माननीय एडिटर
भड़ास4मीडिया
मेरा नाम भरत सुंदेशा है ओर मैं बनासकांठा जिले के एक बड़े दैनिक अखबार में रिपोर्टर हूं. पिछले 3 साल से abp अश्मिता न्यूज चैनल के बनासकांठा जिले का स्टिंगर हूं. सर मेरे बारे में कुछ दिन से मैसेज घूम रहा है कि भरत सुंदेशा ने सदाराम का जनाजा कवर करने में एक लाख रुपया लिया है. ये बात हकीकत से विपरीत है. मेरे विरोधियों ने एक साजिस के तहत मुझे फंसा दिया है. मैं आपको हकीकत बताना चाहता हूं। मुझे उमीद है कि आप मेरी हकीकत जानने के बाद आपने पोर्टल में भी इसे प्रकाशित कर देंगे.
हकीकत ये है कि संत सदारामबापा का इंतकाल हुआ और उसके दूसरे दिन उनकी बनासकांठा के थरा शहर में पालखी यात्रा निकाली गई थी. उसका कवरेज करने के लिए सब मीडिया कर्मी पहुंचे थे. मैं भी एबीपी अश्मिता की ओर से और रखेवाल दैनिक अखबार की ओर से कवरेज करने के लिए गया था. दैनिक पेपर में भक्तों ने श्रधांजलि एड दिया था. इसका बिल कमीशन निकाल के अमृत ठाकोर को दिया गया था. लेकिन जब ये बिल दिया था तब सेवकों ने दैनिक अखबार का नाम लिखने के बदले भूल से एबीपी न्यूज लिख दिया. बाद में जब ये हिसाब सबको बीच में रखा तब कुछ पत्रकारों ने मुझे बदनाम करने के लिए वाट्सअप पर वायरल कर दिया. हकीकत में मैंने जो पैसा लिया था वो दैनिक पेपर का एड था. ये श्रद्धांजलि और भंडारा के एड का पैसा था.
सर आप तो जानते हैं कि प्रिंट मीडिया में एड छापने का प्रति कॉलम सेंटीमीटर का रेट होता है. उसी रेट की तरह हमारे पेपर ने भी भक्तों के द्वारा दी गई एड छापी. जब मेरे पर पैसा लेने का आरोप लगा तो सच बात जानने वाले सभी भक्तों को दुख पहुंचा. सदाराम बापा की कमेटी ने सोशल मीडिया में सच्चाई का खुलासा कर दिया और मुझे लिखित में भी दिया था. लिखित कापी मैं आपको भी भेज रहा हूं.
सर निर्दोष होने के बावजूद मेरी बदनामी हुई. मेरी नौकरी भी चली गई. मेरे विरोधी अपना ‘काम’ करने में सफल रहे. सर, मैं सच्चा हूं और मुझे बदनाम करने वाले व सोशल मीडिया में भेजने वालों के खिलाफ पुलिस में लिखित फरियाद दर्ज करवाई है. मुजे उम्मीद है कि पुलिस भी सच्चाई बात बाहर लायेगी.
सर मेरी आपसे नम्र विनती है कि आप भी मेरी सत्य बात पोर्टल में छापकर मुझे न्याय दिलाने मे मेरी मदद करें.
आपका शुक्रगुजार
भरत सुंदेशा
बनासकांठा
मोबाइल 8530099000
मेल [email protected]
मूल खबर….