किसान आंदोलन में कल एक किसान की मौत होने की ख़बर सामने आई थी. सरकार ने किसानों की बात सुनने की बजाए सड़क में कीलें लगवा दी. किसानों का रास्ता रोकने के लिए बड़े-बड़े बैरीकेड और तमाम इंतजाम किए कराए. पुलिस अपना बल दिखा रही और किसान अपना. नीचे पढ़ें किसान और उनके आंदोलन पर आए कुछ कमेंट..
प्रभाकर मिश्रा-
केवल भारत में ही नहीं, दुनिया भर के देशों में किसान आंदोलन हो रहा है। लेकिन केवल हमारे यहां ही किसानों को देश विरोधी/आतंकवादी कहा जाता है! ये तस्वीर स्पेन की राजधानी मैड्रिड की है। सड़कों पर सैकड़ों ट्रैक्टर दौड़ रहे हैं। हमारे यहां लोग कहते हैं किसानों ने ट्रैक्टर को हथियार बना दिया है।
अनुराग सिंह-
कुछ दिन पहले बर्लिन की तस्वीर! संसद से लेकर चारो तरफ सेंट्रल बर्लिन में ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर..कोई दीवार बाधाएं कटीले तार हिंसा कुछ नहीं..जनता का पूरा समर्थन जब की सड़कें बंद थीं!
सिर्फ भारत में प्रदर्शन करना सख्त मना है..और बहुत गहरी डरावनी नफरत भर चुकी है लोगो के बीच समाज में.
संजय शर्मा-
जो भारत से घृणा करता है वही किसानों से भी घृणा करेगा, क्योंकि भारत का पेट किसान ही भरता है, किसान गोदी मीडिया के पत्रकार और गोदी एंकरो का भी पेट भरते है.
लव विर्मानाय-
तस्वीर में एक अंतर दिख रहा होगा, ट्रैक्टर लाइन से खड़े हैं बिना सड़क जाम किए, लोगों को आने जाने दिया जा रहा है। हमारे यहां प्रोटेस्ट के नाम पे लोगों का रास्ता जाम, ना किसी को किसी के स्कूल, ऑफिस, अस्पताल जाने की चिंता बस सरकार से अपनी मांग मंगवानी है।
रमेश यादव-
तुम मुझे अनाज दो मैं तुम्हें कीलें दूंगा गाली दूंगा झूठे वादे दूंगा उस से भी पेट ना भरे तो देशद्रोही, खालिस्तानी, पाकिस्तानी एजेंट, कहलवा दूंगा।