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फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बल्देव भाई शर्मा द्वारा कुलपति बनने के प्रकरण में यूजीसी ने एक्शन लेने का निर्देश जारी किया

रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में श्री बल्देव भाई शर्मा द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कुलपति के पद पर हुई नियुक्ति के खिलाफ तत्काल ही कार्रवाई करने का निर्देश यूजीसी ने जारी किया है।

विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ शाहिद अली ने पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर श्री बल्देव भाई शर्मा की नियुक्ति पर गंभीर आपत्तियां दर्ज कराई है। शिक्षाविद् डॉ अली ने राज्यपाल एवं यूजीसी को प्रेषित शिकायत में कहा है कि विश्वविद्यालय में कुलपति का पद हथियाने के लिए श्री बल्देव भाई शर्मा ने अपने आवेदन पत्र में छद्म रूप से स्वयं को प्रोफेसर बताया तथा डाक्ट्रेट की मानद उपाधि का दुरुपयोग उन्होंने शैक्षणिक योग्यता के रूप में दर्शित किया है।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल सचिवालय में कुलपति पद के आवेदन में फर्जी जानकारी देकर बिना किसी सत्यापन के श्री बल्देव भाई शर्मा ने पत्रकारिता विश्वविद्यालय में राजनीतिक संरक्षण से नियुक्ति प्राप्त कर ली है। डॉ अली ने कुलपति के पद पर हुई नियुक्ति के फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए कहा है कि इस प्रकार की अवैध नियुक्ति से राज्य एवं केन्द्र शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की जहां क्षति हो रही है वहीं उच्च शिक्षा में अकादमिक गुणवत्ता को भी गंभीर क्षति पहुंच रही है।

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डॉ अली का कहना है कि कुलपति के पद पर अयोग्य एवं छल कपट से नियुक्ति होने से कुलपति के पद की गरिमा समाप्त हो चुकी है तथा वे इस पद की शक्तियों का लगातार दुरुपयोग कर रहे हैं।

अब यूजीसी ने इस शिकायत को संज्ञान में लेकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव से तत्काल ही कार्रवाई करने का निर्देश दिनांक 05 सितंबर 2023 को मेल पर दिया है। कुलपति की नियुक्ति से जुड़े इस हाईप्रोफाइल स्कैम के मामले में कुलसचिव को तत्काल ही यूजीसी से प्राप्त निर्देशों का पालन करते हुए प्रकरण की गंभीरता से राज्यपाल एवं छत्तीसगढ़ शासन को अवगत कराना होगा।

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5 Comments

5 Comments

  1. शैलेन्द्र कुमार

    September 11, 2023 at 9:18 am

    खबर बेबुनियाद है, क्योंकि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्ति का आधार छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित अधिनियम है. जिसमें 20 वर्षों का पत्रकारिता अनुभव होना है. इस विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति का आधार यूजीसी का गाइडलाइन नहीं है. इसलिए यह खबर पूर्वाग्रह से ग्रसित नजर आती है. गौरतलब है कि खबर बनवाने वाले डॉक्टर शाहिद अली स्वयं फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने के बाद इसी विश्वविद्यालय से बर्खास्त शुदा हैं, और कुलपति प्रोफेसर बलदेव भाई शर्मा ने ही उनके विरुद्ध प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की अनुशंसा की है. इसलिए ऐसी खबरें बनवाना डॉक्टर शाहिद अली की बौखलाहट का ही परिणाम है.

  2. Dr. Arundhati

    September 11, 2023 at 9:34 am

    कुछ सालों के स्थानीय अखबारों से दिखता है, शाहिद अली का पूरा करियर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रहा है, ऐसे में फर्जीवाडे़ का पर्दाफाश करने वाले कुलपति पर आरोप लगाना दुर्भावना दिखती है.

  3. अखिलेश

    September 11, 2023 at 4:16 pm

    जहां तक ​​बात है योग्यता की तो राज्य विधान सभा से पारित अधिनियम के अनुसार कुलपति जी की नियुक्ति छत्तीसगढ़ विधान सभा से पारित अधिनियम के अनुसार कुलधिपति यानी राज्यपाल के द्वार की गई है और डॉ. अली जी (बर्खास्त शुदा) फर्जी नियुक्ति पा लेने के बाद सभी को अपने अनुसार समझना भी सही नहीं है।

  4. Rajveer

    September 12, 2023 at 2:58 am

    खबर से आभास होता है कि डॉ शाहिद अली के आरोप निजी द्वेष के कारण हैं।
    शाहिद अली के आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं दिखाया गया है। इससे यह आभास होता है कि डॉ शाहिद अली के आरोप बेबुनियाद हैं।
    इस खबर में कई विरोधाभास हैं।

    इससे यह आभास होता है कि शाहिद अली ‘फेक न्यूज़ निर्माता’ हैं।

  5. चंचल प्रधान

    September 12, 2023 at 4:00 pm

    कार्य स्थल में राजनीति निंदनीय हैl प्रोफेसर जी ने अपने द्वारा किये गए 420 का भांडा फूटने के बाद कुलपति जी द्वारा लिए गये नियमगत निर्णय को निजी दुश्मनी के रूप में ले लिया है और आवेश में आकर बिना तर्क की चीजे कर रहे है,,, जबकि अली जी ने vc कि नियुक्ति का शुरुआत मे सबसे अधिक समर्थन किया था और अब vc जी ने नियमों पालन करते हुए अली जी के खिलाफ फैसला लिया तो वे vc जी के खिलाफ अली जी फिजूल की प्रोपगेंडा रचने मे लगे है…. अरे प्रोफेसर जी अब जिस नियुक्ति पर ugc को शिकायत की है उस ugc में आधी अधूरी जानकारी को क्यो भेजी है सच तो ये है कि जब vc जी की नियुक्ति हुई तब स्वयं छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में विवि. में vc पद की नियुक्ति हेतु नये नियमों को अनुमोदित किया था और उसी नियमों के आभार पर vc जी यहां पत्रकारिता विवि में पदस्थ हुए है l और यह बात तो आपको भी पता है अली जी,,, फिर तो ये सब कर के आप सिर्फ कुलपति जी के मान की हानि करना चाह रहे है और कुछ नही….

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