ऊपर अखबार में जो प्रकाशित है, वो ख़बर अधूरी है। इसके आगे की कहानी ये है कि सफेदपोशों ने जिले के आला पुलिस अफसर पर दबाव बनाकर पुलिस से दुर्व्यवहार-मारपीट करने वाले और लॉक डाउन में खुलेआम शराब पीकर कार दौड़ाते हुए हंगामा करने वालों को थाने से छुड़वा लिया। दारू बीयर से भरी जिस कार को पुलिस ने सीज किया था उसे भी सफेदपोश रिलीज कराने में कामयाब हो गए।
बताया जा रहा है कि जिले के आला अफसर के ढीले ढाले लुंजपुंज ढुलमुल रवैये-कार्यशैली से जिले में पुलिस का रसूख लगातार गिरता जा रहा है। एक दागी टीवी पत्रकार के इशारे पर पुलिस महकमा चलने लगा है। ये दागी टीवी पत्रकार ही वो शख्स है जिसने जिले के आला पुलिस अफसर से सिफारिश कर असामाजिक तत्वों को रिहा करा लिया, सीज की गई कार भी छुड़ा ली। पूरे प्रकरण की सच्चाई इस अखबार में छपी है, पढ़िए-
उपरोक्त ख़बर में सफेदपोश का जिक्र है। ये सफेदपोश कोई और नहीं बल्कि एक बड़े न्यूज़ चैनल का दागी पत्रकार है। इस पत्रकार की आला पुलिस अफसर से दोस्ती इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। ज्ञात हो कि ये सफेदपोश पत्रकार छेड़छाड़ के एक मामले में नामजद है।
लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सख्ती किए जाने के योगी राज के आदेश का भरपूर मखौल बुलंदशहर पुलिस उड़ा रही है। अगर ऐसा न होता तो लॉक डाउन में दारू पीकर कार से शहर की सड़कों पर हुड़दंग करने वाले, पुलिस टीम पर हमला करने वाले असामाजिक तत्व गुंडा एक्ट या रासुका में जेल में होते और उनकी कार पूरी तरह सीज हो चुकी होती।
देखें कार रिलीज का ऑर्डर, जिसे एक स्थानीय पत्रकार द्वारा भड़ास को उपलब्ध कराया गया है-
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
ambrish
March 30, 2020 at 4:58 pm
भाई इस बड़े वाले सफेदपोश पत्रकार का नाम भी बताएं।