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भंगू का हाल में ही किडनी बदला गया है, जेल प्रशासन रखेगा ध्यान

देश के सबसे बड़े पौंजी घोटाले में गिरफ्तार पर्ल्स समूह के सीएमडी निर्मल सिंह भंगू का अभी हाल में ही किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. इस बात का उल्लेख उनके दो वकीलों ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान किया. भंगू के अधिवक्ता मनीष जैन और विजय अग्रवाल ने अदालत से कहा कि भंगू का हाल में किडनी प्रत्यारोपण हुआ है इसलिये जेल में उनकी नियमित जांच होनी चाहिये. साथ ही उनकी मेडिकल कंडीशन के मुताबिक इलाज व दवाइयां दिए जाने की मांग की. अदालत ने इस पर कहा कि जेल प्रशासन इसका ध्यान रखेगा. वकीलों की यह मांग भी कोर्ट ने मान ली कि उन्हें रोजाना एक घंटे अपने क्लाइंट यानि भंगू से मुलाकात की अनुमति दी जाए.

<p>देश के सबसे बड़े पौंजी घोटाले में गिरफ्तार पर्ल्स समूह के सीएमडी निर्मल सिंह भंगू का अभी हाल में ही किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. इस बात का उल्लेख उनके दो वकीलों ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान किया. भंगू के अधिवक्ता मनीष जैन और विजय अग्रवाल ने अदालत से कहा कि भंगू का हाल में किडनी प्रत्यारोपण हुआ है इसलिये जेल में उनकी नियमित जांच होनी चाहिये. साथ ही उनकी मेडिकल कंडीशन के मुताबिक इलाज व दवाइयां दिए जाने की मांग की. अदालत ने इस पर कहा कि जेल प्रशासन इसका ध्यान रखेगा. वकीलों की यह मांग भी कोर्ट ने मान ली कि उन्हें रोजाना एक घंटे अपने क्लाइंट यानि भंगू से मुलाकात की अनुमति दी जाए.</p>

देश के सबसे बड़े पौंजी घोटाले में गिरफ्तार पर्ल्स समूह के सीएमडी निर्मल सिंह भंगू का अभी हाल में ही किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. इस बात का उल्लेख उनके दो वकीलों ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान किया. भंगू के अधिवक्ता मनीष जैन और विजय अग्रवाल ने अदालत से कहा कि भंगू का हाल में किडनी प्रत्यारोपण हुआ है इसलिये जेल में उनकी नियमित जांच होनी चाहिये. साथ ही उनकी मेडिकल कंडीशन के मुताबिक इलाज व दवाइयां दिए जाने की मांग की. अदालत ने इस पर कहा कि जेल प्रशासन इसका ध्यान रखेगा. वकीलों की यह मांग भी कोर्ट ने मान ली कि उन्हें रोजाना एक घंटे अपने क्लाइंट यानि भंगू से मुलाकात की अनुमति दी जाए.

पर्ल्स समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक निर्मल सिंह भंगू और तीन अन्य को 45,000 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी मामले में एक स्थानीय अदालत ने 14 दिन की न्याययिक हिरासत में भेज दिया. मुख्य महानगर दंडाधिकारी सुगंधा अग्रवाल ने सीबीआई के यह कहने पर कि अब हिरासत में उनसे पूछ-ताछ की जरूरत नहीं है, आरोपियों को छह फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अदालत ने कहा, ‘आरोपियों को 14 दिन के पुलिस रिमांड के बाद अदालत में पेश किया गया. अब 14 दिन की न्यायिक हिरासत के लिए एक याचिका दायर की गई है. आवेदन में दी गई वजहों के तहत इसकी मंजूरी दी जाती है.’

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इस प्रकार ये लोग 6 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिए गए. इन पर आपाराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी के आरोप हैं. सीबीआई ने इन आरोपियों को आठ जनवरी को दो साल की लंबी जांच पड़ताल के बाद गिरफ्तार किया था. जांच के आदेश उच्चतम न्यायालय ने दिये थे.

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