एक आपराधिक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंडिया न्यूज टीवी चैनल के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया की ज़मानत अर्ज़ी खारिज कर दी है। चौरसिया व अन्य पर आसाराम बापू के विषय में आपत्तिजनक कार्यक्रम प्रसारित करने का आरोप है।
इस संबंध में चौरसिया तथा अन्य के विरुद्ध आईपीसी की धारा 469, 471, 120B, आईटी एक्ट की धारा 67B और पाक्सो एक्ट की धारा 13C के अंतर्गत मुक़दमा दर्ज किया गया था। चौरसिया पर आरोप है कि उन्होने आसाराम बापू से संबंधित कुछ दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की और उन्हे अपने चैनल के शो ‘सलाखें’ में दिखाया।
चौरसिया तथा अन्य पर आसाराम से संबंधित कुछ आपत्तिजनक क्लिपिंग भी दिखाने का आरोप है जो कि आईपीसी के साथ ही आईटी एक्ट और पाक्सो के अंतर्गत अपराध है।
हाई कोर्ट ने ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए पुलिस को मामले की जांच आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। पुलिस चौरसिया को इस मामले में गिरफ्तार भी कर सकती है।
Comments on “आसाराम मामले में हाई कोर्ट ने दीपक चौरसिया की ज़मानत अर्जी खारिज की”
हालांकि मैं आसाराम जैसे लोगों की कुकृत्यों का समर्थन नहीं करता हूं..लेकिन दीपक चौरसिया जैसे संपादकों ने पूरे मीडिया जगत को उस जगह लाकर खड़ा कर दिया जहां से धमकाने और दलाली की गंध आना शुरु हो जाती है…आसाराम के प्रकरण में लगातार चैनल ने करीब 3 महीनों तक देश के महा दल्लों को ज्ञानी करार देते हुए ऐसे बहस कराई मानों ये सब नोबल जीतकर देश को नई दिशा देने के लिए बैेठे हैं…लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं हैं कि केवल टीआरपी ही नहीं आसाराम से बड़ी आर्थिक मदद लेने के लिए भी ये कोशिशें की गयी होंगी। दीपक चौरसिया ने खुद और अपने चैनल को स्तर बहुत गिरा लिया है। कोई बड़ी बात नहीं कि जेल की सलाखों के पीछे भी जल्दी जाना पड़े। हालांकि इससे पत्रकारिता का सम्मान और इज्जत दोनों ही बचेंगे…दलाली पत्रकारिता बंद करो अब…।
Deepak chor-rasia is Dalaal No. 1. To be hang till ……
INDIA NEWS is Drama stuff. Cheap chnl
असली बलात्कार तो ईस ने कीया है उस बच्ची का और मीडिया का
असली बलात्कार तो ईसने कीया है उस बच्ची का और मीडिया का
आशाराम मामले की जांच के साथ साथ दीपक चाैर िसया के घन दाैलत की भी जांच हाेनी चा िहए। कुछ साल पहले तक Ghaziabad के मी िडल क्लास कॉलाेनी Vashali के दाे कमरे के फ्लैट में रहने वाला आैर अपने एक संबंधी के साथ िमल कर परचून की दूकान चलाने वाले चाैर िसया के पास आ िखर इतनी संप ित्त कहां से आ गई। संपादकाें के पास बढ़ते बे िहसाब दाैलत की जांच समाज व देश िहत में बेहद जरूरी है।
ye bhi shamil ho gaya vinod sharma uske beton aur rakesh sharma ki chor team main , kitne chor ikatthe honge vinod sharma ke group main yaar , chalo jaisi karni waise bharni , good
Wah re pratikriya dene wale Patrakar sari galti Deepak chaurasiya ki sari galti Asha Raam pak shaf air nirdosh. Aide hi bhdue pratikriya dekar patrakaro par hamle karate hai. Dalalo sath nahi de sakte to chup to raho.
शशी शेखर जी के सम्पादक काल में आज अखबार आगरा में मुफत में काम करने आए थे दीपक चौरसिया। आज शशी शेखर जी के समतुल्य नजर आते हैं। आखिर कहां से आया इतना पैसा कि यह प्रमुख टीवी चैनल में हिस्सेदार के रूप में जाने जाते हैं ।