अवधेश जी एक सम्मानित पत्रकार हैं और हमेशा संघर्ष करने वाले व्यक्ति हैं। किसी से विचार से सहमत-असहमत होना चलता है, लेकिन किसी पर व्यक्तिगत लांछन लगाना उचित नहीं है।

  11. bibhu tiwari

    June 28, 2014 at 4:38 pm

    Awdhes tathy ke saath bolte hai ..kabhi galat na ho sakti ..

  12. rakesh srivastav

    June 30, 2014 at 11:53 am

    avdesh ji maine aapko kai bar tv per bolte suna hai. aap chahe jo kahe lekin ye sach hai ki aap puravagrah se grasit ptrakar hai. aam admi party desh ke liye hanikar hai ye kahna aapka unta hai galat hai jo ye kahe ki india se jayda sukh pakistan me mil sakta hai. pata nahi aap ke vichar me itni sari garbri kyo hai. aapke khilf kya hal raha hai pata nahi lekin aapke vichar aur gayn me bhout garbadi hai

  13. Gopal Avasthi

    August 15, 2014 at 5:06 am

    ye sab sangat ki vajah se ho raha hai. you are making pair with Deepak chorsia then people understand you wrongly.

  14. Gopal Avasthi

    August 15, 2014 at 5:07 am

    Bhai saheb, Deepak chorsia ka sath chod do. Sab theek ho jayega

  15. SC MUDGAL

    September 1, 2014 at 9:30 am

    AB RASHTRAVADIYON KE KHILAAF BOLNE WALON KA JAMAANA CHALA GAYA HAI TO LAMBE SAMAY SE DESHDROH KEE MALAAAI CHAATNE WALON KA AGYAATWAAS AANA SWABHAWIK HI HAI AUR ROJI ROTI CHHINNE SE AB NAMAK MIRCHI LAGI ROTI KHAANE KE DIN AANE PAR MIRCHI LAGNA TO SWABHAVIK HAI, HAAN UNKO KUCHH JYAADA LAGTI HAI JINHONE NE NAMAK MIRCHI KO BHULAAKAR PATA NAHIN KAUN KAUN SE RUS PEENE SHURU KAR DIYE THE ??

  16. vaibhaw singh

    April 17, 2015 at 11:31 am

    जो भी दुष्प्रचार अवधेश कुमार जी के बारे फैलाया जा रहा है वो निंदनीय है। मैं इसका घोर विरोध करता हूं। एक समाजवादी आंदोलन के उपज पत्रकार पर आरोप लगाना जायज नहीं समझता हूं। जहां इंडीय न्यूज कि बात किया जाय तो दीपक चौरसिया जैसा पत्रकार पर दलाली का आरोप लगा है,पर वे जनता के बीच अपनी बातो को लेकर क्यों नहीं प्रस्तुत हुए यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा होता है? ‘इंडिया न्यूज’ ने अवधेश कुमार को इतना धन दे दिया है कि उनसे अपने अनुसार बातें बुलवाता है! यह शब्द जो भी लोंगो ने लिखा या बोला 100 प्रतिशत गलत है, ये मेरा मानना है ।

  17. vaibhaw singh

    April 17, 2015 at 11:35 am

    awdhesh kumar ji par arop lgana chand par thukne ke sman hai.ek smajwadi andolan ke upaj patrkar par kise kalnkit vekti dwara arop lagana samaj ke liya acha sandesh nhi hai.

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