(…पार्ट एक से आगे…)
एनडीटीवी के मैनेजिंग एडिटर श्रीनिवासन जैन की स्टोरी हटाने के बाद एनडीटीवी से हटाई गईं बरखा दत्त ने सोशल मीडिया पर एनडीटीवी और प्रणय राय की पोल खोल दी. बरखा दत्त ने सर्जिकल स्ट्राइक के दिनों में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के इंटरव्यू के रोके जाने के प्रकरण पर भी खुलासा किया. बरखा के मुताबिक इंटरव्यू में चिदंबरम ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. चैनल प्रबंधन ने उस इंटरव्यू को ऑनएयर होने से रोक दिया. इंटरव्यू रोकने के बाद प्रबंधन ने एक इंटरनल मेल जारी किया जिसमें चैनल में काम कर रहे सभी पत्रकारों को हिदायत दी गई कि किसी नेता को जरूरत से ज्यादा स्क्रीन टाइम ना दें.
बरखा आगे लिखती हैं- ”इससे पहले मैंने रॉबर्ट वाड्रा को लेकर भी एक स्टोरी कवर की थी. इस पर भी प्रबंधन का ऐसा ही रुख था. तब मैंने प्रबंधन के सामने विरोध दर्ज कराया. नतीजा ये हुआ कि मुझे दो महीने तक बड़ी खबरों को कवर करने से रोक दिया गया. कारण पूछे जाने पर कहा गया कि आपका विरोध प्रबंधन की नजरों में बगावत है. खबर को लेकर आपने प्रबंधन से कुछ ज्यादा ही बहस कर ली थी. मालिक प्रणय रॉय की इच्छा के कारण मुझे मेन स्ट्रीम की खबरों को छोड़ नॉन न्यूज स्टोरी करने को कह दिया गया. चुनाव के माहौल में रिपोर्टिंग से दूर किया जाना मेरे लिए काफी कष्टदायी धा. तब मैंने प्रबंधन से कह दिया कि इससे बेहतर यही है मैं इस्तीफा दे दूं. इस पर चैनल के मालिक और प्रबंधन राजी हो गए. तब मैंने इस्तीफा दे दिया.”
बरखा खुद के इस्तीफे के प्रकरण के बारे में विस्तार से बताती हैं- ”एनडीटीवी के मालिक ने मुझे खबरें करने से इसलिए रोका क्योंकि आगे कोई उनसे खबरों को लेकर सवाल ना कर सके. हो सकता है कि मुझे चैनल से किनारे कर के प्रणय राय बीजेपी से समझौता करने की फिराक में हों. मेरे कुछ वरिष्ठ सहयोगी सरकार के मंत्रियों से एनडीटीवी टैक्स मामले में सहयोग चाहते थे. ये वही सहयोगी थे जो प्रेस क्लब में बीजेपी के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे. एनडीटीवी की कथनी और करनी में बहुत फर्क और विरोधाभास है. चैनल के मालिक प्रणय रॉय कतई कांतिकारी नहीं हैं. एनडीटीवी भी न तो विक्टिम हैं और ना ही क्रांतिकारी. प्रणय राय चुनाव बाद से लगातार बीजेपी से मदद मांगते रहे. खबरों को रोकने का जो विरोध मैंने किया उसकी कीमत मुझे नौकरी गंवा कर चुकानी पड़ी. लेकिन मेरे कुछ पुराने साथी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.”
इसके पहले का पार्ट एक पढ़ने के लिए नीचे दिए हेडिंग पर क्लिक करें : बरखा दत्त ने खोली पोल- ‘एनडीटीवी और प्रणय राय न तो क्रांतिकारी हैं, न ही सरकार विरोधी!’
इन्हें भी पढ़ सकते हैं…
एनडीटीवी : जंग हारने पर यहां हर बार सिपाही हलाल होते हैं, सिपहसालार और राजा कतई ज़िम्मेदार नहीं!
xxx
मोदी सरकार में हिम्मत होती तो प्रणव रॉय अपनी दाढ़ी के बाल नोचते हुए तिहाड़ की रोटी तोड़ रहे होते!
xxx
रवीश कुमार की भड़ास से क्यों फटती है?
xxx
बोरिया बिस्तर समेटने लगा एनडीटीवी, भोपाल ब्यूरो बंद, सिद्धार्थ दास का इस्तीफा
xxx
एनडीटीवी को अलविदा कहने के बाद बरखा दत्त ‘द क्विंट’ से जुड़ीं, पढ़िए उनका बयान
xxx
प्रणव रॉय टूटपूंजियां पत्रकार से कैसे बना एनडीटीवी मीडिया उद्योग का मालिक?
xxx
बरखा ने अरनब से पूछा- मोदी से डरते हो?
xxx
Comments on “एनडीटीवी में खबरें रोकने का विरोध किया तो उसकी कीमत मुझे नौकरी गंवा कर चुकानी पड़ी : बरखा दत्त”
“… चूंकि कपिल सिब्बल नाराज है इसलिए 10 रुपये में पेट भर जाने वाली खबर तुरंत एनडीटीवी की वेबसाइट से तुरंत हटा दी जाए…” इसके बारे में बरखा दत्त को कुछ जानकारी है…!? मेरे तत्कालीन बॉस ने मुझे यह ईमेल भेजा था तब इस खबर को रोकने के लिए…
(Dharmendra… Talked to Sunil Saini in NDTV India, and he says, if Sibal has issues, we should remove the VT…)