बॉलीवुड शादीज़ डॉट कॉम एक हिंदी वेबसाइट है। कंपनी के सीईओ ने पहले लिंकडिन पर डिजिटल डेस्क के लिए वैकेंसी निकाली जिसके लिए लॉकडाउन में बेरोजगार हुए कई युवा पत्रकारों ने आवेदन किया। जिसके बाद 10 सिंतबर 2020 को एक पत्रकार का 3 घंटे लंबा टेस्ट लेने के बाद और तकरीबन 800 शब्दों के 3 आर्टिकल लिखवाने के बाद चयन किया गया। चयन करने के बाद वेबसाइट के मालिक अपूर्व कालरा द्वारा फोन पर बातचीत में कहा गया कि आपको 7 दिन के ट्रायल पीरियड पर रखा जाएगा इसके बाद ही आपको परमानेंट ज्वॉइनिंग लेटर मिलेगा। युवा पत्रकार द्वारा उनकी शर्त मान ली गई।
जिसके बाद 14 सितंबर से पत्रकार बंधु की टेस्टिंग का काम चालू हुआ और उनके लेखन से प्रभावित होकर रेड हॉट वेब जेम कंपनी के मालिक अपूर्व कालरा ने पत्रकार को 18 सितंबर 2020 को परमानेंट एंप्लॉय बनने का ऑफर लेटर दिया। इसके साथ ही गूगल एनेलिटिक्स भी सौंप दिया। अपनी वेबसाइट का सीएमएस भी दिया और एक परमानेंट एंप्लॉय वाली सभी प्रक्रिया शुरू हो गईं। जिसके प्रमाण पत्रकार पर ई-मेल और परमानेंट ऑफर लेटर के तौर पर हैं। ऑफर लेटर में 8:30 घंटे की शिफ्ट लिखी थी परंतु नए नवेले चयनित कर्मचारी पर पहले 9 घंटे की शिफ्ट करने को कहा गया। कर्मचारी ने वो शर्त मान ली। इसके बाद सितंबर का महीना कुशलता पूर्वक गुजर गया।
लेकिन 1 अक्टूबर को किसी कारण कर्मचारी की तबीयत खराब हो गई। इस बात की जानकारी कर्मचारी ने अपने साथियों सहित कंपनी के सीईओ अपूर्व कालरा को भी दी। साथ ही उसने छु्ट्टी नहीं मांगी बल्कि काम सामान्य से थोड़ा धीरे करने की बात कही, और आर्टिकल करने को मांगे। जिसके बाद उसने सुबह 9 बजे की शिफ्ट में एक आर्टिकल भी लिख कर दिया। जिसके बाद एक दिन बाद पत्रकार की तबीयत जब थोड़ी ज्यादा खराब हो गई तो 3 अक्टूबर को सीईओ अपूर्व कालरा को मेल द्वारा सूचित किया गया कि तबीयत ज्यादा बिगड़ गई है और एक दो दिन में ठीक होते ही मैं मेडिकल सर्टिफिकेट सहित मेडिकल लीव के लिए पूरी की जाने वाली सभी प्रक्रिया पूरी कर दूंगा। जिसके बाद सीईओ महोदय ने 4 अक्टूर 2020 को मेडिकल लीव को स्वीकृति देते हुए कहा, ‘ठीक हो कर ही काम पर आईये’, जिसका प्रमाण भी पत्रकार के पास ई-मेल के रूप में मौजूद है। इस बीच बस एक ही दिन गुजरा 5 अक्टूबर का और 6 अक्टूबर दिन के 12 बजे पत्रकार को बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी से निकाल दिया गया।
आर्थिक तंगी के इस दौर में बिना पूर्व सूचना के बीमारी की हालत में जब पत्रकार को महज 20 से 25 दिन के अंदर ही नौकरी से निकाल दिया तो उसको गहरा मांसिक आघात पहुंचा। जब इस बात की फरियाद उसने कंपनी के सीईओ की तो उन्होंने कोई हल नहीं दिया। फोन पर लंबे-चौडे़ वादे करने वाले कंपनी के सीईओ अपूर्व कालरा कर्मचारी के स्वस्थ होने का इंतज़ार भी न कर सके और बिना पूर्व सूचना और चेतावनी के अपने परमानेंट कर्मचारी को बड़ी ही बेदर्दी से निकाल दिया। जबकि ऑफर लेटर में महीने तक तो काम सिखाने की बात ही लिखी गई थी। ऐसे में कोरोना काल में युवा पत्रकार को कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा है।
यदि आप कोई वेबवसाइट चलाते हैं तो अपने कर्मचारियों को इंसान समझिये तबीयत खराब किसी की भी कभी-भी हो सकती है। मेडिकल लीव वो भी सिर्फ चार दिन की इस पर बिना किसी चेतावनी और पूर्व सूचना के पत्रकार को नौकरी से निकालना एक गैर-पेशेवर रवैया है। दिन ब दिन पत्रकारों के साथ बढ़ती इस तरह की घटनाएं युवा पत्रकारों के हौंसले को एक गहरी चोट है। न्याय संगत बात करने वाले अगर पत्रकारों को ही बिजनेसमैन सरीखे लोग अपने तरीके से चलाएंगे तो देश की पत्रकारिता कहां जाकर ठहरेगी इसका आप खुद ही अंदाज़ा लगाइए। कल अगर मांसिक आघात के चलते युवा पत्रकार कोई गलत कदम उठाता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
puja
October 22, 2020 at 5:58 pm
ये श्रीमान कालरा कुछ समय पहले अपनी हिन्दी वेबसाइट के लिए ही फ्रीलांस राइटर ढूंढ रहे थे… पैसे दे रहे थे 1000 शब्दों तक के लेख के लिए 300 और 1500-2000 शब्दों के लेख के लिए 400 रुपये!!! मज़ाक है क्या??? 300-400 रुपये में लेख लिखकर उसे वेबसाइट पर अपलोड करना भी राइटर की ही जिम्मेदारी। दड़बे जैसा इनका ऑफिस है… नहीं चल रही वेबसाइट तो बंद कर दो… लोगों को बेवकूफ क्यों बना रहे हो!