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राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित होंगे ओम थानवी, राजेंद्र धोड़पकर और सुरेश सलिल

भोपाल। माधवराव सप्रे संग्रहालय की तीसवीं वर्षगांठ पर 19 जून को पत्रकार ओम थानवी, राजेन्द्र धोड़पकर, साहित्यकार सुरेश सलिल को उनके उत्कृष्ट कृतित्व के लिए राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ के पत्रकारीय अवदान पर ओम थानवी का व्याख्यान होगा। प्रकाशन की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में ‘एक भारतीय आत्मा’ माखनलाल चतुर्वेदी की मासिक ‘प्रभा’ के अवदान पर सुरेश सलिल वक्तव्य देंगे।

<p>भोपाल। माधवराव सप्रे संग्रहालय की तीसवीं वर्षगांठ पर 19 जून को पत्रकार ओम थानवी, राजेन्द्र धोड़पकर, साहित्यकार सुरेश सलिल को उनके उत्कृष्ट कृतित्व के लिए राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' के पत्रकारीय अवदान पर ओम थानवी का व्याख्यान होगा। प्रकाशन की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में 'एक भारतीय आत्मा' माखनलाल चतुर्वेदी की मासिक 'प्रभा' के अवदान पर सुरेश सलिल वक्तव्य देंगे।</p>

भोपाल। माधवराव सप्रे संग्रहालय की तीसवीं वर्षगांठ पर 19 जून को पत्रकार ओम थानवी, राजेन्द्र धोड़पकर, साहित्यकार सुरेश सलिल को उनके उत्कृष्ट कृतित्व के लिए राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ के पत्रकारीय अवदान पर ओम थानवी का व्याख्यान होगा। प्रकाशन की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में ‘एक भारतीय आत्मा’ माखनलाल चतुर्वेदी की मासिक ‘प्रभा’ के अवदान पर सुरेश सलिल वक्तव्य देंगे।

राजेन्द्र धोड़पकर ‘पत्रकारिता की संस्कृति’ का विश्लेषण करेंगे। सप्रे संग्रहालय की निदेशक डॉ. मंगला अनुजा ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अमृतलाल वेगड़ करेंगे। कार्यक्रम सप्रे संग्रहालय भवन में सुबह 10 बजे आयोजित किया जाएगा।

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0 Comments

  1. satish pednekar

    June 20, 2014 at 3:28 am

    क्या थानवीजी को यह सम्मान जनसत्ता को डुबोने,उसे स्तरहीन और घटिआ बनाने के लिए दिया गया है ?क्या है जनसत्ता में पुरस्कार देने लायक? साहित्यकारों के लेख छापने से क्या कोई अखबार स्तरीय और पुरस्कार देने लायक हो जाता है ?खबरें हैं कहा जनसत्ता में ?पाठक भी कहा हैं जनसत्ता के पास ? तो किसी लायक न होने के लिए पुरस्कार ?अँधा बांटे रेवाड़ी —-
    यह शोध संस्थान माधवराव सप्रे के नाम को क्यों कलंकित कर रहा है।जिस अखबार को लोग पढ़ते ही नहीं उसके संपादक को अखबार को अपठनीय बनाने के लिए पुरस्कार।वाह रे ,शोध संस्थान का शोध।इस पुरस्कार की जांच होनी चाहिए।

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